अब ऋण वसूली करने के लिए डिटेक्टिव एजेंसियों का सहारा लेगी PNB
नई दिल्ली। गांधीगिरी अपनाने के बाद अब पंजाब नेशनल बैंक ने ऋण वसूलने के लिए डिटेक्टिव एजेंसियों का सहारा लेने का मन बना लिया है। पंजाब नेशनल बैंक ने ऐसी एजेंसियों के लिए आवेदन पत्र जारी किया है। उसका मानना है कि वो इन एजेंसियों के जरिए 57,519 करोड़ रुपए वसूल करने में सफल होंगे। एनपीए को दोबारा हासिल करने के अपने प्रयासों में, पीएनबी ने 'गांधीगिरी' का भी सहारा लिया है, जिसमें इसके कर्मचारियों को हर महीने 150 करोड़ रुपये के डूबत ऋण तक वसूले जाने की उम्मीद है।
पीएनबी ने जासूसी एजेंसियों की सेवाओं का उपयोग करके एनपीए खातों में बैंक की बकाया राशि वसूलने के उद्देश्य से जासूसी एजेंसियों को सूचीबद्ध करने के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। बैंक की ओर से कहा गया है कि जो भी एजेंसियां इसमें रुचि रखती हों वो 5 मई तक अपना आवेदन भर दें।
सभी एनपीए खाते (उप-मानक, संदिग्ध और हानि श्रेणी) बैंक द्वारा आवश्यक जानकारी इकट्ठा करने के लिए जासूसी एजेंसियों को आवंटित की जाएगी। उधारकर्ताओं की सहभागियों का पता लगाने के लिए एजेंसियों को किराए पर लिया जाएगा। जिन लोगों ने बंधकों जानकारी दी है वो या तो भारत के बाहर है या फिर यहां मौजूद ही नहीं है। चयनित एजेंसियों को अन्य चीजों के साथ डिफॉल्टर्स वर्तमान पते, व्यवसाय , उनकी सभी संपत्तियों के ब्योरे के बारे में नवीनतम जानकारी का पता लगाना होगा।
उन्हें कानूनी उत्तराधिकारी सहित डिफॉल्ट उधारकर्ता / गारंटर द्वारा बनाए गए बैंक खातों के विवरण भी प्राप्त करना होगा। एजेंसियों को रिपोर्ट जमा करने के लिए अधिकतम 60 दिन दिए जाएंगे, जो मामले की जटिलता को ध्यान में रखते हुए 90 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है। पीएनबी, जो एसबीआई के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी ऋणदाता है, की कुल NPA 57,519 करोड़ रुपये था।
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