चीनी अलीबाबा को टक्कर देने के लिए मार्केट में उतरी भारतीय 'ई-दुकान', 8 करोड़ दुकानदारों को होगा फायदा
चीनी अलीबाबा को टक्कर देने के लिए मार्केट में उतरी भारतीय ई-दुकान, 8 करोड़ दुकानदारों को होगा फायदा
नई दिल्ली। लोगों में ऑनलाइन शॉपिंग का क्रेज बढ़ता जा रहा है। लोग ऑनलाइन शॉपिंग ऐप्स की मदद से घर बैठे कहीं से भी सामान मंगवा लेते हैं। इन ऑनलाइन शॉपिंग में विदेशी कंपनियों का बोलबाला है, लेकिन अब इन विदेशी कंपनियों से टक्कर लेने के लिए भारत की अपनी ई-दुकान आ गई है। मेड इन इंडिया ऑनलाइन शॉपिंग बाजार की शुरुआत 11 मार्च से हो रई है, जिसकी मदद से 8 करोड़ छोटे दुकानदार देशभर में कहीं भी अपना सामान बेच सकेंगे।
भारत की मेड इन इंडिया ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट
कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) अपना ई कटमर्स पोर्टल शुरू कर रहा है। भारत ई-मार्केट की मदद से छोटे दुकानों को बड़ा मंच उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है। पिछले साल ही नवंबर में कैट ने इस ई कॉमर्स का लोगो लांच किया था। अब कैट इसे लॉन्च कर रही है। कैट का दावा है कि वो चीन की ई कॉमर्स साइट अलीबाबा को जल्द पछाड़ सकती है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल न कहा कि इस ई-दुकान का मकसद 31 दिसंबर 2021 तक कम से कम 7 लाख विक्रेताओं को ऑनलाइन मंच उपलब्ध कराना है। वहीं उनका लक्ष्य 31 दिसंबर 2023 तक 1 करोड़ सेलर्स को जोड़कर अलीबाबा को पछाड़ देने का है। अलीबाबा को पछाड़ने के साथ ही वो दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बन जाएगी।
भारतीय नीतियों का करेगी पालन
कैट
की
ये
ई-दुकान
भारतीय
नीतियों
का
पालन
करेगी।
प्रवीन
खंडेलवाल
के
मुताबिक
वो
हमेशा
से
अमेजॉन
और
फ्लिपकार्ट
जैसी
बड़ी
ऑनलाइन
कंपनियों
की
नीतियों
के
विरोधी
रहे
हैं।
ये
ई-दुकान
छोटे
व्यापारियों
के
हित
में
काम
करेगी।
वहीं
एफडीआई
के
नियमों
का
पालन
किया
जाएगा।
वर्तमान
में
8
करोड़
कारोबारी
जुड़े
हुए
हैं।
ये
आंकड़ें
उन्हें
5
लाख
कारोबारी
वाले
अमेजॉन
और
1.5
लाख
कारोबारी
वाले
फ्लिपकार्ट
से
आगे
निकलने
में
मदद
करेगी।
FREE में कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन
प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि भारत ई-मार्केट पर रजिस्ट्रेशन करने वाले दुकानदान बिना किसी शुल्क के इसका हिस्सा बन सकेंगे। हर छोटा दुकानदार फ्री में यहां अपनी ई-दुकान बना सकेगा। जबकि विदेशी कंपनियों ने 5 से 35 फीसदी तक कमीशन ली जाएगी। कैट ने कहा है कि इस ई-दुकान में चाइनीज सामान बेचने की अनुमति नहीं होगी। वहीं कुटीर और महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन दिया जाएगा।