देहरादून में कोरोना के बढ़ते मामलों का जिम्मेदार कुंभ? जानें क्या बोले अधिकारी
देहरादून, मई 16: उत्तराखंड में कोरोना के मामले बढ़ने का सबसे बड़ा कारण हरिद्वार कुंभ मेले को माना जा रहा है। राज्य की राजधानी देहरादून में भी कोरोना के मामले बढ़ने का कारण कुंभ को ही माना जा रहा है। हालांकि, अधिकारी इस बात से इनकार कर रहे हैं। उधर, आंकड़े बताते हैं कि कुंभ मेला संपन्न होने के बाद देहरादून में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे। कुंभ मेला शुरू होने से पहले मार्च के आखिरी सप्ताह में राजधानी में कोरोना के जहां रोज 100 मामले भी नहीं आते थे, उनकी संख्या मेले के बाद 2 हजार को पार कर गई। 'द प्रिंट' की खबर के मुताबिक, यह संख्या राज्य के कुल कोरोना मामलों की 30 फीसदी संख्या के बराबर है।
देहरादून में कोरोना वायरस का आंकड़ा
देहरादून में 12 मई को कोरोना वायरस के 2,352 नए केस सामने आए थे। जबकि 9 मई को ये संख्या 2,419 थी। वहीं, 10 मई को राजधानी में 1,857 कोरोना के मरीज मिले थे, जबकि 11 मई को ये संख्या 2,201 थी। 12 मई तक देहरादून में कोरोना के कुल मामले 93,849 थे, जो कि पूरे प्रदेश के 2,64,683 का 35 फीसदी है। बता दें, कोरोना महामारी के बीच हरिद्वार में आयोजित हुए कुंभ मेले में लाखों क्षद्धालुओं, साधु-संतों ने गंगा में डुबकी लगाई थी। ऐसे समय में जब पूरे देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से हाहाकार मचा हुआ था, उस वक्त हजारों की संख्या में साधु संतों ने एक साथ गंगा स्नान किया था। कुंभ की ये तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं, जिसकी आलोचना भी हुई। तस्वीरें में कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ती दिखीं। ना कोई मास्क लगाए दिखा और ना ही किसी ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया।
जिला प्रशासन 'कुंभ' को नहीं मानता पूरी तरह से जिम्मेदार
हालांकि, देहरादून जिला प्रशासन हरिद्वार कुंभ को पूरी तरह से कोरोना के मामले बढ़ने का कारण नहीं मानता। देहरादून के नोडल अफसर राजीव दीक्षित ने कहा, ''कुंभ मेला कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी ला सकता था, लेकिन यह उतना बुरा नहीं है, जितना लोग सोचते हैं। मेला एक सप्ताह पहले समाप्त हो गया, लेकिन हरिद्वार में अभी भी मामले कम हैं।' प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रायपुर के डॉक्टर एसके झा भी राजीव दीक्षित की बातों से सहमत नजर आए। उन्होंने कहा, ''मुझे नहीं लगता कि हम कुंभ मेले को कोरोना मामलों में वृद्धि के लिए दोष दे सकते हैं। हरिद्वार में स्थिति उतनी खराब नहीं है। मुझे नहीं लगता कि यह विश्लेषण समझ में आता है।''