CBSE की किताब में महिलाओं का फिगर बताने वाले चैप्टर पर प्रकाशक के खिलाफ केस दर्ज
खूबसूरती की परिभाषा बताने वाला ये सबक सीबीएसई की बारहवीं कक्षा की हेल्थ एंड फिजिकल एजुकेशन की किताब में है। इस चैप्टर में पुरुष और महिलाओं के शारीर में फर्क के बारे में बताया गया है।
नई दिल्ली। सीबीएसई की टेक्स्ट बुक में महिलाओं की खूबसूरती को लेकर फिगर साइज की बात बताई गई है। किताब के इस चैप्टर के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर आने के बाद इस पर खूब हंगामा हुआ। अब इस मामले में सीबीएसई ने प्रकाशक के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
सीबीएसई ने दर्जा कराया केस
खूबसूरती की परिभाषा बताने वाला ये सबक सीबीएसई की बारहवीं कक्षा की हेल्थ एंड फिजिकल एजुकेशन की किताब में है। इस चैप्टर में पुरुष और महिलाओं के शारीर में फर्क के बारे में बताया गया है। इसी में बताया गया है कि किस शेप की महिलाएं सबसे खूबसूरत होती हैं?
पब्लिशर की बढ़ी मुश्किलें
महिलाओं के फिगर का जिक्र करते हुए बताया गया है कि जिनका फिगर 36-24-36 होता है वैसी महिलाएं सबसे ज्यादा खूबसूरत होती हैं। मिस वर्ल्ड या मिस यूनिवर्स जैसी प्रतियोगिताओं में इसी फिगर की महिलाओं के ही चुने जाने की बात भी इस चैप्टर में है।
सोशल मीडिया पर खूब मचा हंगामा
इस चैप्टर में ना सिर्फ एक खास फिगर वाली महिलाओं को बेहतर बताया गया है बल्कि ऐसा फिगर वाली महिलाओं की इसके लिए मेहनत की तारीफ भी की गई है। लिखा गया है कि इस तरह का फिगर पाना सबके बस की बात नहीं है। इसके लिए बहुत मेहनत और व्यायाम की जरूरत होती है। फिगर पर ज्ञान देने वाली इस किताब को न्यू सरस्वती हाउस ने छापा है। इस मामले के सामने आने के बाद इस पर काफी हंगामा हुआ। आखिरकार सीबीएसई ने पूरे मामले पर प्रकाशक के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
चैप्टर को लेकर कई यूजर्स ने की खिंचाई
बता दें कि इस चैप्टर को लेकर सोशल मीडिया पर लोग तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई थी। कई यूजर्स ने लिखा कि आखिर बच्चों को ये कौन सी शिक्षा दी जा रही है जिसमें उन्हें किसी को बदसूरत और खूबसूरत मानने का पैमाना शरीर की बनावट बताया जा रहा है। लोग पूछ रहे हैं कि आखिर किसी गोरे बनाने की क्रीम के विज्ञापन और स्कूल की शिक्षा में कुछ फर्क है या नहीं। इस चैप्टर को लिखे वाले की मानसिकता पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं।
हाल ही में जलाने और दफनाने का सवाल पर हुआ था विवाद
बता दें कि हाल ही में सीबीएसई बोर्ड में बायोलॉजी के पेपर में सवाल किया गया था कि मुर्दे को जलाने और दफनाने में क्या ज्यादा बेहतर है? 12वीं के बायोलॉजी के पर्चे में आए इस सवाल ने छात्रों को तो परेशान किया ही, अभिभावक और दूसरे लोग भी इससे खफा दिखे। इस सवाल को लेकर एचआरडी से सीबीएसई तक सबसे लोगों नो काफी सवाल किए थे।
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