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इटली का वो मोस्ट वॉन्टेड डॉन जिसे पुलिस 30 साल से तलाश रही थी

पुलिस को 30 साल से माटेओ की तलाश थी. पुलिस के पास उनका सिर्फ़ एक स्केच और आवाज़ की रिकॉर्डिंग थी. फिर कैसे गिरफ़्त में आया माफ़िया डॉन?

By BBC News हिन्दी
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माटेओ मेसिना डेनारो
EPA/POLICE HANDOUT
माटेओ मेसिना डेनारो

इटली के मोस्ट वॉन्डेट माफ़िया बॉस को सिसली में एक निजी क्लिनिक के सामने पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

एक व्यक्ति को कैफे की तरफ जाते देखकर एक पुलिसकर्मी ने उनसे उनका नाम पूछा. व्यक्ति ने झूठ कहने की कोशिश नहीं की बल्कि पुलिसकर्मी की तरफ देखकर कहा, "तुम्हें पता है मैं कौन हूँ. मैं माटेओ मेसीना डेनारो हूं."

इस वक्त तक पुलिस को इस बात का भरोसा नहीं था कि जिस व्यक्ति से नाम पूछा जा रहा है वो माफ़िया "बॉस के भी वो बॉस हैं" जिनकी तीन दशकों से पुलिस को तलाश थी.

क्लिनिक में इलाज के लिए माटेओ ने एन्ड्रिया बोनाफेड के नाम से अपॉइंटमेंट बुक कराई थी. लेकिन सालों की रिसर्च के बाद और केवल एक कंप्यूटराइज़्ड तस्वीर की मदद से माटेओ की जांच कर रही इटली की पुलिस को भरोसा था ये व्यक्ति वही हैं जिसकी उन्हें सालों से तलाश थी.

जिस वक्त माटेओ कोसा नॉस्ट्रा अपराधी गिरोह के प्रमुख हुआ करते थे उस वक्त इस गिरोह ने धोखाधड़ी, कूड़े को अवैध तरीके से डंप करने, पैसों का हेरफेर और नशे का व्यापार जैसे काम किए. साल 2002 में माटेओ को कई हत्याओं का दोषी पाया गया. अदालत ने जिस वक्त ये ये फ़ैसला दिया उस वक्त माटेओ अदालत में मौजूद नहीं थे.

कथित तौर पर वो टोटो रीना के क़रीबी माने जाते हैं जो कारलियोनी माफ़िया के प्रमुख रहे थे. पुलिस ने उन्हें 23 सालों की तलाश के बाद 1993 में गिरफ्तार किया था.

टोटो रीना
pier silvio ongaro/Sygma via Getty Images
टोटो रीना

1993 से ही माटेओ मेसीना डेनारो ग़ायब हो गए. तीस सालों तक जांचकर्ता उनकी तलाश करते रहे, लेकिन पहचान के लिए उनके पास केवल माटेओ के चेहरे का एक स्केच था और ऑडियो टेप में रिकॉर्ड उनके आवाज़ के कुछ सैंपल

बाद में उन्हें वेनेज़ुएला से लेकर नीदरलैंड्स में देखे जाने की ख़बरें आती रहीं. लेकिन आख़िर में उन्हें सिसली के केंद्र पालेरमो में गिरफ्तार किया गया.

इटली में वरिष्ठ पत्रकार एंड्रिया परगटोरी ने बीबीसी को बताया, "उन्हें पकड़ने में काफ़ी अधिक वक्त लगा. माफ़िया सरगनों की तरह उनके आसपास भी मददग़ारों का एक जटिल नेटवर्क था जिसकी जड़ें बेहद गहरी थीं."

कई लोगों का मानना है कि सोमवार को माटेओ की गिरफ्तारी इसलिए हो सकी क्योंकि असल में उन्हीं के एक सहयोगी ने ये ख़बर लीक की थी. शायद इस सहयोगी को लग रहा था कि माफ़िया सरगना अब बूढ़े हो चुके हैं और उनके लिए फायदेमंद नहीं रह गए हैं.

