जानिए Supertech के 25000 होम बायर्स पर क्या होगा असर? कंपनी हुई दीवालिया
नई दिल्ली, 25 मार्च। गाजियाबाद, गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा में रियल्टी कम्पनी सुपरटेक के कई प्रोजेक्ट (Supertech Projects) पूरे नहीं हुए हैं। वहीं कंपनी के खिलाफ दिवालिया की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने दिवाला और दिवालियापन संहिता (Insolvency and Bankruptcy Code) कानून के तहत सुपरटेक के विरूद्ध दायर याचिका स्वीकार कर ली। अब 25 मार्च से कंपनी के दिवालिया की प्रक्रिया शुरू होने के साथ कंपनी के घर खरीदने वालों के लिए संकट की स्थिति बन गई है।
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत रियलिटी कंपनी सुपरटेक पर कार्रवाई के लिए इनसॉल्वेंसी रेज्योलूशन प्रोफेशनल (IRP) हितेश गोयल को नियुक्त किया है। NCLT ने सुपरटेक के मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद अपना फैसला 17 मार्च 2022 सुरक्षित रखा था। मामले में यूनियन बैंक की ओर से बकाया को एकमुश्त बकाया लौटाने की मांग की गई थी। जिसे खारिज कर दिया गया था। मामले में दोनो पक्षों को सुनने के बाद NCLT ने सुपरटेक को इनसॉल्वेंसी में डालने का निर्णय लिया।
क्या
होगा
होम
बायर्स
पर
असर?
सुपरटेक
की
दिवालिया
प्रक्रिया
(Supertech's
Bankruptcy
Process)
से
25
हजार
से
अधिक
खरीददारों
(Supertec
Buyer)
की
मुश्किलें
बढ़
गई
हैं।
ये
कई
वर्षों
से
अपना
घर
मिलने
की
उम्मीद
लिए
बैठे
थे।
इन्होंने
रियलिटी
कंपनी
के
प्रोजेक्ट्स
में
घर
बुक
किए
थे।
लेकिन
अब
कंपनी
की
दिवालिया
प्रक्रिया
शुरू
होने
के
बाद
उन्हें
उनके
घर
पर
कब्जा
कैसे
मिलेगा
यह
एक
बड़ा
सवाल
है।
सुपरटेक
लिमिटेड
(Supertech
Ltd)
के
इनसॉल्वेंसी
में
जाते
ही
कंपनी
के
दिवालिया
होने
के
प्रक्रिया
शुरू
हो
चुकी
है।
कर्ज
में
डूबी
कंपनी
के
दिवालिया
होने
का
असर
अब
नोयडा,
ग्रेटर
नोयडा,
गुरुग्राम
और
गाजियाबाद
में
घर
का
सपना
देखने
वाले
खरीददारों
पर
भी
पड़ेगा।
कॉरपोरेट
रेज्योलूशन
प्रोसेस
शुरू
होते
ही
सभी
मामले
लटक
जाते
हैं।
ऐसे
में
यह
कहा
जा
सकता
है
कि
कंपनी
के
खरीददारों
को
प्रक्रिया
पूरी
होने
तक
इंतजार
ही
करना
पड़ेगा।
ऐसे
में
वर्षों
से
उम्मीद
में
बैठे
लोगों
को
अपना
घर
में
मिलने
में
लंबा
समय
लग
सकता
है।
Delhi
NCR
समेत
कई
शहरों
में
Supertec
की
परियोजनाएं
अधर
में
नोएडा,
ग्रेटर
नोएडा,
गुरुग्राम
और
गाजियाबाद
में
Supertech
की
कई
परियोजनाएं
(Supertech
Projects)
अभी
पूरी
नहीं
हुई
हैं।
कंपनी
ने
लंबे
समय
से
यूनियन
बैंक
का
कर्ज
नहीं
लौटाया
था।
बार-
बार
पेमेंट
डिफाल्ट
करने
की
वजह
से
यूनियन
बैंक
ऑफ
इंडिया
(Union
Bank
of
India)
ने
नेशनल
कंपनी
लॉ
ट्राइब्यूनल
(NCLT)
की
दिल्ली
बेंच
के
पास
इनसॉल्वेंसी
याचिका
दायर
की।
17
मार्च
को
याचिका
पर
दोनों
पक्षों
को
सुनने
के
बाद
ट्राइब्यूनल
ने
आज
अपना
निर्णय
सुनाया
दिया।
यूबीई
(UBI)
याचिका
को
स्वीकार
करते
हुए
एनसीएलटी
ने
रियलिटी
कंपनी
की
इनसाल्वेंसी
की
प्रक्रिया
शुरू
करने
का
आदेश
दिया
है।