जल्लिकट्टू से बैन हटाने की मांग पर चेन्नई के मरीना बीच पर हजारों लोगों का प्रदर्शन जारी
चेन्नई के मरीना बीच पर मंगलवार से हजारों लोग प्रदर्शन कर रहे हैं जिनकी संख्या बुधवार को और भी बढ़ गई है। ये लोग सरकार से किसी पक्के आश्वासन के बाद ही घर लौटने की बात कह रहे हैं।
चेन्नई। बेलगाम सांडों को काबू करने के खेल जल्लिकट्टू के समर्थन में तमिलनाडु के शहरों में छात्रों और युवाओं का सड़कों पर उतरना जारी है। लोग जल्लिकट्टू पर से बैन हटाने की मांग कर रहे हैं। 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में होने वाले इस खेल पर बैन लगा दिया था। चेन्नई के मरीना बीच पर मंगलवार से हजारों लोग प्रदर्शन कर रहे हैं जिनकी संख्या बुधवार को और भी बढ़ गई है। राज्य सरकार पर लगातार बढ़ते दवाब के बीच गुरूवार को तमिलनाडु के सीएम ओ पनीरसेल्वम इस मामले को लेकर पीएम मोदी से मुलाकात कर सकते हैं।
प्रदर्शनकारी राज्य सरकार के साथ-साथ पेटा के खिलाफ भी लगातार नारेबाजी कर रहे हैं। पेटा की मांग पर ही सुप्रीम कोर्ट ने इस खेल पर 2014 में सख्त रुख अपनाते हुए प्रतिबंध लगा दिया था। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री लगातार मामले को संभालने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार की ओर से दो मंत्री डी जयकुमार और मफोई पेंडीराजन भी प्रदर्शनकारियों से मिलने पहुंचे थे लेकिन कोई हल ना निकल सका। प्रदर्शनकारी हर हाल में इस खेल को होता देखना चाहते हैं।
प्रदर्शनकारियों
के
लगातर
मरीना
बीच
पर
डटे
होने
पर
मद्रास
उच्च
न्यायालय
ने
भी
हस्तक्षेप
से
इंकार
कर
दिया
है।
मुख्य
न्यायाधीश
संजय
किशन
कौल
और
न्यायमूर्ति
एम
सुंदर
के
सम्मुख
वकील
के
बालू
ने
इस
मुद्दे
को
उठाया
था,
उन्होंने
कहा
था
कि
पुलिस
मरीना
में
प्रदर्शनकारियों
के
सामने
बेबस
दिख
रही
है
कुछ
नहीं
कर
पा
रही
है।
इस
पर
अदालत
ने
कहा
कि
चूंकि
यह
मामला
उच्चतम
न्यायालय
में
चल
रहा
है
इसलिए
इस
पर
कोई
आदेश
नहीं
दिया
जा
सकता।
आपको
बता
दें
कि
जल्लीकट्टू
तमिलनाडु
का
एक
काफी
पुराना
खेल
है,
जो
फसलों
की
कटाई
पर
पोंगल
के
समय
खेला
जाता
है।
इसमें
भारी-भरकम
सांडों
की
सींगों
में
सिक्के
या
नोट
फंसाकर
रखे
जाते
हैं
और
फिर
उन्हें
भड़काकर
भीड़
में
छोड़
दिया
जाता
है,
इसके
बाद
लोग
सींगों
से
पकड़कर
इन
सांड़ों
को
काबू
में
करें।
पढ़ें-
आखिर
तमिलनाडु
में
'जल्लिकट्टू
महोत्सव'
पर
क्यों
मचा
है
बवाल?