नोटबंदी के बाद मोदी सरकार लेने जा रही है दूसरा सबसे बड़ा फैसला, इसबार गोल्ड पर है नजर
नई दिल्ली। काले धन पर नकेल कसने के लिए सरकार एक बाद फिर बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। नोटबंदी के बाद सरकार की नजर अब ब्लैक मनी से सोना खरीदने वालों पर है। अंग्रेजी चैनल सीएनबीसी-आवाज की खबर के मुताबिक सरकार गोल्ड खरीदने के लिए एक खास स्कीम ला सकती है जो एमनेस्टी स्कीम की तर्ज पर होगा। जानकारी के मुताबिक इस स्कीम के तहत एक तय मात्रा से ज्यादा बगैर रसीद वाले गोल्ड होने पर उसकी जानकारी देनी होगी और गोल्ड की कीमत सरकार को बतानी होगी।
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खास समय सीमा के लिए होगी स्कीम
सूत्रों के मुताबिक, इस एमनेस्टी स्कीम के तहत गोल्ड की कीमत तय करने के लिए वैल्यूएशन सेंटर से सर्टिफिकेट लेना होगा। बगैर रसीद वाले जितने गोल्ड का खुलासा करेंगे उस पर एक तय मात्रा में टैक्स देना होगा। ये स्कीम एक खास समय सीमा के लिए ही खोली जाएगी। स्कीम खत्म होने के बाद तय मात्रा से ज्यादा गोल्ड पाए जाने पर भारी जुर्माना देना होगा। मंदिर और ट्रस्ट के पास पड़े गोल्ड को भी प्रोडक्टिव इन्वेस्टमेंट के तौर पर इस्तेमाल करने के खास ऐलान लिए हो सकते हैं।
जल्द ही मिल सकती है इसे मंजूरी
खबर के मुताबिक वित्त मंत्रालय के इकोनॉमिक अफेयर्स विभाग और राजस्व विभाग ने मिलकर इस स्कीम का मसौदा तैयार किया है। इसके बाद इसे पास कराने के लिए कैबिनेट के पास भेजा गया। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि बहुत जल्द कैबिनेट से इस मसौदे को मंजूरी मिल जाएगी। जानकारी के मुताबिक अक्टूबर के शुरुआती हफ्ते में ही इस मसौदे पर कैबिनेट में चर्चा होनी थी लेकिन महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों के चलते इसे उस वक्त टाल दिया गया था।
हो सकता है गोल्ड बोर्ड बनाने का ऐलान
जानकारी के मुताबिक एमनेस्टी स्कीम के साथ-साथ गोल्ड को एसेट क्लास के तौर पर बढ़ावा देने के भी एलान हो सकते हैं। इसके लिए सोवरन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को आकर्षक बनाने के लिए अहम बदलाव किए जा सकते हैं। सोवरन गोल्ड बॉन्ड सर्टिफिकेट को मोर्टगेज करने का भी विकल्प भी दिया जा सकता है और गोल्ड बोर्ड बनाने का ऐलान किया जा सकता है।