भारत का चालू खाता घाटा 2021-22 की तीसरी तिमाही में बढ़कर 23 बिलियन डॉलर पहुंचा
मुंबई, 31 मार्च: कोरोना महामारी से आज चाहे स्थिति पहले की तरह पटरी पर लौट रही हो, लेकिन उससे हुए घाटे से अभी तक उभरा नहीं जा रहा है। ऐसे में भारत का चालू खाता घाटा (current account deficit) बढ़कर 9 साल के सर्वाधिक स्तर पर पहुंचा गया है। भारत का चालू खाता घाटा (सीएडी) 2021-22 की तीसरी तिमाही में 23 बिलियन डॉलर पहुंच हो गया है। भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से 31 मार्च को आंकड़े जारी किए गए हैं।
आरबीआई की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2021-22 की तीसरी तिमाही में भारत का सीएडी बढ़कर 23 अरब डॉलर हो गया, जो पिछली तिमाही यानी जुलाई-सितंबर 2021 में 9.9 बिलियन डॉलर था। वहीं अक्टूबर-दिसंबर 2020 में चालू खाता घाटा 2.2 अरब डॉलर था। ऐसे में यह अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए 9 साल का सर्वाधिक चालू खाता घाटा है। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि 2021-22 की तीसरी तिमाही में सीएडी का होना मुख्य रूप से बड़े व्यापार घाटे के कारण था।
आरबीआई ने बताया कि भारत का चालू खाता घाटा (सीएडी) 2021-22 की तीसरी तिमाही में बढ़कर 23.0 बिलियन डॉलर (जीडीपी का 2.7 प्रतिशत) हो गया, जो कि 2021-22 की दूसरी तिमाही में 9.9 बिलियन डॉलर (जीडीपी का 1.3 प्रतिशत) और एक साल 2020-21 की दूसरी तीमाही में 2.2 बिलियन डॉलर (जीडीपी का 0.3 प्रतिशत) था। भारत ने अप्रैल-दिसंबर 2021 में जीडीपी का 1.2 प्रतिशत का चालू खाता घाटा दर्ज किया, जबकि व्यापार घाटे में तेज वृद्धि के कारण अप्रैल-दिसंबर 2020 में 1.7 प्रतिशत का सरप्लस था।
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वहीं अप्रैल-दिसंबर 2021 में शुद्ध विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) 26.5 बिलियन डॉलर था, जो अप्रैल-दिसंबर 2020 में 41.3 बिलियन डॉलर से कम था। साथ ही बताया जा रहा है कि भारत की ओर से जुलाई-सितंबर तिमाही में किए गए आयात और कच्चे तेल के दामों में वृद्धि की वजह से ऐसा हुआ है। साथ ही अगर कच्चे तेल की कीमतों पर काबू नहीं हुआ तो अगले वित्त वर्ष में इसके और बढ़ने का अनुमान है।