दृश्यम मूवी देखकर टैक्सी चालक ने खुद के अपहरण की रच डाली सनसनी कहानी, 20 लाख रुपए का है कर्ज
ग्वालियर में बॉलीवुड की फिल्म दृश्यम को देखकर एक टैक्सी चालक ने अपने ही अपहरण की झूठी कहानी रच डाली। आरोपी ने ऐसा कर्ज से छुटकारा पाने के लिए किया।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पुलिस ने अपहरण के मामले का खुलासा किया है। जहां बॉलीवुड फिल्म दृश्यम को देखकर एक "टैक्सी चालक" ने अपने ही अपहरण की सनसनीखेज कहानी रच डाली थी। ग्वालियर पुलिस को इस अपहरण की गुत्थी सुलझाने में 4 दिन का समय लगा। 4 दिन पहले जब स्कूल से टैक्सी में बच्चों को लेकर आरोपी टैक्सी चालक आ रहा था तभी बाइक सवार दो बदमाश उसे ओवरटेक करते हैं। बदमाश उस पर कट्टा अड़ाते है और अपने साथ ले जाते हैं। यह घटना देशभर में बैठे छात्र घबरा जाते हैं। ये घटना उपनगर मुरार के बड़गांव की है जान दिनदहाड़े अपहरण की खबर मिलते ही पुलिस एक्टिव हो जाती है। जानिए कैसे पुलिस में इस अपहरण के मामले का खुलासा किया और टैक्सी चालक ने क्यों खुद अपने अपरहण की कहानी रच डाली।
यह पूरा मामला
यह पूरा मामला गवालियर के मुरार बड़गांव के रहने वाले परमाल माहौर है, जोगी स्कूल वैन चलाता है वह स्कूल और कोचिंग से छात्रों को ले जाने का काम करता है। 4 दिन पहले जब वे बच्चों को स्कूल से लेकर आ रहा था, तो खेरिया गांव के पास बड़ा गांव हाईवे पर बाइक सवार ने नकाबपोश बदमाशों ने उसकी वैन को ओवरटेक किया।इसे देख वैन में बैठे बच्चे घबरा गए। इसके बाद बदमाश उतर कर आए और कट्टा अड़ाकर वैन चालक परमाल को ले गए। बदमाश वैन चालक गंदी-गंदी गालियां दे रहे थे। यह घटना वैन में बैठे बच्चे देख रहे थे। इसके बाद परमाल के बेटे अनिल माहौर ने मुरार थाने पहुंचकर पुलिस से मदद की गुहार लगाई। दिनदहाड़े अपहरण की घटना पर एसएसपी अमित सांगी ने एसएसपी क्राइम राजेश दंडोतिया, डीएसपी क्राइम ऋषिकेश, मीणा के नेतृत्व में टीम बनाकर जांच के निर्देश दिए।
नशे का आदी था वैन चालक
जब पुलिस की टीम ने अपहरण को लेकर वैन चालक की पड़ताल शुरू की तो पता चला कि वह नशे का आदी है जुआ सट्टा खेल ने का भी शौकीन हैं। उस पर करीब ₹20 लाख का कर्ज भी है। एक व्यापारी से जमीन को लेकर उसका विवाद भी चल रहा है। इसी व्यापारी पर उसके परिजन ने अपहरण का संदेश जताया था।
बेटे की ससुराल में सोता मिला वैन चालक
पुलिस को घटनास्थल से लेकर अगवा हुए वैन चालक के बारे में जानकारी जुटाने के बाद संदेह हुआ था। बाद में पुलिस टीम को जांच करने के बाद वैन चालक के अपहरण की कहानी फर्जी लगी। सूचना मिली कि वैन चालक ने कर्ज से बचने के लिए अपना ही अपहरण करवाया है। उसका ठिकाना भी पुलिस को पता चल गया। वैन चालक ग्वालियर झांसी हाईवे पर आंतरिक गांव में अपनी बेटी की ससुराल में मौज कर रहा था। क्राइम ब्रांच ने उसे वहीं से रास्ते में लेकर जब पूछताछ की तो वह ज्यादा देर तक झूठ नहीं बोल सका। उसमें कबूल कर लिया कि अजय देवगन की फिल्म दृश्यम मूवी देखने के बाद उसने अपने अपहरण की झूठी कहानी रच डाली थी। इसके बाद पुलिस ने फर्जी अपहरण में साथ देने वाले उसके दो दोस्त भूरा यादव, रामदास पाल को मुरार से हिरासत में ले लिया।
फिल्मी स्टाइल में अपहरण का खुलासा
कथित अपहरण कांड का खुलासा पुलिस ने घटना वाली जगह से लेकर हाल के 4 से 5 दिन में होने वाली छोटी-छोटी बातों से मिली कड़ी से कड़ी जोड़कर किया। पुलिस ने पड़ताल की तो पता चला कि 4 दिन पहले चालाकी व्यापारी का नाम लेकर कहानी तैयार कर रहा था कि व्यापारी से जमीन को लेकर उसकी रंजिश भी चल रही थी। आरोपी वाहन चालक ने जानबूझकर अपने मोबाइल के लॉक नंबर का पासवर्ड वैन में बैठे बच्चों को बताया था। ताकि बच्चे अपहरण की घटना उसके घर वालों को दे सकें।
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20 लाख रुपए के कर्ज से छुटकारा पाने के लिए रची झूठी कहानी
पकड़े जाने के बाद पूछताछ में आरोपी परमाल माहौर ने बताया कि उस पार लगा ₹20 लाख रुपये जानकारी सरदार परेशान कर रहे थे और दूसरा उसका एक व्यापारी से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। उसे भी परमाल सबक सिखाना चाहता था, इसलिए पहले दर्शन फिल्म देखी फिर उसने अपहरण की योजना बनाई। अपहरण की योजना में दोस्त भूरा और रामदास ने भी साथ दिया। उसे लगा दृश्यम फिल्म की तरह वह पुलिस को चकमा दे देगा। लेकिन वह भूल गया कि वह फिल्म है और ये हकीकत।