मुस्लिम युवक पर लगा था 'लव जिहाद' का आरोप, कोर्ट ने कहा- कोई मामला नहीं बनता
मुस्लिम युवक पर लगा था 'लव जिहाद' का आरोप, कोर्ट ने कहा- कोई मामला नहीं बनता
नई दिल्ली। बीते साल हिन्दू लड़की के धर्म परिवर्तन के बाद उससे शादी करने वाले मुस्लिम युवक से शादी करने वाले युवक को कोर्ट ने रिहा कर दिया। पूर्व दिल्ली के युवक ने 17 साल की लड़की से शादी की थी, जिस पर लड़की की मां ने युवक के खिलाफ अपहरण और रेप का मामला दर्ज कराया था।
मुस्लिम लॉ का मिला फायदा
17 साल की लड़की से शादी करने के मामले में युवक को मुस्लिम लॉ का फायदा मिला। मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली के एक स्पेशल कोर्ट ने शख्स को रेप और अपहरण के आरोपों से बरी कर दिया। 18 जुलाई को केस की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अश्वनी कुमार सरपाल ने कहा कि मुस्लिम लॉ के तहत जब लड़की जवान (14-15 साल की उम्र के बाद) होने के बाद शादी कर सकती है। ऐसे में लड़की शादी कर सकती है।
लड़की ने किया था धर्म परिवर्तन
लड़की पिछले साल 9 जुलाई को अपने घर से लापता हो गई थी। घर से भागने के बाद लड़की ने इस्लाम धर्म अपना लिया था और फिर शादी की थी। लड़की की मां ने दिल्ली के कल्याणपुरी पुलिस थाने में आरोपी के खिलाफ अपहरण, विवाह के लिए मजबूर करने और पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। दिसबंर में पुलिस ने दोनों पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था
कोर्ट में लड़की ने कहा कि वह खुद लड़के के साथ गई थी और मर्जी से उससे शादी की। लड़की ने अपने बयान में खुद के बालिग होने का दावा किया। इस पर जज ने कहा कि आरोपी के खिलाफ लड़की के बयान में कोई साक्ष्य नहीं है।
मर्जी से गई लड़की तो अपहरण नहीं
फैसला सुनाते जज ने न्यायाधीश ने दिल्ली के ही दो पुराने मामलों को जिक्र करते हुए कहा कि लड़की ने अपनी मर्जी से अभिभावक का घर छोड़ा आरोपी के साथ रिलेशन बनाया। ऐसे में अपहरण या रेप का मामला नहीं बनता है।