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चीन की कंपनियों की वजह से बढ़ेगी भारत की जीडीपी, पीछे छूटेगा चीन

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बीजिंग। चीन की मंदी अब भारत के लिए वरदान साबित हो सकती है। इसकी वजह से चीन भी मान रहा है कि भारत उसे पीछे छोड़कर अरगे बढ़ने की ताकत रखता है। चीन के आधिकारिक मीडिया के मुताबिक चीन में आई आर्थिक मंदी वहां मौजूद कंपनियों को चीन के बजाय भारत जाने के लिए मजबूर कर रही है।

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श्‍याओमी का किया जिक्र

चीन के न्‍यूजपेपर ग्‍लोबल टाइम्‍स में छपे एक लेख के मुताबिक चीन की लीडिंग मोबाइल कंपनी श्‍याओमी और ताइवान की एक कंपनी फॉक्‍सकॉन जल्‍द ही भारत में निवेश को आ रही हैं। चीन के चौपट होते बाजार और भारत के बढ़ते बाजार ने कंपनियों को इस तरह के कड़े कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है।

ग्‍लोबल टाइम्‍स के मुताबिक श्‍याओमी ने एक हफ्ते पहले ही एक 'मेड इन इंडिया' हैंडसेट लांच कर दिया है। वहीं, इसके रेडमी-2 को ताइवान की कंपनी फॉक्‍सकॉन ने कांट्रैक्‍ट पर असेंबल कर रही है।

फॉक्‍सकॉन भारत में अपनी रिसर्च एंड डेवलपमेंट फैस‍िलिटीज को बढ़ा रहा है। कंपनी ने इसके लिए पांच खरब डॉलर के इनवेस्‍टमेंट प्‍लान को साइन किया है। ग्‍लोबल टाइम्‍स के मुताबिक‍ पिछले कुछ वर्षों में चीन और भारत के रिश्‍तों में भी आपसी समझ बढ़ी है।

होगा कॉम्‍पटीशन या फिर बनेंगे मददगार

दोनों के बीच इस बत को लेकर बहस भी होती रहती है कि इन रिश्‍तों को दोनों देशों को कॉम्‍पटीटर के तौर पर देखना चाहिए या फिर मददगार के तौर पर। ग्‍लोबल टाइम्‍स की मानें तो श्‍याओमी ने जो कदम उठाया है उससे दोनों देशों को एक दूसरे को मददगार समझना चाहिए। इससे यह भी इशारा मिलता है कि चीन और भारत के रिश्‍ते आगे और बेहतर होने वाले हैं।

मोदी सरकार की तारीफ

ग्‍लोबल टाइम्‍स लिखता है कि भारत की मोदी सरकार व्‍यापार के आड़े आने वाले हर मुश्किल को दूर करने में जुटी हुई है। सरकार कोशिशों में लगी है कि कैसे फॉरेन इनवेस्‍टमेंट पर लगे प्रतिबंधो को कम किया जाए, नौकरशाही में सुधार हो और लालफीताशाही से आजादी मिले। सरकार की कोशिशें भी अब रंग ला रही हैं। इन कोशिशों की वजह से दोनों देशों में बाजार का माहौल बदल रहा है।

लेकिन बढ़ सकती कड़वाहट

हालांकि ग्‍लोबल टाइम्‍स इसकी वजह से किसी भी तरह की कड़वाहट से इंकार भी नहीं कर रहा है। इसके मुताबिक आने वाले समय में दोनों देशों में प्रतिस्‍पर्धा बढ़ सकती है। इससे टकराव बढ़ने की भी उम्‍मीदें हैं। लेकिन साफ है कि भारत अब दुनिया की फैक्‍ट्री की ओर तब्‍दील होने को तैयार है।

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English summary
Its India's turn to become factory of the world says China. Chinese media writes positivity on India's growth.
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