740 करोड़ फ्रॉड के आरोप में गिरफ्तार पगड़ी वाले दो भाइयों की कहानी
740 करोड़ फ्रॉड के आरोप में गिरफ्तार पगड़ी वाले दो भाइयों की कहानी
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने रैनबैक्सी लैबोरेटरीज (Ranbaxy Laboratories) के पूर्व सीईओ मलविंदर सिंह को गुरुवार देर रात गिरफ्तार किया। मलविंदर सिंह को पंजाब के लुधियाना से गिरफ्तार कर लिया गया है। इस गिरफ्तारी से पहले पुलिस उनके छोटे भाई शिविंदर समेत 4 लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। दोनों सिख भाईयों पर 740 करोड़ के फ्रॉड का आरोप है। रैनबैक्सी, फोर्टिस हेल्थकेयर और रेलीगेयर जैसी नामी कंपनियों के प्रमोटर रहे सिंह भाइयों के बीच कलह इतनी बढ़ गई कि एक ने दूसरे पर हत्या करवाने तक का आरोप लगा दिया, जबकि उससे पहले वहीं भाई अपनी सारी संपत्ति अपने भाई के नाम सौंपकर साधु बन चुके हैं, लेकिन अगले दो सालों में दोनों के बीच के संबंध ऐसे हुए की एक दूसरे से मिलना-जुलना तो दूर उन्होंने हत्या करवाने का आरोप तक लगा दिया।
ढ़ें- रैनबैक्सी के पूर्व सीईओ मलविंदर सिंह गिरफ्तार, 2300 करोड़ के धोखाधड़ी मामले में हुई गिरफ्तारी
कभी भाई को पूरी संपत्ति सौंप बन गया था साधु
एक समय ऐसा था जब सिख भाईयों के प्यार की मिशाल दी जाती थी। गोनों सिंह भाइयों की आपसी साझीदारी के किस्से फेमस थे। हालात ऐसे थे कि साल 2015 में शिविंदर सब कुछ अपने बड़े भाई मलविंदर के हाथों में सौंप कर राधा स्वामी सत्संग ब्यास में संत बन गए थे। उन्होंने फोर्टिस हेल्थकेयर के एग्जीक्यूटिव पद भी छोड़ दिया और सबकुछ अपने भाई को सौंपकर धर्म की राह पर चल पड़े, लेकिन ये स्थिति ज्यादा दिनों तक बनी नहीं रही। 43 साल के शिविंदर अपने बड़े भाई मलविंदर से 3 साल छोटे हैं।
रैनबैक्सी की वजह से शुरू हुआ झगड़ा
शिविंदर सिंह के दादा मोहन सिंह ने 1950 में रैनबैक्सी की कमान संभाली थी, जिसकी विरासत बाद में उनके बेटे परविंदर सिंह को मिली। ये कमान परविंदर के बेटे मलविंदर और शिविंदर को मिली, लेकिन उन्होंने रैनबैक्सी को एक जापानी कंपनी के हाथों बेचकर हॉस्पिटल्स, टेस्ट लैबोरेटरीज, फाइनैंस और अन्य सेक्टर्स में निवेश किया, लेकिन उनका ये फैसला सही साबित नहीं हुआ और सिख बंधुओं को भारी नुकसान हो गया। सिख भाइयों ने करीब 10 हजार करोड़ में रैनबैक्सी को एक जापानी कंपनी के हाथों बेचा था, लेतिव आज ग्रुप पर करीब 13 हजार करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ चुका है। दोनों भाईयों के बीच यह झगड़ा रैनबैक्सी कंपनी को जापान की दाइची सांक्यो कंपनी को बेचे जाने के बाद शुरू हुआ। हालात ऐसे बने कि दोनों भाइयों को फोर्टिस हैल्थकेयर की अपनी हिस्सेदारी बेचनी पड़ी, जिसके बाद फॉर्टिस के खातों में धांधली के आरोप लगे।
मारपीट तक पहुंच गया मामला
सिख भाईयों के बीच स्थिति ऐसी बनी कि सिंह ब्रदर्स में शुरू हुई कलह अब मारपीट तक पहुंच गई है। ये विवाद जगगाहिर हो गया। मलविंदर ने वीडियो जारी कर अपने छोटे भाई शिविंदर पर मारपीट का आरोप लगाया । दो भाईयों का झगड़ा सड़क पर आ गया। अब पुलिस ने मलविंदर सिंह और शिविंदर सिंहदोनों को गिरफ्तार कर लिया है। दोंनों सिख भाइयों पर धोखाधड़ी (Fraud) और ठगी का आरोप है। दोनों पर आईपीसी की धारा 409 और 420 के तहत गिरफ्तार किया गया है