जयललिता के बाद शशिकला संभालेंगी AIADMK की कमान, बनाया गया पार्टी महासचिव
ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) ने अपना नया नेता चुन लिया है। AIADMK नेता और राज्य के मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम ने मीटिंग की अध्यक्षता की।
चेन्नई। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम की अध्यक्ष रहीं जयललिता के निधन के बाद AIADMK की पहली जनरल काउंसिल मिटिंग में एक प्रस्ताव के जरिए शशिकला नटराजन को पार्टी महासचिव की कमान सौंप दी है। बृहस्पतिवार को हुई जनरल काउंसिल की बैठक के दौरान पारित किए गए एक प्रस्ताव में कहा गया है 'चिन्नम्मा पार्टी का नेतृत्व करेंगी।' एक अन्य प्रस्ताव में कहा गया है कि शशिकला तब तक के लिए पार्टी महासचिव पद के लिए नियुक्त की जाती हैं, जब तक कि कोई नया पार्टी महासचिव चुन कर नहीं आ जाएगा। हालांकि 'चुनाव' शब्द के लिए प्रस्ताव में उल्लेख मिलता है कि बतौर पार्टी महासचिव शशिकला को पार्टी में मिला यह नई भूमिका, उसी तरह से जारी रहेगी जो पद पहले जयललिता के पास था।
पार्टी
के
प्रस्ताव
में
कहा
गया
है
कि
हम
जयललिता
में
MGR
और
शशिकला
में
दयललिता
को
देखते
हैं।
जनरल
काउंसिल
मिटिंग
की
अध्यक्षता
राज्य
के
मुख्यमंत्री
ओ.पन्नीरसेल्वम
और
पार्टी
अध्यक्ष
मधुसूदन
ने
की।
हालांकि
इस
जनरल
काउंसिल
की
मीटिंग
से
खुद
शशिकला
नदारद
रहीं।
जयललिता
के
निधन
के
बाद
से
ही
AIADMK
शशिकला
से
अपील
कर
रही
है
कि
वो
पार्टी
संभालें
लेकिन
वो
इन
अपीलों
पर
अब
भी
शांत
है।
जानकारी
के
मुताबिक
मीटिंग
में
14
प्रस्ताव
पास
किए
गए,
जिसमें
से
एक
यह
भी
है
कि
जयललिता
का
जन्मदिन
राष्ट्रीय
किसान
दिवस
के
रूप
में
मनाया
जाएगा।
गौरतलब
है
कि
जयरामन
जयललिता
का
अंतिम
संस्कार
मंगलवार
(6
दिसंबर)
शाम
चेन्नई
स्थित
मरीना
बीच
पर
कर
दिया
गया।
इस
दौरान
उनके
लाखों
समर्थक
और
तमाम
बड़े
नेता
मौजूद
रहे।सोमवार
(5
दिसंबर)
की
देर
रात
11.30
बजे
चेन्नई
के
अपोलो
अस्पताल
ने
जयललिता
के
निधन
की
सूचना
प्रेस
विज्ञप्ति
के
हवाले
से
दी
थी।
प्रेस
विज्ञप्ति
में
लिखा
गया
था
कि
जयललिता
को
22
सितंबर
को
भर्ती
किया
गया
था,
उन्हें
पानी
की
कमी
और
को-मॉर्बिडिटीज
की
शिकायत
थी।
मुख्यमंत्री
क्रिटिकल
केयर
यूनिट
पर
थीं
और
उनकी
तबियत
में
सुधार
हो
रहा
था।
लिखा
गया
था
कि
दुर्भाग्य
से
4
दिसंबर
को
जयललिता
को
बड़ा
दिल
का
दौरा
पड़ा,
जिसके
बाद
उन्हें
तुरंत
सीपीआर
दी
गई
जिसके
बाद
उन्हें
ईसीएमओ
पर
रखा
गया।
यह
दुनिया
के
श्रेष्ठ
तकनीक
है
जिसे
जयललिता
को
दिया
गया।
लेकिन
हमारी
श्रेष्ठ
कोशिशों
के
बाद
भी
जयललिता
11
बजकर
30
मिनट
पर
हमारे
बीच
नहीं
रही।
अपोलो
अस्पताल
के
सदस्य
और
तमाम
लोग
जयललिता
की
मृत्यु
से
दुखी
हैं।
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