AAP के 2 विधायक दंगा भड़काने, पुलिसकर्मियों को चोट पहुंचाने के दोषी ! 7 साल पुराना मामला, सजा पर फैसला जल्द
AAP के 2 विधायक दंगा भड़काने, पुलिसकर्मियों को चोट पहुंचाने के दोषी ! 7 साल पुराने मामला, सजा पर फैसला जल्द 2015 burari police station case AAP MLAs and 15 others guilty
नई दिल्ली, सितंबर 12 : सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई करने वाली दिल्ली की एक अदालत ने आम आदमी पार्टी (AAP) के दो विधायकों को दोषी पाया गया है। MLA अखिलेश पति त्रिपाठी और संजीव झा के साथ-साथ 15 अन्य को दंगा करने और पुलिसकर्मियों को चोट पहुंचाने का दोषी ठहराया गया है। हाल ही में अदालत ने 7 साल पुराने मामले में दोनों विधायकों को दोषी पाया।
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कोर्ट ने किन विधायकों को दोषी पाया
मामला 2015 में दिल्ली के बुराड़ी पुलिस थाने में एक बैठक और पुलिसकर्मियों पर हमले से जुड़ा है। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) वैभव मेहता ने AAP MLA अखिलेशपति त्रिपाठी और संजीव झा और अन्य आरोपियों को पुलिस कर्मियों पर दंगा और हमले से संबंधित एक मामले में गिरफ्तार करने का आदेश दिया।
हिंसक भीड़ को उकसाने में प्रमुख भूमिका
अदालत ने 7 सितंबर को पारित 149 पन्नों के फैसले में कहा, 'अदालत का विचार है कि अभियोजन यह स्थापित करने में सक्षम है कि जब भीड़ हिंसक हो गई थी, उस समय दोनों आरोपी व्यक्ति- संजीव झा और अखिलेश पति त्रिपाठी मौके पर मौजूद थे।' वास्तव में दोनों ने लोगों और भीड़ को उकसाने में प्रमुख भूमिका निभाई।
गैरकानूनी सभा करने का दोषी
अदालत ने आरोपी व्यक्तियों को दंगा करने, लोक सेवकों को बाधित करने, सरकारी कर्तव्य का निर्वहन करते हुए स्वेच्छा से लोक सेवकों पर हमला करने और गैरकानूनी सभा करने का दोषी ठहराया। हालांकि, अदालत ने उन्हें आपराधिक धमकी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के अपराध से बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाह अपनी गवाही में "संगत" थे। कोर्ट ने कहा कि दोनों विधायक घटनास्थल पर मौजूद थे और वे न केवल "सक्रिय भागीदार थे बल्कि वास्तव में भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे।"
सजा पर फैसला 21 सितंबर को
अदालत ने यह भी कहा, दो विधायकों ने "पुलिस अधिकारियों को सबक सिखाने और बल द्वारा पुलिस को डराने" के लिए भीड़ को "गैरकानूनी सभा के सामान्य उद्देश्य" के लिए उकसाया। अदालत दोषियों की सजा पर 21 सितंबर को दलीलें सुनेगी।
10 अन्य आरोपी बरी हुए
बता दें कि दो AAP विधायकों के अलावा, अदालत ने बलराम झा, श्याम गोपाल गुप्ता, किशोर कुमार, ललित मिश्रा, जगदीश चंद्र जोशी, नरेंद्र सिंह रावत, नीरज पाठक, राजू मलिक, अशोक कुमार, रवि प्रकाश झा, इस्माइल इस्लाम समेत मनोज कुमार, विजय प्रताप सिंह, हीरा देवी और यशवंत को दोषी ठहराया है। हालांकि, अदालत ने 10 अन्य आरोपियों को बरी भी किया।
बुराड़ी थाने में हिंसा
बता दें कि करीब सात साल पहले 20 फरवरी 2015 की रात बुराड़ी थाने में हिंसक घटना हुई। इस घटना में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया और पुलिस कर्मियों को पीटा गया। यह घटना तब हुई जब भीड़ ने पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए दो व्यक्तियों को उनके हवाले करने की मांग की। पुलिस ने भीड़ को शांत करने की कोशिश की लेकिन विधायक भीड़ के साथ हो गए। भीड़ ने पथराव किया और पुलिसकर्मियों पर हमला भी कर दिया। विधायकों की ओर से दलील दी गई कि वे भीड़ को शांत कराने थाने गए थे। उन्होंने अपनी सफाई में भीड़ को नहीं भड़काने की दलील दी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया।