3 हजार करोड़ के मालिक को बेटे ने किराए के घर मे रहने को किया मजबूर
मुंबई। कपड़ों के ब्रांड रेमंड के बारे में तो हर कोई जानता है, लेकिन बहुत ही कम लोग यह जानते हैं कि इस कंपनी को बुलंदी तक किसने पहुंचाया था। और यह तो शायद ही किसी को पता होगा कि कंपनी को बुलंदी तक पहुंचाने वाला वो शख्स अब कहां है। जब आपको असलियत का पता चलेगा तो आप भी हैरान रह जाएंगे। आइए जानते हैं वह आजकल क्या कर रहे हैं किस तरह जी रहे हैं।
पाई-पाई को हैं मोहताज
रेमंड कंपनी को 78 साल के विजयपत सिंघानिया ने बुलंदी पर पहुंचाया था, जो आज के समय में पाई-पाई के लिए मोहताज हैं। यह आरोप विजयपत सिंघानिया के वकील ने बॉम्बे हाईकोर्ट में उनके बेटे गौतम सिंघानिया पर लगाया है। वकील ने कहा है कि उनके बेटे गौतम रेमंड कंपनी को अपनी व्यक्तिगत जागीर की तरह चला रहे हैं। आपको बता दें कि रेमंड का कारोबार तीन हजार करोड़ रुपए का है।
किराए के घर में रहते हैं
मौजूदा समय में 78 साल के विजयपत सिंघानिया दक्षिण मुंबई स्थित ग्रांड पराडी सोसाएटी में किराए के रो हाउस में रहते हैं। सिंघानिया के वकील दिनयार मेडन के अनुसार सिंघानिया ने अपनी सारी संपत्ति अपने बेटे के नाम कर दी थी। उन्होंने अपने हिस्से के 1000 करोड़ रुपए के शेयर भी अपने बेटे के नाम कर दिए और अब उनके बेटे गौतम ने उन्हें बेसहारा छोड़ दिया है। यहां तक कि उनकी गाड़ी और ड्राइवर भी छीन लिए हैं।
विजयपत ने की है कोर्ट में याचिका दायर
वकील दिनयार मेडन के अनुसार विजयपत ने पिछले दिनों बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए मालाबार हिल स्थित पुनर्विकसित 14 मंजिला जेके हाउस में डुप्लेक्स पर कब्जा मांगा है। जेके हाउस 1960 में बना था। विजयपत और गौतम के बीच हुए समझौते के मुताबिक विजयपत के भाई अजयपत की विधवा वीणादेवी, वीणादेवी के बेटों अनंत और अक्षयपत में प्रत्योक को 5185 वर्ग फुट डुप्लेक्स दिया जाना था।