बैंक यूनियनों ने दी हड़ताल की धमकी, मांग रहे नोटबंदी के दौरान किए ओवरटाइम का बकाया
नई दिल्ली। पूरे देश के लाखों बैंक कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने की धमकी दी है। दरअसल, जिन कर्मचारियों ने नोटबंदी के बाद ओवरटाइम किया था, उन्हें उनके पैसे अभी तक नहीं मिल पाए हैं। पब्लिक सेक्टर बैंकों के कर्मचारियों ने हड़ताल की धमकी देने के साथ-साथ यह भी कहा है कि अगर उनका बकाया पैसा नहीं दिया गया तो वह कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे। बैंक कर्मचारियों ने यह ओवरटाइम नोटबंदी के दौरान किया था। उस दौरान बैंक कर्मचारियों को रोजाना 14 घंटे से भी अधिक काम करना पड़ रहा था। नोटबंदी के दौरान बैंक कर्मचारियों के प्रतिदिन काम करने के घंटे तो बढ़ा ही दिए गए थे, साथ ही उनकी छुट्टियां भी कैंसिल कर दी गई थीं। इसी दौरान ओवरटाइन करने का पैसा बैंक कर्मचारी मांग रहे हैं, जो उन्हें अब तक नहीं मिल पाया है।
8
नवंबर
को
हुई
थी
नोटबंदी
की
घोषणा
पीएम
मोदी
ने
8
नवंबर
की
रात
को
नोटबंदी
की
घोषणा
की
थी,
जिसके
तहत
उन्होंने
500
और
1000
रुपए
के
सभी
पुराने
नोट
बंद
कर
दिए
थे।
सरकार
के
इस
फैसले
के
तहत
देश
भर
में
चल
रहे
करीब
86
फीसदी
से
भी
अधिक
करंसी
नोट
सिर्फ
कागज
का
टुकड़ा
बन
गए
थे।
इसके
बाद
लाखों
की
संख्या
में
लोग
बैंकों
में
अपने
नोट
बदलवाने
के
लिए
पहुंचे
थे,
और
यह
प्रक्रिया
करीब
दो
महीने
तक
चली।
इसी
दौरान
बैंक
कर्मचारियों
को
अतिरिक्त
काम
करना
पड़ा
था।
ये
है
ओवरटाइम
करने
पर
नियम
किसी
पब्लिक
सेक्टर
बैंक
में
अगर
कोई
कर्मचारी
ओवरटाइम
करता
है
तो
उसे
सैलरी
के
हिसाब
से
प्रति
घंटा
100-300
रुपए
मिलता
है।
इस
तरह
से
बैंकों
को
करोड़ों
रुपए
की
राशि
खर्च
करनी
पड़ी।
अब
बैंक
अपने
कर्मचारियों
को
यह
पैसा
नहीं
दे
पा
रहे
हैं,
इसी
के
चलते
कर्मचारी
अपने
बकाया
की
मांग
करते
हुए
हड़ताल
की
धमकी
दे
रहे
हैं।