Gold Hallmarking: 1 दिसंबर से बदल गया सोने से जुड़ा नियम, खरीदारी से पहले जानना जरूरी
Gold Hallmarking: 1 दिसंबर से बदल गया सोने से जुड़ा नियम, खरीदारी से पहले जानना जरूरी
नई दिल्ली, 2 दिसंबर। Gold Hallmarking Rules in India. सोने की खरीदने और बेचने को लेकर केंद्र सरकार ने नया नियम लागू किया है। 1 दिसंबर से सरकार ने गोल्ड हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया है। देश के 256 शहरों में 1 दिसंबर को अनिवार्य कर दिया गया है। गोल्ड हॉलमार्किंग अनिवार्य होने के बाद से ज्वैलर्स को जरूरी नियमों का पालन करना होगा। नियमों की अनदेखी करने पर ज्वैलरी विक्रेता को जेल तक जाना पड़ सकता है।
गोल्ड हॉलमार्किंग अनिवार्य
आप मोटी रकम देकर सोना खरीदते हैं, लेकिन सोने की क्वालिटी, उसकी शुद्धता को लेकर हमेशा दिमाग में संशय बना रहता है। ऐसे में सरकार ने गोल्ड हॉलमार्किग को अनिवार्य कर ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने 1 दिसंबर से गोल्ड हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया है। सरकार ने ज्वेलर्स को 30 नवंबर तक की राहत दी थी, जिसके बाद अब ज्वैलर्स को गोल्ड हॉलमार्किंग नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। ऐसा नहीं करने पर ज्वैलर्स पर सख्त कार्रवाई होगी।
256 शहरों में लागू
देशभर के 256 जिलों में हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया गया है। नए नियम के मुताबिक ज्वैलर्स अब बिना हॉलमार्किंग के गोल्ड ज्वैलरी नहीं बेच सकेंगे। जिन ज्वेलर्स का टर्नओवर 40 लाख से ज्यादा है या फिर वो ज्वैलर्स रजिस्टर्ड है, तो वो अपनी दुकान में सिर्फ और सिर्फ हॉलमार्किंग वाले गहने ही बेच सकेंगे। वहीं ज्वैलर्स को दुकान के बाहर एक डिस्प्ले बोर्ड लगाना होगा, जिसपर उन्हें ये अंकित करना होगा कि उनकी दुकान में हॉलमार्क की ज्वेलरी मिलती है। उन्हें दुकान के अंदर बीआईएस का नंबर और एड्रेस भी दिखाना होगा।
क्या है गोल्ड हॉलमार्किंग?
गोल्ड हॉलमार्किंग सोने की शुद्धता का पायमाना है, जिसके तहत सोने की शुद्धता नापी जाती है। भारतीय मानक ब्यूरो सोने की उसकी शुद्धता के मुताबिक कैरेट की रैंकिंग दी जती हैष सोने की शुद्धता के मुताबिक ही इसे 14 कैरेट, 18 कैरेट, 22 कैरेट और 24 कैरेट में विभाजित किया जाता है। बढ़ते कैरेट के साथ सोने के गहनों की गुणवत्ता और कीमत में अंतर आता है । केंद्र सरकार ने जनवरी 2020 मे ही गोल्ड हॉलमार्किंग को लेकर अधिसूतना जारीकी थी, जिसके बाद ज्वैलर्स के लिए बीआईएस हॉलमार्क वाले सोने के गहने को बेचना अनिवार्य बनाया गया। वहीं ज्वैलर्स को पुराना स्टॉक खत्म और गहनों पर हॉलमार्किंग करवाने के लिए समय दिया गया।
ग्राहक रखें इन बातों का ख्याल
वहीं ग्राहकों को भी कुछ बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए। जैसे ज्वैलरी हमेशा रजिस्टर्ड ज्वैलर्स से खरीदना चाहिए। गहना खरीदने से पहले उसपर हॉलमार्किंग जरूर चेक कर लें। अलग-अलग कैरेट के हिसाब से हॉलमार्किंग का नंबर अलग-अलग होता है। ज्वैलरी खरीदते वक्त हॉलमार्क जरूर देख लें। गहना खरीदते वक्त ज्वैलर से बिल जरूर लें।
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