लालू यादव के जेल और बेल से दिसंबर महीने का है खास कनेक्शन, पढ़िए
पटना। देश की राजनीति में शनिवार काफी चर्चित रहा। इस दिन बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाले मामले में फैसला सुनाया गया और लालू यादव सहित 15 लोगों को दोषी करार देते हुए रांची के बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया। शनिवार 23 दिसंबर को यह फैसला सुनाया गया। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के लिए दिसंबर का महीना काफी बुरा साबित होता आया है। इससे पहले भी वह कई बार दिसंबर महीने में जेल जा चुके हैं और जेल से बेल भी उन्हें दिसंबर महीने में ही मिला है। तो आइए अब आपको बताते हैं लालू यादव का दिसंबर कनेक्शन।
इमरजेंसी के दौरान दिसंबर में हुए गिरफ्तार
सबसे पहले आपको बताते चलें कि गांव से पढ़ाई करने लालू प्रसाद यादव जब पटना पहुंचे थे और पढ़ाई के बाद उन्होंने राजनीतिक जीवन के तरफ कदम बढ़ाया। राजनीति में कदम रखने के बाद आपातकाल के समय में वह इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ जेपी आंदोलन में शामिल हुए और पटना में 1970 के दशक में आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम (MISA) के तहत गिरफ्तार हुए। जब वह गिरफ्तार हुए तो वह भी महीना दिसंबर का ही था। गिरफ्तारी के बाद उन्हें एक महीने में रिहा कर दिया गया।
दिसंबर में ही चारा घोटाले मामले में बेल
जब लालू मीसा कानून के तहत जेल में बंद थे तभी उनकी बेटी का जन्म हुआ और उसका नाम मीसा रखा गया। इस तरह राजनीतिक जीवन की शुरुआत के बाद वर्ष 1996 में चारा घोटाले मामले उजागर हुए और इस मामले में लालू प्रसाद यादव का राजनीतिक करियर भी काफी प्रभावित हुआ। सीबीआई ने उनके खिलाफ 23 जुलाई 1997 में चार्जशीट फाइल की और उन्हें चार महीने से ज्यादा समय जेल में बिताना पड़ा जिसके बाद वह 12 दिसंबर को जेल से छूटकर बाहर आए। चारा घोटाले के एक दूसरे मामले में उन्हें 28 अक्टूबर 1998 में गिरफ्तार किया गया और लगभग 40 दिन जेल में रहने के बाद वह दिसंबर महीने में बाहर निकलें। वहीं दिसंबर महीने में ही उनके खिलाफ अधिकतर मामले दर्ज किए गये हैं।
2013 में दिसंबर में ही मिली जमानत
लालू प्रसाद यादव मधेपुरा और सारण से लोकसभा चुनाव लड़े तथा केंद्र सरकार में रेल मंत्री भी बने लेकिन उन्हें 2013 में सीबीआई की विशेष आदालत में दोषी ठहराया गया और उन्हें फिर सलाखों के पीछे जाना पड़ा। जेल जाने के बाद उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दिया और इसके बाद उन्हें चुनाव लड़ने से रोक दिया गया। वर्ष 2013 में दिसंबर महीने में लालू प्रसाद यादव को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी। इसके बाद राजनीति में उनका ग्राफ गिरता चला गया और उनकी पार्टी लगातार खराब प्रदर्शन करते हुए वर्ष 2014 के आम चुनावों में 4 सीट ही हासिल कर पाई।
फिर 2017 दिसंबर में गए जेल
हलांकि बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव ने अपना दम दिखाया और बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई। इस साल का दिसंबर महीना भी लालू यादव के लिए काफी हानिकारक रहा। सीबीआई कोर्ट ने देवघर ट्रेजरी केस में उन्हें दोषी करार दे दिया। दूसरी तरफ उनके ऊपर चल रहे रेलवे टेंडर घोटाले के मामले में भी दिसंबर महीने में ही चार्जशीट दायर करने की उम्मीद है।
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