अजीबोगरीब बीमारी: घर में फूल जैसी बेटी का हुआ जन्म, अब धीरे-धीरे 'पत्थर' में बदल रही मासूम
लंदन, जुलाई 03: किसी परिवार में जब बच्चे का जन्म होता है तो वो उस फैमिली के लिए बेहद खास दिन होता है। अपने परिवार में नए सदस्य को लेकर हर माता-पिता बहुत उत्साहित होते हैं, लेकिन जब किसी माता-पिता को पता चले कि उसके परिवार में आया नया सदस्य एक ऐसी लाइलाज दुर्लभ बीमारी से ग्रसित है, जिसका इलाज मिलना बहुत मुश्किल है तो परिवार की चिंता काफी बढ़ जाती है। ऐसा ही हुआ है ब्रिटेन में, जहां एक पांच महीने की बच्ची बहुत ही दुर्लभ और गंभीर बीमारी के कारण दिन पर दिन पत्थर में बदलती जा रही है।
लाइलाज बीमारी से पीड़ित 5 महीने की लेक्सी
5 महीने की लेक्सी रॉबिंस के पेरेंट्स बच्ची की दुर्लभ बीमारी से काफी चिंतित है। इस बीमारी का इलाज मिलना काफी मुश्किल है। लेक्सी रॉबिन्स के अंदर एक ऐसी लाइलाज बीमारी का पता चला, जो विश्व स्तर पर दो मिलियन लोगों में से किसी एक को प्रभावित करती है। जन्म के वक्त लेक्सी स्वस्थ लग रही थी, लेकिन जब उसके माता-पिता एलेक्स और डेव रॉबिन्स ने उसके पैर की उंगलियों के साथ एक समस्या देखी, तो यह पता चला कि वह फाइब्रोडिस्प्लेशिया ऑसिफिशियंस प्रोग्रेसिवा (एफओपी) नाम की बीमारी से पीड़ित है।
धीरे-धीरे पत्थर में बदल रही बच्ची
लेक्सी का जन्म 31 जनवरी 2021 को हुआ था। उसके माता-पिता ने सोचा कि वह किसी भी अन्य बच्चे की तरह सक्षम है। बच्ची ने भी और बच्चों की तरह ही अपनी हरकत शुरू की। लेकिन जब उनके पेरेंट्स को बच्ची के पैर में एक गोखरू जैसी असमान्य सी चीज दिखी तो काफी चिंतित हुए और तुरंत डॉक्टर से पास गए, जहां उन्हें पता लगा कि उसे फाइब्रोडिस्प्लेशिया ऑसिफिशियंस प्रोग्रेसिवा है। बीमारी को लेकर बताया जाता है कि यह शरीर को धीरे-धीरे पत्थर में बदल देती है और मरीज 20 साल की उम्र तक बिस्तर पर हमेशा के लिए चले जाता हैं। बताया जाता है कि इस बीमारी के बाद मरीज का जीवन भी लगभग 40 साल की रहता है।
जेनेटिक डिसऑर्डर की वजह से शरीर होने लगता है पत्थर
दरअसल, इस जेनेटिक डिसऑर्डर की वजह से शरीर के अंदर की मांसपेशियां और कोशिकाएं धीरे-धीरे खत्म होने लगती है और वो हड्डियों का रूप ले लेती है, जिसके बाद ऐसा लगता है जैसे मरीज का शरीर पत्थर में बदलना शुरू हो जाता है। हर्टफोर्डशायर इलाके के रहने वाले माता-पिता ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले देखा कि बच्ची के अंगूठे में ज्यादा हलचल नहीं थी और उसके पैर की उंगलियां बिल्कुल सही नहीं दिख रही थीं। अप्रैल में उसका एक्स-रे हुआ, जिससे पता चला कि उसके अंगूठे डबल जॉइंट थे और उसके पैरों में गोखरू थे।
अमेरिका में कराया जेनेटिक टेस्ट
लेक्सी की मां एलेक्स ने कहा कि पहले उन्हें बताया गया था कि लेक्सी को एक अलग सिंड्रोम है, जिसका मतलब है कि वह चलने-फिरने में सक्षम नहीं होगी। परिवार ने इस पर विश्वास नहीं किया, क्योंकि वो फिजिकल मजबूत थी और हाथ-पैरों को भी हिल रही थी। इस पर उन्होंने मई के बीच में इंटरनेट पर इस बीमारी के बारे में काफी रिसर्च किया, जिसके बाद वो बच्ची को स्पेशलिस्ट के यहां लेकर गए। जिसकी जेनेटिक टेस्ट रिपोर्ट अमेरिका भेजी गई, जहां उन्होंने 14 जून को एफओपी की पुष्टि की। बताया गया है कि न तो इस बच्ची को कोई इंजेक्शन लग सकता है और न ही वैक्सीन।
शरीर में हो रहा हड्डियों का विकास
लेक्सी ने पिता ने बताया कि हम यूके में एक टॉप बाल रोग विशेषज्ञ के पास गए तो उन्होंने बताया कि अपने 30 साल के करियर में उन्होंने कभी ऐसा मामला नहीं देखा है। इस बीमारी के कारण उसके शरीर के कंकाल के बाहर भी हड्डियों विकसित होने लगी है। ऐसे में अब बच्ची ना तो और बच्चों की तरह काम कर पाएगी यहां तक की कान की हड्डी बढ़ने से वो बहरी भी हो सकती है। इस बच्ची की बीमारी का कोई इलाज नहीं है।
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