कोटक महिंद्रा ने क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए खोले दरवाजे, WazirX के साथ पार्टनरशिप करेगा बैंक
नई दिल्ली, 8 दिसम्बर। कोटक महिंद्रा क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग के लिए दरवाजे खोलने वाला भारत का पहला प्रमुख बैंक बन गया है। बैंक ने ट्रेडिंग करने वालों को पैसे लेने और भुगतान करने के लिए वज़ीरएक्स एक्सचेंज के साथ एक खाता खोलने का फैसला किया है।
यह खबर ऐसे समय में आई है जब तमाम रिपोर्ट में ये कहा गया है कि भारत सरकार का क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध का कोई इरादा नहीं है बल्कि यह इसके विनियमन की तैयारी कर रही है। अधिकांश प्रमुख बैंकों ने कुछ महीने पहले डिजिटल संपत्ति पर पूर्ण प्रतिबंध के डर से भुगतान बंद कर दिया था। इसके अतिरिक्त भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अप्रत्याशित परिणामों पर अपनी चिंताओं को बार-बार हरी झंडी दिखाई थी कि क्रिप्टोकरेंसी का मौजूदा वित्तीय प्रणाली पर प्रभाव पड़ेगा जो मुख्य रूप से फिएट मुद्रा द्वारा संचालित है।
जल्द
ट्रेडिंग
की
दे
सकता
है
अनुमति
कुछ
रिपोर्टों
में
कहा
गया
है
कि
कोटक
ने
वज़ीरएक्स
के
साथ
एक
खाता
खोला
है।
यदि
सब
कुछ
ठीक
रहा
तो
यह
साझेदारी
वज़ीरएक्स
पर
व्यापार
करने
वाले
निवेशकों
को
बैंक
खाते
के
माध्यम
से
भुगतान
करने
और
धन
प्राप्त
करने
की
अनुमति
देगी।
हालांकि
अभी
तक
दोनों
पक्षों
की
ओर
से
कोई
आधिकारिक
घोषणा
नहीं
की
गई
है।
भारत सरकार देश में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को विनियमित करने के लिए कानून पर विचार कर रही है। इसके पहले देश के अधिकांश हाई-प्रोफाइल बैंकों ने क्रिप्टोकरेंसी भुगतान को रोक दिया था।
केंद्र
सरकार
कानून
लाने
की
कर
रही
तैयारी
रिपोर्ट
के
मुताबिक
भारत
में
क्रिप्टोकरेंसी
को
विनियमित
करने
के
लिए
प्रस्तावित
कानून
में
क्रिप्टो
वित्त
पर
सरकार
के
नियमों
का
उल्लंघन
करने
वाले
लोगों
और
संगठनों
को
₹20
करोड़
तक
का
जुर्माना
और
1.5
साल
की
जेल
की
सजा
का
प्रावधान
करने
की
योजना
है।
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साल 2018 के अप्रैल में आरबीआई ने बैंकों को क्रिप्टो लेनदेन का समर्थन करने से प्रतिबंधित कर दिया था। हालांकि एक साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंध को रद्द कर दिया। इस साल मई में आरबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया और बैंकों को स्पष्ट किया कि वे अब क्रिप्टोकरेंसी बाजार में शामिल हो सकते हैं। लेकिन अधिकांश बैंक आरबीआई के निर्देश के और स्पष्ट होने का इंतजार कर रहे थे और साथ ही सरकार के रुख पर नजर रखे हुए थे कि क्या सरकार क्रिप्टोकरेंसी में व्यापार पर प्रतिबंध लगाती है।