एक्शन में नीतीश सरकार, 85 पुलिसकर्मी बर्खास्त और 644 के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई
पटना। बिहार में नई सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक्शन मोड में आ गए हैं। प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था के लिए उच्च स्तरीय बैठक की थी और अब लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। शराबबंदी कानून में लापरवाही, बालू उत्खनन में भ्रष्टाचार, जमीनी विवाद में उगाही और कोताही बरतने वाले 644 पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। अभी तक कुल 85 पदाधिकारियों को सेवा से बर्खास्त करने के साथ-साथ 56 पदाधिकारियों को भी दंड दिया जा चुका है।
साथ ही जिन राजपत्रित अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई और विभागीय कार्यवाही शुरू है, उनकी संख्या बिहार पुलिस ने 38 बताई है। इनमें से भारतीय पुलिस सेवा के दो ऐसे पदाधिकारी हैं, जिनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई में बड़ी सजा दी गई है, जबकि चार पदाधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई संचालित है।
पुलिस मुख्यालय के अनुसार पेशेवर कुशलता में लापरवाही, कर्तव्यहीनता और भ्रष्टाचार को लेकर कार्रवाई की गई है। साल 2020 के नवंबर माह तक खास तौर पर शराबबंदी कानून को लेकर लापरवाही, बालू के अवैध खनन और परिवहन मे संलिप्तता भूमि विवाद संबंधी मामलों और भ्रष्टाचार व जिम्मेदारी को लेकर हुई लापरवाही के चलते 644 पदाधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।
बिहार पुलिस मुख्यालय ने इन विभागीय कार्रवाई को तुरंत संचालन कर निष्पादन का निर्देश दिया है। इस नीति के तहत पुलिस मुख्यालय ने 48 मामलों में आरोप की तुलना में अपर्याप्त सजा दी गई थी, जिसकी पुनर्समीक्षा की गई। इसके बाद से दूसरे पदाधिकारियों को दंडित किया गया है।