बैंक अधिकारियों की यूनियन ने कहा- पैसों की समस्या खत्म होने में अभी लग सकते हैं 2-3 महीने
8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा हुई थी, जिसके बाद पुराने नोट बदलने के लिए 30 दिसंबर तक का समय दिया गया था। बैंक यूनियन के अधिकारियों का मानना है कि 30 दिसंबर के बाद भी स्थितियां सामान्य नहीं होंगी।
नई दिल्ली। भले ही पीएम मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा किए जाने के बाद 50 दिन का समय मांगा गया था, लेकिन इस अवधि के बाद स्थितियां पहले जैसी सामान्य हों, ये काफी मुश्किल है। एनडीटीवी प्रॉफिट को बैंकों के अधिकारियों की यूनियन के एक अधिकारी ने कहा है कि स्थितियां सामान्य होने में अभी दो से तीन महीने लग सकते हैं। ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी हरविन्दर सिंह ने कहा कि पहले जैसी स्थिति फरवरी या फिर मार्च तक आएगी। आपको बता दें कि ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन में करीब 2.8 लाख बैंक अधिकारी हैं।
सिंह
ने
कहा
कि
रिजर्व
बैंक
बैंकिंग
इंडस्ट्री
की
जरूरत
के
हिसाब
से
पैसे
नहीं
दे
रहा
है,
जिसकी
वजह
से
करंसी
नोटों
की
काफी
कमी
हो
रही
है।
बैंक
से
पैसे
निकालने
की
सीमा
24,000
रुपए
है
और
एटीएम
से
पैसे
निकालने
की
सीमा
2,500
रुपए।
वहीं
लोगों
की
जरूरत
को
पूरा
करने
के
लिए
अगर
रिजर्व
बैंक
हर
बैंक
को
20-30
लाख
रुपए
भेजता
है
तो
इस
तरह
से
बैंक
अगर
सबको
24,000
रुपए
दे
दें
तो
100
ग्राहकों
को
भी
पैसे
नहीं
दे
पाएंगे।
नोटबंदी
के
चलते
करीब
15.44
लाख
करोड़
रुपए
के
500
और
1000
रुपए
के
नोट
बेकार
हो
गए
हैं,
लेकिन
बैंकों
द्वारा
लोगों
को
अभी
तक
सिर्फ
6
लाख
करोड़
रुपए
के
नए
नोट
ही
बांटे
जा
सके
हैं।
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नोटबंदी:
बिहार
में
बिना
बैंक
खातों
के
ही
लोगों
के
पास
पहुंच
गए
ATM
कार्ड
सिंह
ने
कहा
कि
30
दिसंबर
के
बाद
पैसे
निकालने
की
सीमा
को
खत्म
करना
बहुत
ही
मुश्किल
है
और
हो
सकता
है
कि
भारतीय
रिजर्व
बैंक
इस
सीमा
के
बाद
भी
पैसे
निकालने
पर
लगी
पाबंदियों
को
जारी
रखे।
बड़े
शहरों
में
स्थितियां
कुछ
हद
तक
सामान्य
हो
रही
हैं,
लेकिन
छोटे
शहरों
और
गांवों
में
स्थितियां
अभी
भी
ठीक
नहीं
हो
पा
रही
हैं।
सिहं
के
अनुसार
यह
हो
सकता
है
कि
भारतीय
रिजर्व
बैंक
महीने
भर
बाद
पैसे
निकालने
की
सीमा
को
खत्म
कर
दे,
लेकिन
स्थितियां
समान्य
होने
में
अभी
दो
से
तीन
महीने
लग
सकते
हैं।