इतनी सी कसरत और दिल हो जाएगा जवां
अपने दिल को जवां कौन नहीं रखना चाहता लेकिन दिल की सेहत बनाए रखने के लिए थोड़ी बहुत मेहनत भी करनी ज़रूरी है.
इस मेहनत से हम अक्सर भागते हैं लेकिन मेहनत करने के फ़ायदे बहुत हैं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक एक हफ्ते में चार से पांच बार व्यायाम करने से आपका दिल स्वस्थ बना रहता है. इससे धमनियों में रक्त का प्रवाह अच्छा बना रहता है.
अपने दिल को जवां कौन नहीं रखना चाहता लेकिन दिल की सेहत बनाए रखने के लिए थोड़ी बहुत मेहनत भी करनी ज़रूरी है.
इस मेहनत से हम अक्सर भागते हैं लेकिन मेहनत करने के फ़ायदे बहुत हैं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक एक हफ्ते में चार से पांच बार व्यायाम करने से आपका दिल स्वस्थ बना रहता है. इससे धमनियों में रक्त का प्रवाह अच्छा बना रहता है.
शोधकर्ताओं का कहना है कि वैसे तो किसी भी तरह का व्यायाम दिल की बीमारियों का ख़तरा कम करता है. लेकिन, सही समय पर सही मात्रा में व्यायाम करना दिल और रक्त वाहनियों को बूढ़ा होने से रोकता है.
द जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी में प्रकाशित इस अध्ययन के दौरान शोध में शामिल लोगों के जीवन भर किए गए व्यायाम को देखा गया और फिर धमनियों की कठोरता को मापा गया.
कितना व्यायाम ज़रूरी
धमनियां असल में रक्त वाहिकाएं होती हैं जिनके जरिये खून दिल तक और उसके बाद पूरे शरीर में पहुंचता है.
धमनियों का आकार किसी ट्यूब की तरह होता और उम्र बढ़ने के साथ इनमें कठोरता आती रहती है. ज्यादा वसा वाला खाना खाने पर भी धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं और रक्त का प्रवाह रुकने का खतरा पैदा हो जाता है.
शोधकर्ताओं ने पाया है कि जीवनभर हर हफ्ते दो से तीन बार व्यायाम करने (हर सेशन 30 मिनट) से मध्यम आकार की वो धमनियां स्वस्थ बनी रहती हैं जो दिमाग और गर्दन तक खून पहुंचाती हैं.
लेकिन, जो लोग एक हफ्ते में चार से पांच बार व्यायाम करते हैं उनकी बड़ी केंद्रीय और मध्यम आकार दोनों तरह की धमनियां अच्छी तरह काम करती हैं और आप सेहतमंद बने रहते हैं.
ये बड़ी धमनियां सीने और पेट तक खून पहुंचाती हैं. हालांकि, इस शोध में खान-पान, सामाजिक पृष्ठभूमि और शिक्षा को आधार नहीं बनाया गया है जिनका दिल की सेहत पर असर होता है.
डलास में इंस्टीट्यूट फॉर एक्सरसाइज एंड एंवायरंमेंटल मेडिसिन के प्रमुख लेखक डॉ. बेंजामिन लेवाइन का कहना है, ''ये शोध वाकई दिलचस्प है क्योंकि इससे हमें दिल की सेहत बनाए रखने और बूढ़े दिल को फिर से जवां बनाने के लिए एक्सरसाइज प्रोग्राम बनने में मदद मिलेगी.''
डॉ. लेवाइन कहते हैं कि पिछले शोध दिखाते हैं कि 70 साल की उम्र में दिल की उम्र को पीछे ले जाना नामुमकिन सा है. चाहे आप एक साल तक ट्रेनिंग लें लेकिन इस उम्र में दिल और धमनियों के ढांचे में बदलाव करना मुश्किल होता है.
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