एफएमसीजी सेक्टर की रफ्तार पड़ी धीमी, ग्रोथ रेट में भारी गिरावट
नई दिल्ली। देश के फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) सेक्टर की रफ्तार धीमी पड़ गई है। FMCG सेक्टर में ग्रोथ जुलाई-सितंबर 2018 से पिछली चार तिमाहियों में घट गई है। क्योंकि उपभोक्ताओं को शहरी बाजारों में सस्ते दैनिक आवश्यक ब्रांडों में स्थानांतरित कर गया है। जिससे ग्रामीण विकास धीमा हो गया। मार्केट रिसर्च फर्म नीलसन ने बुधवार को बताया कि अप्रैल-जून क्वॉर्टर में FMCG सेक्टर की वैल्यू ग्रोथ घटकर 10 पर्सेंट रही। यह ग्रोथ में कमी का लगातार तीसरा क्वॉर्टर है।
ग्रामीण बाजारों में मंदी के अलावा, संपत्ति बनाने वाले सभी कारक नकारात्मक दिख रहे हैं। वहीं अचल संपत्ति बाजार में काफी गिरावट आई है। अब शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी है। FMCG पर कुल खर्च में देश के ग्रामीण क्षेत्र की हिस्सेदारी 37 पर्सेंट की है। गांवों में आमदनी, उपलब्धता और डिमांड में बढ़ोतरी से इन क्षेत्रों की ग्रोथ शहरों से 3-5 पर्सेंट अधिक रहती थी, लेकिन हाल की तिमाहियों में ग्रामीण क्षेत्रों की ग्रोथ में तेजी से कमी आई है। इससे मौजूदा वर्ष के दूसरे क्वॉर्टर में ग्रामीण क्षेत्रों की ग्रोथ शहरों की ग्रोथ के करीब आ गई है।
आर्थिक मंदी के चलते एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में मांग कमजोर पड़ रही है, जिससे कमजोर घरेलू निवेश और वैश्विक आर्थिक विकास दर के पूर्वानुमान के साथ जोखिम बढ़ रहे हैं। हाल के सप्ताहों में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने घरेलू और वैश्विक बाजारों में हेडवांड का हवाला देते हुए भारत के विकास के पूर्वानुमान को कम किया है।
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