26 साल पहले 2,242 रुपए के फर्जीवाड़े के लिए शख्स को अब चुकाना होगा 55 लाख का भुगतान
नई दिल्ली. एक व्यक्ति ने वर्ष 1994 में किसी और के नाम का 2,242 रुपए का चेक भुना लिया था। इस फर्जीवाड़े के लिए उसे अब लाखों रुपए का भुगतान करना पड़ रहा है। दरअसल, यह मामला सुप्रीम कोर्ट में जा पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपी को अपने खिलाफ यह आपराधिक मुकदमा हटवाने के लिए शिकायतकर्ता को भुगतान करने के साथ न्यायिक प्रक्रिया और उसका समय बर्बाद करने के लिए जुर्माना भरना होगा।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के उपरांत आरोपी ने पेनल्टी के तौर पर 5 लाख रुपए और शिकायतकर्ता को 50 लाख रुपए भुगतान करने की बात कही। इस तरह वह कुल 55 लाख रुपए देने पर सहमत हुआ। बदले में कोर्ट ने भी उस पर से आपराधिक मुकदमा हटाने का आश्वासन दिया। बता दें कि, आरोपी का नाम महेंद्र कुमार शारदा है।
जानकारी के अनुसार, महेंद्र कुमार शारदा वर्ष 1992 तक शिकायतकर्ता ओम माहेश्वरी के साथ मैनेजर के तौर पर काम कर रहा था। वर्ष 1994 में फर्जीवाड़ा हुआ था। जिसके बाद माहेश्वरी वर्ष 1997 में दिल्ली के एक पुलिस स्टेशन में शारदा के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा दी। उस शिकायत में कहा गया कि एक 2242.50 रुपए का चेक किसी तरह शारदा के पास पहुंच गया और उसने फर्जी तरह से माहेश्वरी के नाम पर बैंक अकाउंट खुलवाया और चेक को अपने नाम कैश करा लिया।
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यानी यह मामला किसी और चेक को अपने नाम भुना लेने का था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अब आरोपी शारदा के खिलाफ आपराधिक आरोपों पर विचार करने पर सहमति व्यक्त की है, लेकिन इससे पहले उसे कहा गया है कि वह शिकायतकर्ता को निपटारे में 50 लाख रुपये के भुगतान के अलावा दो दशकों से अधिक न्यायिक प्रक्रियाओं का उपयोग करने के लिए 5 लाख रुपये का जुर्माना भरे।
कोर्ट द्वारा इस तरह सख्ती किए जाने के बाद शारदा कुल 55 लाख का भुगतान करने पर सहमत हुआ। उसे अपने 26 साल पुराने फर्जीवाड़े के लिए इतना मोटा भुगतान करना पड़ा। यह मामला अब तेजी से चर्चा में आ गया है।