एंड्रिया परगटोरी कहते हैं कि, "एक ज़माना था जब इटली के मोस्ट वॉन्टेड माफ़िया सरगना पालेरमो की सड़कों पर खुलेआम बाहर निकलते थे. कोसा नॉस्ट्रा के लिए पालेरमो जैसी उसका प्रमुख अड्डा बन गया था."

आख़िर में इसी व्यस्त शहर के केंद्र में उन्हें एक सार्वजनिक जगह से माटेओ को पकड़ा गया. लेकिन 30 साल की तलाश के बाद आख़िर कैसे पुलिस ने उन्हें कैसे पकड़ा?

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माटेओ मेसीना डेनारो
EPA/FRANCO LANNINO
माटेओ मेसीना डेनारो

एक संवाददाता सम्मेलन में पुलिस ने इस कहानी को खारिज कर दिया कि उन्हें माटेओ के बारे में किसी ने कोई ख़ुफ़िया सूचना दी थी.

पुलिस का कहना था कि उन्होंने जांच के पुराने तरीके अपनाए और संदिग्ध को पकड़ने के लिए आधुनिक तकनीक का भी इस्तेमाल किया था.

रोम के एलयूआईएसएस यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर और वकील मित्या जालूज़ कहते हैं, "बीते सालों में माटेओ मेसीना डेनारो के इर्दगिर्द उनके वफ़ादारों और उनके नेटवर्क के लोगों की जैसे एक दीवार बना दी गई थी."

लगभग एक दशक तक पुलिस ने ऐसे कई लोगों को पकड़ा जिनपर माटेओ की मदद करने का शक़ था. इस दौरान सौ से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया जिनमें उनके परिवार के लोग शामिल थे. साथ ही उनसे जुड़े 13 करोड़ डॉलर के बिज़नेस को भी ज़ब्त किया गया.

पत्रकार तियो लूज़ी कहते हैं, "धीरे-धीरे उनके आसपास का उनका नेटवर्क कमज़ोर होता गया... इस कारण वो वक्त के साथ और अकेले पड़ते गए."

इस बीच माटेओ के परिजनों के फ़ोन की टैपिंग भी चलती रही. उन्हें भी इस बात का अंदाज़ा रहा होगा कि उनकी बातें सुनी जा रही हैं इसलिए वो लोग भी 'कैंसर पीड़ित लोग' और 'कैंसर सर्जरी' जैसे आम शब्दों का इस्तेमाल करते और संकेतों में बात करते.

लेकिन ये भी जांचकर्ताओं के लिए काफी था, ख़ासकर इसलिए कि इस तरह की अफ़वाहें हर तरफ थीं कि माटेओ मेसीना डेनारो बीमार हैं.

इस जानकारी के साथ-साथ जांचकर्ताओं को ये भी पता चला कि माटेओ के साथी इंटरनेट पर क्रॉन्स नाम की बीमारी (आतों में सूजन के कारण पेट में भीषण दर्द) और लीवर कैंसर के बारे में सर्च रहे थे.

इन सभी जानकारियों के आधार पर पुलिस ने अंदाज़ा लगाया कि माफ़िया सरगना मटेओ अपना इलाज करवाने के लिए क्लीनिक से संपर्क में हैं.

इसके बाद पुलिस ने उन सभी मरीज़ों के आंकड़े जुटाने शुरू किए जिनका जन्म साल 1962 में पश्चिमी सिसली के ट्रापनी में हुआ था. जांचकर्ताओं ने उन सभी मरीज़ों की ज़िदगी से जुड़े तथ्य जुटाना शुरू किया और अपनी खोज पहले दस तक और फिर पांच तक सीमित की.

