नोटबंदी का असर: शादी में शरीक हुए लोगों को पिलाई चाय
नोटबंदी का असर, सूरत के कपल ने 500 रुपए में निपटाई शादी तो अब बुलंदशहर के एक जोड़े ने सिर्फ चाय पिलाकर शादी कर ली।
बुलंदशहर। पिछले दिनों कर्नाटक के एक नेता ने 5 अरब से अधिक रूपये शादी में खर्च किए थे। ये शादी बहुत चर्चा में रही। हरियाणा में एक दुल्हन की विदाई हेलीकॉप्टर में हुई। गुजरात के सूरत में बारातियों को सिर्फ चाय सर्व की गई। एक आईएएस कपल ने 500 रूपए में पूरी शादी निपटा दी। इन चार शादियों में एक समानता है और वो ये कि ये चारों ही शादियां नोटबंदी के बाद हुईं।
अब बुलंदशहर में हुई एक शादी चर्चा में है। ये शादी भी बेहद खास है। इस शादी में ना तो गाजा-बाजा था और ना ही डीजे। ना ही कोई 56 भोग बनाए गए थे। शादी में शरीक होने वाले को कुछ मिला तो बस एक कप चाय।
जी हां, सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लगेगा, लेकिन यह सच है। जहंगीराबाद इलाके के गांव जलीलपुर निवासी विजेन्द्र सिंह के पुत्र दिनेश की शादी 4 दिसम्बर को जेपीनगर निवासी वीना के साथ हुई है। शादी में आए महमानों को दावत की जगह मिली तो सिर्फ चाय।
दुल्हे दिनेश कुमार कहते हैं, पैसा नहीं था तो यही सही। बैंकों की लाइन में कई दिन लगने के बाद भी जब पैसे नहीं मिले तो ये चाय वाली शादी का आइडिया आया। दुल्हे ने बताया कि मोदी जी की चाय पर चर्चा काफी फेमस है तो उन्होंने भी लड़की पक्ष के लोगों से केवल चाय की डिमांड की। बस फिर क्या था दुल्हन पक्ष के लोगों ने बरातियों का स्वागत चाय से किया।
चाय वाली इस अनोखी शादी को देखने के लिए पूरे जलीपुर गांव के वाशिंदे मंदिर पहुंच गए। इस शादी में कोई दावत नहीं थी, कोई पकवान नहीं और ना ही डीजे था। शादी में आए लोगों को मिली तो केवल चाय और ढोलक पर लोक संगीत। शादी में शरीक हुए लोगों ने सुनीं ढोलक की थाप और देखा खुशी का मंजर।
दूल्हे के पिता विजेन्द्र सिंह कहते हैं, 10 दिन बैंकों के बाहर लाइन में लगने के बाद केवल 2 हजार रूपए मिले थे। बैंक के मैनेजर से बात की तो उन्होंने कहा कि बडे अधिकारियों से लिखवाकर लाओ। हम बडे अधिकारियों से लिखवाकर भी लाए, लेकिन बैक कर्मियों ने कैश देने से मना कर दिया।
शादी में शामिल होने आए रनवीर सिंह ने बताया कि दोनो पक्षों का पैसा बैंक में जमा है। कई दिनों तक लाइन में लगने के बाद भी दोनों पक्षों को पैसा नही मिल सका। इस शादी में दान-दहेज भी नहीं दिया गया।
आप को बता दे कि शादी में डांस था, लोग खुश थे, नहीं थी तो बस दावत। शादी ऐसी कि हर कोई शादी की तारीफ कर रहा था और लोगों के हाथों में थी सिर्फ चाय। लोगों के लिए शादी में चाय आकर्षण का केन्द्र बनी हुई थी।