कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए ओडिशा सरकार ने कसी कमर, जारी की एसओपी
कोरोना की तीसरी लहर से निपने के लिए ओडिशा सरकार ने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है।
भुवनेश्वर, 19 जून। भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के मामले भले की बेहद कम हो गए हो, लेकिन अभी खतरा टला नहीं हैं। वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी दी है, जो बच्चों के लिए विशेष रूप से घातक होगी। कोरोना की तीसरी लहर से निपने के लिए ओडिशा सरकार ने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने गुरुवार को बच्चों और किशोरों के लिए कोविड देखभाल सेवाओं के संचालन के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय नबा किशोर दास ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, 'मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निर्देश के बाद हमने कल ही सभी जिला कलेक्टरों और सीडीएम और पीएचओ को एक एसओपी जारी कर दिया है। वे संभावित तीसरी लहर के दौरान उपचार प्रदान करने के लिए तैयार रहेंगे जिससे बच्चों और किशोरों को प्रभावित होने की संभावना है।'
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दास ने आगे कहा कि बच्चों के इलाज के लिए कोविड अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और सीसीयू में कुल 2,390 बेड उपलब्ध हैं। इसके अलावा, 610 आईसीयू, एचडीयू और एनआईसीयू बेड उपलब्ध हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि लगभग 3,000 बिस्तर उपलब्ध हैं इसके अलावा इलाज करा रहे बच्चों के माता-पिता के ठहरने के लिए निर्धारित क्षेत्रों में व्यवस्था करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
उन्होंने
कहा
कि
इन
अस्पतालों
में
ऑक्सीजन
और
दवाओं
का
स्टॉक
रखने
के
निर्देश
जारी
किए
गए
हैं।
दास
ने
आगे
बताया
कि
सरकार
को
समय-समय
पर
सलाह
देने
और
संचालन
की
निगरानी
के
लिए
विशेषज्ञों
की
एक
कमेटी
बनाई
गई
है।
उन्होंने
बताया
कि
विशेषज्ञों
द्वारा
अस्पतालों
के
डॉक्टरों,
नर्सों
और
पैरामेडिक्स
को
बाल
चिकित्सा
देखभाल
पर
प्रशिक्षण
दिया
गया
है।
मंत्री
ने
कहा
कि
राज्य
में
कोविड
उपचार
के
अलावा
अन्य
बाल
चिकित्सा
उपचार
जारी
रहेगा।
कोरोना वायरस टीकाकरण के मुद्दे पर दास ने बताया कि इस माह के अंतिम सप्ताह से राज्य सरकार ने 2 लाख प्रतिदिन की बजाया 3 लाख प्रतिदिन टीकाकरण का लक्ष्य रखा है।