इसमें से जो एक नाम जिसने पुलिस का ध्यान खींचा वो था एन्ड्रिया बोनाफेड. ये नाम असल में मॉफ़िया सरगना रहे लियोनार्डो बोनाफेट के एक रिश्तेदार का था.

पुलिस को पता चला कि बोनाफेड नाम के एक व्यक्ति ने पालेरमो में साल 2020 और 2021 में दो बार सर्जरी कराई थी. हालांकि जब बोनाफेड के फ़ोन की फ़ोन-मैपिंग की गई तो पता चला कि जिन दो दिनों में सर्जरी हुई थी उनमें से एक दिन असली बोनाफेड का फ़ोन सिसली की राजधानी से काफी दूर लोकेट किया गया.

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जब एन्ड्रिया बोनाफेड के नाम से क्लिनिक में एक सेशन बुक किया गया तो पुलिस को केवल ये अंदाज़ा था कि ये व्यक्ति माटेओ हो सकते हैं.

सोमवार सुबह सिसली के ला मैडेलिना के क्लिनिक को सशस्त्र सेनाबल के सौ सैनिकों ने चारों तरफ से घेर लिया.

माटेओ जिस वक्त एक कैफ़े की तरफ जा रहे थे उन्होंने देखा कि उनके आसपास पुलिस की भारी तैनाती है. वो वापिस लौटने के लिए मुड़े लेकिन उन्होंने देखा कि सामने की सड़क पर कुछ पुलिसकर्मी हैं. वो भागे नहीं. शायद उन्हें भी ये अंदाज़ा था कि उनका पकड़ा जाना केवल वक्त की बात है.

एक पुलिस अधिकारी कर्नल लुसियो आर्चिडियाकोनो ने इटली के TGcom24 को बताया कि वो बीते आठ सालों से माटेओ की तलाश करने वाली टीम का हिस्सा थे.

कर्नल लुसियो माफ़िया बॉस को आंखों के सामने देखने के अनुभव पर कहते हैं, "वो व्यक्ति था जिसकी तस्वीरें मैंने कई बार देखी थीं, वो सशरीर मेरे सामने था."

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पड़ोसियों ने क्या बताया

माटेओ मेसीना डेनारो
EPA/CARABINIERI HANDOUT
माटेओ मेसीना डेनारो

माटेओ के बारे में कहा जाता है कि गिरफ्तार किए जाने से लेकर एयरपोर्ट तक ले जाते वक्त "विनम्र और मृदुभाषी" बने रहे. उन्हें रातोंरात नज़दीकी एयरपोर्ट से सेना के एक विमान में बैठाकर अब्रूज़ो के ला'क़िला में बनी कड़ी सुरक्षा वाली जेल में ले जाया गया.

गिरफ्तारी से पहले माटेओ किस तरह की ज़िंदगी जीते थे इसे लेकर थोड़ी-बहुत जानकारी अब सामने आने लगी है. वो पालेरमो से 116 किलोमीटर दूर कैम्पोबेलो डी माज़ारा में एक सामान्य घर में रहा करते थे. ये जगह उनके जन्मस्थान कास्टेलवेट्रानो से केवल आठ किलोमीटर दूर थी.

उनके एक पड़ोसी ने बताया कि कई बार उनकी मुलाक़ात माटेओ से हुई थी और आम तौर पर दोनों ही एक दूसरे का अभिवादन करते थे.

प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार माटेओ के घर पर पुलिस को कोई हथियार नहीं मिला. उनके घर से महंगे परफ्यूम, फर्नीचर और डिज़ाइनर कपड़े मिले हैं.

महंगी और लग्ज़री चीज़ों के लिए माटेओ का प्यार किसी से छिपा नहीं. जिस वक्त उन्हें गिरफ्तार किया गया उन्होंने लगभग 35 लाख रुपए की घड़ी पहनी हुई थी.

