दो साल में 200 से ज्यादा श्रद्धालुओं की हुई मौत, अब बद्रीनाथ-केदारनाथ में बनेंगे 2 ऑक्सीजन चेंबर
Dehradun news, देहरादून। चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की मौत का आंकड़ा कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। पिछले बीते वर्षों में यात्रा के दौरान अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हृदय रोग और दम फूलने जैसी घटनाओं के कारण दो सौ से अधिक श्रद्धालुओं की जान गई थीं। इसे रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बद्रीनाथ एवं केदारनाथ में दो ऑक्सीजन चैम्बर बनाने का निर्णय किया है। इस तरह की स्थिति आने पर श्रद्धालु इन सेंटरों में जाकर खुद को सामान्य रख सकेंगे।
समुद्रतल से बद्रीनाथ-केदारनाथ की ऊंचाई 11 हजार फीट से अधिक है। ऐसे में यहां अक्सर ही ऑक्सिजन की कमी बनी रहती है। उन लोगों को खासतौर पर इस कारण परेशानी होती है जिनको हृदय रोग या सांस संबंधी रोग होते हैं। आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2017 में चारधाम यात्रा के दौरान तकरीबन 112 यात्रियों की जान चली गई थी जबकि 2018 में भी 106 लोगों की जान गई। इनमें सबसे ज्यादा ब्लडप्रेशर, हार्ट अटैक, शुगर और दमे की बीमारियों के कारण लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। ऐसे में इस बार विभाग पिछले सालों में हुई घटनाओं से सबक लेते हुए दिख रहा है।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ रविंद्र थपिलयाल ने बताया कि पहली बार बद्रीनाथ और केदारनाथ में हाईपरबेरिक चेंबर बनवाए जा रहे हैं। इसमें ऑक्सीजन का प्रेशर मेंटेन रखा जाएगा। यहां पर जाकर इस तरह के लक्षण वाले व्यक्ति सामान्य महसूस कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि चारधाम यात्रा रूट पर इस बार कुल 30 विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की जा रही है जबकि कुल 84 डॉक्टरों को रोटेशन प्रणाली के तहत तैनात किया जा रहा है। केदारनाथ, बद्रीनाथ एवं अगस्तमुनि में टेलीमेडिसन की सुविधा भी श्रद्धालुओं को प्रदान की जाएगी।
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