Dilraj Kaur : सड़क पर चिप्स बेचने को क्यों मजबूर हैं भारत की पहली दिव्यांग शूटर दिलराज कौर
देहरादून, 23 जून: देहरादून में भारत की पहली महिला दिव्यांग शूटर दिलराज कौर को आर्थिक तंगी के कारण सड़क के किनारे चिप्स बेचना पड़ रहा है। उन्होंने बताया, ''मैंने 2004 में शूटिंग शुरू की थी और 2017 तक मैंने राष्ट्रीय स्तर पर 28 गोल्ड , 8 सिल्वर और 3 कांस्य मेडल जीता है।'' उन्होंने कहा, ''मेरे पिता लंबी बीमारी के बाद नहीं रहे और जल्द भाई की भी मौत हुई है। सरकार से कहना है कि मेरी शैक्षिक योग्यता और खेल में मेरी उपलब्धियों के आधार पर मुझे नौकरी दी जाए। किसी ने भी मेरी बात आज तक नहीं सुनी। पहली महिला एथलीट होने का जो सम्मान मुझे मिलना चाहिए वो नहीं मिला।''
28 गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं दिलराज कौर
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए दिलराज कौर ने बताया कि साल 2004 में उन्होंने शूटिंग शुरू की थी और नेशनल लेवल पर उन्होंने 28 गोल्ड मेडल जीते। इसके अलावा उन्होंने 8 रजत और 3 कांस्य पदक भी जीते। उन्होंने बताया कि उन्हें कुछ अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में भी मौका मिला था, लेकिन मौजूदा समय हालात खराब होने के बाद वो अपनी आजीविका चलाने के लिए देहरादून के एक पार्क के पास चिप्स और बिस्कुट बेचने के लिए मजबूर हो गई हैं।
पिता और भाई की मौत के बाद कर्ज में डूब गई
दिलराज कौर के मुताबिक, देहरादून में उनके पिता का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। हाल में ही भाई की भी मौत हो गई। उनके इलाज में बहुत सारा पैसा खर्च हो गया। इस दौरान उन्होंने अपने रिश्तेदारों और जानने वालों से काफी रुपया कर्ज के तौर पर ले लिए थे।
आजीविका के लिए बेच रही हूं चिप्स और स्नैक्स
दिलराज कौर ने बताया, ''मैं और मेरी मां हम दोनों एक किराए के मकान में रहते हैं। मां की पेंशन से हम इस मकान के किराए का भुगतान करते हैं। आजीविका चलाने के लिए कुछ ज्यादा पैसों की जरूरत है, जिसके लिए मैं देहरादून के इस पार्क में आने वाले लोगों को चिप्स और स्नैक्स बेचकर पूरा करने की कोशिश करती हूं।''
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