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आख़िरी और सबसे निर्दयी गॉडफ़ादर

माटेओ मेसीना डेनारो
Carabinieri/Handout via Reuters
माटेओ मेसीना डेनारो

प्रोफ़ेसर मित्या जालूज़ कहते हैं कि अधिकारियों और पीड़ित परिवारों के लिए माटेओ परेशानी का सबब बने रहे लेकिन उन्हें पकड़ने में सालों की देरी के कारण उन्हें लेकर कई तरह की कहानियां बनने लगीं.

वो कहते हैं, "स्पष्ट बात है कि वो बेहत सतर्कता भरी ज़िंदगी जीते थे और उन्हें अपनी हर हरकत को लेकर सावधानी बरतनी होती थी."

लेकिन इसकी संभावना कम है कि डिटिजल फुटप्रिंट छोड़ने के जोखिम के कारण माटेओ ने ही ख़ुद तकनीक का इस्तेमाल किया होगा.

प्रोफ़ेसर मित्या जालूज़ समझाते हैं, "बिना किसी परेशानी के काम करते रहना जारी रखने के लिए माफ़िया सरगना को तकनीक से दूर रहना होता है और जीवन जीने के पुराने तरीके अपनाने होते हैं. उन्हें मौखिक बातचीत की तह तक जाकर ख़ुफ़िया कोड की समान्तर व्यवस्था बनानी होती है तकि वो अपने सहयोगियों से बातचीत करना जारी रख सकें."

माटेओ की गिरफ्तारी के बाद इटली में लोग चौंक गए हैं. प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी सैन्यबलों को मुबारकबाद देने के लिए विमान के ज़रिए सीधे सिसली पहुंचीं.

एंड्रिया परगटोरी कहते हैं, "माटेओ आख़िरी गॉडफ़ादर थे और वे सबसे निर्दयी माने जाते हैं."

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'मैंने इतनों को मारा है कि पूरा कब्रिस्तान भर जाए'

माटेओ के ठिकाने के आगे पुलिसकर्मी
EPA/MAX FIRRERI
माटेओ के ठिकाने के आगे पुलिसकर्मी

माटेओ के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने एक बार कहा था कि उन्होंने जितने लोगों को मारा है उससे एक कब्रिस्तान पूरा भर सकता है.

एंड्रिया कहती हैं कि साल 1990 तक हर रोज़ मर्डर होना आम बात हुआ करती थी. एंड्रिया कहते हैं कि 2002 में अदालत ने उनकी ग़ैरमौजूदगी में उन्हें हत्याओं के आरोप में उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई थी.


माटेओ मेसीना डेनारो पर हत्या के आरोप

  • 1992 में माफ़िया का विरोध करने वाले अभियोजन पक्ष के जियोवानी फैल्कोन और पाउलो बोर्सेलिनो की हत्या.
  • अपने विरोधी माफ़िया के सरगना की गर्भवती गर्लफ्रेंड एन्टोनेला बोनानो की हत्या.
  • मिलान, फ्लोरेंस और रोम में बम हमले, जिनमें 10 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.
  • जोसेप डी माटेओ के 11 साल के बेटे का अपहरण और उसकी हत्या.
जॉर्जिया मेलोनी
EPA/PRESIDENZA DEL CONSIGLIO HANDOUT
जॉर्जिया मेलोनी

यूनिवर्सिटी ऑफ़ एसेक्स में क्रिमिनोलॉजी के प्रोफ़ेसर ऐना सेर्गी ने बीबीसी को बताया कि इस बात में संदेह है कि माफ़िया की बदले रूप का प्रतीक बन चुके अपने बॉस के बिना कोसा नॉस्ट्रा अब आगे पनप पाएगी.

वो कहती हैं, "उनके बाद अब कौन माफ़िया का बॉस बनेगा या कोई बनेगा भी, अभी ये देखना बाक़ी है."

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English summary
Italy's most wanted don whom the police was looking for for 30 years
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