ओपेक देशों की चाल से और ज्यादा महंगा होगा पेट्रोल-डीजल
तेल निर्यातक देशों के समूह ओपेक ने कच्चे तेल के उत्पादन को लेकर कम करने के प्रस्ताव पर सभी संबंधित देशों ने अपनी मुहर लगा दी है।
विएना। तेल निर्यातक देशों के समूह ओपेक ने कच्चे तेल के उत्पादन को लेकर कम करने के प्रस्ताव पर सभी संबंधित देशों ने अपनी मुहर लगा दी है।
वर्ष 2008 के बाद पहली बार ऐसा होगा जब कच्चे तेल की कीमतों को थामने के लिए कच्चे तेल का उत्पादन कम किया जाएगा। ओपेक देशों के एक समूह ने इस बावत न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को जानकारी दी है।
अलजियर्स में इस बावत सिंतबर एक प्रस्ताव किया गया था और इस पर आम सहमति बनाने की बात कही गई थी। ओपेक देशों के सदस्य अलजियर्स ने प्रस्ताव दिया है कि प्रति दिन कच्चे तेल के उत्पादन को 33.6 मिलियन बैरल प्रति दिन से घटाकर 32.5 मिलियन प्रति बैरल के स्तर पर लाया जाए। इस प्रस्ताव को ओपेक देशों ने अपनी हरी झंडी दे दी है।
मार्केट के विश्लेषकों के मुताबिक ओपेक देशों की आम सहमति के बाद कच्चे तेल की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 50 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती हैं। अभी बाजार में कच्चे तेल की कीमत 45 डॉलर प्रति बैरल के करीब है।
रॉयटर्स की खबर के मुताबिक सऊदी अरब और ईरान दोनों ही अपना कच्चे तेल का उत्पादन घटाने पर सहमत हो गए हैं। इसके बाद कच्चे तेल के वायदा कारोबार में 8 फीसदी ज्यादा हो गए हैं।
विएना में जारी बैठक में इस बात अभी भी बातचीत चल रही है कि कौन सा देश कितना कच्चे तेल का उत्पादन कम करेगा। अभी सिर्फ अलजियर्स ने बताया कि वो कितना कच्चे तेल का उत्पादन घटाएगा।