जेठमलानी का भुगतान: केजरीवाल ने अदालत में जो बात कही थी, उससे पलट गए सिसोदिया
अरविंद केजरीवाल ने अदालत में जो बातें कही थीं, उससे मनीष सिसोदिया पलट गए और जेठमलानी का भुगतान करने के लिए GAD को आदेश दे दिया।
नई दिल्ली। बीते साल 2016 की अक्टूबर में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अदालत को बताया था कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली पर भ्रष्टाचार के आरोप अपने निजी हैसियत पर लगाए हैं। उस वक्त केजरीवाल चाह रहे थे कि जेटली की ओर से दायर किए गए मानहानि के दो मामलों में से एक को खारिज कर दिया जाए।
कोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका
हालांकि कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि कार्यवाही निजी है। उस वक्त केजरीवाल का बचाव राम जेठमलानी कर रहे थे। दो महीने बाद जब जेठमलानी ने केजरीवाल को 3.8 करोड़ रुपए का बिल भेजा। जिसमें 22 लाख रुपए हर सुनवाई पर अदालत पहुंचने और 1 करोड़ रुपए बतौर रिटेनरशिप शामिल है। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसका भुगतान दिल्ली सरकार करे।
सिसोदिया ने दिए थे आदेश
समाचार चैनल एनडीटीवी के अनुसार 6 दिसंबर 2016 को सिसोदिया ने जेठमलानी को भुगतान करने के लिए यह तर्क दिया कि केजरीवाल ने बयान अपने आधिकारिक हैसियत पर दिए हैं। सिसोदिया के नोट पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी प्रतिलिपि में शामिल किया गया है।
सिसोदिया ने नोट में लिखा
सिसोदिया ने नोट में कहा है कि 'सीएम की ओर से जो बयान दिए गए वो उन्होंने अपने आधिकारिक हैसियत पर दिए हैं। ऐसे में दिल्ली सरकार का यह दायित्व है कि वो मुख्यमंत्री का बचाव करने के लिए वकील नियुक्त करे। उन्होंने 'जनरल एडमिनिस्ट्रेटि डिपार्टमेंट से जेठमलानी की नियुक्ति को स्वीकार करने और उनका भुगतान करने' की बात भी नोट में कही है।
उप-राज्यपाल से अनुमति की जरूरत नहीं!
डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक, 6 दिसंबर 2016 को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने प्रशासनिक विभाग को लिखे नोट में बिल का भुगतान सरकारी खजाने से करने को कहा था। इस मामले में 7 दिसंबर को दिल्ली सरकार के कानून विभाग ने अप्रूवल देने से मना कर दिया था और कहा था कि इसके लिए उपराज्यपाल की स्वीकृति होनी जरूरी है। कानून विभाग को एक बार फिर सिसोदिया ने नोट भेजा जिसमें लिखा था कि इसके लिए एलजी की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।
तब बोले जेठमलानी
दूसरी ओर जेठमलानी ने कहा था कि सभी लोग जानते हैं कि वो केवल धनी क्लाइंट्स से ही अपनी फीस के पैसे लेते हैं। गरीब क्लाइंट्स का केस वो फ्री में लड़ते हैं। मीडिया से बात करते हुए जेठमलानी ने कहा, 'अगर अरविंद केजरीवाल या उनकी सरकार मेरी फीस नहीं चुका सकती तो मैं उनका केस फ्री में लड़ूंगा। मैं उन्हें अपने किसी गरीब क्लाइंट की तरह ही मानकर उनके मुकदमे की पैरवी करूंगा।' जेठमलानी 11 बार केजरीवाल के केस के सिलसिले में कोर्ट में मौजूद रहे, इस तरह कुल बिल 3.42 करोड़ रुपए हुआ। यह केस अभी भी कोर्ट में है। इस बिल को लेकर ही विवाद छिड़ा हुआ है।
केजरीवाल पर भाजपा का आरोप
केजरीवाल पर भाजपा ने आरोप लगाया है कि उनकी सरकार जनता के पैसे से इस बिल का भुगतान करना चाहती है। इस मामले में मंगलवार को राम जेठमलानी ने कहा कि अरुण जेटली उनके सवालों से डर गए हैं और इसीलिए जेटली ने यह सारा विवाद खड़ा किया है।
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