सरकारी बैंकों में डाले गए 8,800 करोड़ रुपए, जेटली बोले: सबका पैसा सुरक्षित
नई दिल्ली। सरकार ने आज चालू वित्त वर्ष के दौरान 20 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 88,139 करोड़ रुपये की पूंजी निवेश की घोषणा की, जिसमें आईडीबीआई बैंक को सबसे ज्यादा 10,610 करोड़ रुपये मिले हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उनके मंत्रालय ने पीएसबी में शामिल होने के लिए पूंजी की मात्रा पर विस्तृत कार्य किया है। चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 31 मार्च को समाप्त होने पर, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को 8,800 करोड़ रुपये का पूंजी और 9 832 करोड़ रुपये बैंक मिलेगा।
इन बैंकों को मिले पैसे
यूको बैंक को 6,507 करोड़ रुपये मिलेगा; पंजाब नेशनल बैंक - 5,473 करोड़ रुपये; बैंक ऑफ बड़ौदा- 5,375 करोड़ रुपये; सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया - 5,158 करोड़ रुपये; केनरा बैंक - 4,865 करोड़ रुपये; इंडियन ओवरसीज बैंक - 4,694 करोड़ रुपये और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया - 4,524 करोड़ रुपये ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स को 3,571 करोड़ रुपये देना होगा, देना बैंक को 3,045 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ महाराष्ट्र को 3,173 करोड़ रुपये, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के 2,634 करोड़ रुपये, कॉरपोरेशन बैंक को 2,187 करोड़ रुपये, सिंडिकेट बैंक 2,839 करोड़ रुपये, आंध्र बैंक 1,8 9 0 करोड़ रुपये, इलाहाबाद बैंक को ने 1,500 करोड़ रुपये, पंजाब और सिंध बैंक को 785 करोड़ रुपये मिलेगा।
जेटली ने कहा कि
जेटली ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए बैंकों में उच्चतम मानकों का पालन कर काम हो रहाहै इसके लिए और कदम उठाए जाने की आवश्यकता है और बीती गलतियां फिर से ना हो इसकेलिए संस्थागत तंत्र बनाए जाएंगे। जेटली ने कहा कि हमें एक बड़ी समस्या विरासत में मिली है और इसलिए, हम उस समस्या का हल खोज रहे हैं। उन्होंने कहा कि, 'हमारी भूमिका वास्तव में केवल एक समाधान खोजने के लिए नहीं बल्कि एक संस्थागत तंत्र बनाने के लिए भी है जो यह सुनिश्चित करने के लिए कि जो अतीत में हुआ वो दोहराया ना जाए।'
सभी का पैसा सुरक्षित
प्रेस वार्ता में जेटली ने कहा कि सभी का पैसा सुरक्षित है। सरकार की जिम्मेदारी है कि वो बैंकों की सेहत बनाए रखे और सरकारी बैंक कभी दिवालिया नहीं होंगे। जेटली ने कहा कि बैंक ग्राहकों के प्रति जवाबदार हों, होम बैंकिंग को बढ़ावा दें, नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें और एमएसएमई के मित्र बने। जेटली ने कहा कि हम ऐसी व्यवस्था बनाना चाहते हैं जिससे एनपीए की समस्या उत्पन्न ही न हो। सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की पूंजी अवश्यकता का निरीक्षण कर रही है।
छ: मूल विषय शामिल
प्रेस वार्ता में जानकारी दी गई कि पुनर्पूंजीकरण सुदृढ़ सुधार पैकेज जिसमें छ: मूल विषय शामिल हैं, जिनमें 30 कार्य बिन्दुओं में अंकलित किया गया है। सुधार एजेंडा नवम्बर 2017 में हुए पीएसबी मंथन, जिसमें पीएसबी के वरिष्ठ प्रबंधन तथा सरकार के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था, मे की गई सिफारिशों पर आधारित है। सुधार एजेंडा ईएएसई (EASE) - ग्राहक के प्रति उत्तरदायित्व के छ: मूल विषय उत्तरदायी बैंकिंग, ऋण बढ़ोत्तरी, उद्यमी मित्र के रूप में पीएसबी, वित्तीय समावेशन, डिजिटलाइजेशन तथा ब्रांड पीएसबी के लिए कार्मिकों के तैयार करने पर लक्षित है।
प्रभावी तथा उत्तरदायी पीएसबी
सुधार एजेंडे की व्यापक संरचना ‘'प्रभावी तथा उत्तरदायी पीएसबी'' है। सरकार द्वारा पूंजी का निवेश सुधार के संबंध में पीएसबी के कार्यनिष्पादन के अनुरूप होगा। पीएसबी के पूर्णकालिक निदेशकों को कार्यान्वयन हेतु उद्देश्य-वार सुधार सौंपे जाएंगे। इस संबंध में उनके कार्यनिष्पादन का मूल्यांकन बैंक बोर्ड द्वारा किया जाएगा। कहा गया कि पहुँच तथा सेवा गुणवत्ता के संबंध में लोगों के विचार का आकलन करने के लिए ईएएसई (EASE) के संबंध में एक सर्वेक्षण स्वतंत्र एजेंसी के द्वारा किया जाएगा।
प्रत्येक जिले में एक मोबाइल एटीएम
सर्वेक्षण के परिणाम को प्रति वर्ष सार्वजनिक किया जाएगा। कुल मिलाकर एमएसएमई एवं आम नागरिक की बैंकिंग सेवाओं में पर्याप्त रूप से वृद्धि करने को सुगम बनाने के लिए पीएसबी के पुनर्पूंजीकरण तथा सुधार एजेंडा पर जोर दिया गया है। इसमें प्रत्येक गांव में 5 किलोमीटर के भीतर बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता इलेक्ट्रॉनिक लेन-देन में किसी भी प्रकार के अप्राधिकृत डेबिट के मामले में 10 दिन के भीतर धनराशि की वापसी, बैंकिंग आऊटलेट पता करने के लिए एक मोबाइल ऐप और प्रत्येक जिले में एक मोबाइल एटीएम शामिल है।