कारम डैम के पानी से फसल ही नहीं, खेतों की मिट्टी भी बह गई, किसान वहां जिंदगी भर फसल नहीं उगा सकता : पूर्व CM
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को प्रभावित गांव में पहुंचकर किसानों से चर्चा की। उन्होंने बांध स्थल को भी देखा उन्होंने कहा कि फसल ही नहीं खेतों की मिट्टी भी बह गई है। अब किसान जिंदगी भर वहां फसल नहीं उगा पाएंगे।
भोपाल, 17 अगस्त। कारम डैम फूटने के बाद भले ही किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, लेकिन 304 करोड़ रुपए की लागत से बने डैम का फूट जाना कई सवाल खड़े करता है । 2018 में जब कमलनाथ की सरकार बनी, तब इस बांध में लापरवाही को लेकर शिकायत की गई थी, लेकिन उस समय कोई ध्यान नहीं दिया गया,लेकिन अब जब बांध बर्बाद हो चुका है तो उस पर सियासत शुरू हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को प्रभावित गांव में पहुंचकर किसानों से चर्चा की। उन्होंने बांध स्थल को भी देखा उन्होंने कहा कि फसल ही नहीं खेतों की मिट्टी भी बह गई है। अब किसान जिंदगी भर वहां फसल नहीं उगा पाएंगे। आश्चर्य है कि 6 दिन बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई अब तक तो एफआईआर दर्ज कर ठेकेदार की गिरफ्तारी हो जानी थी। कमलनाथ ने कहा कि भ्रष्टाचार के लिए सरकार ने दिल्ली वाली कंपनी को प्राइम ठेकेदार बनाया और उसे समझौते के साथ काम दिया। उसके बाद जो हुआ वह भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा प्रमाण है। कमलनाथ ने विधायकों के साथ हेलीकॉप्टर में बांध स्थल और गांवों का निरीक्षण किया।
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वर्तमान कारम डैम में सिर्फ पांच एमसीएम पानी बचा
वर्तमान कारम डैम में 15 मिलियन क्यूबिक मीटर के स्थान पर अब केवल पांच एमसीएम पानी बचा है। ऐसे में बांस उत्पन्न होने वाला खतरा टल गया 4 दिन की दहशत के बाद इन गांवों में स्वतंत्रता दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने बांध स्थल पर ध्वजारोहण किया है यार जान समिति बना दी गई है या 5 दिन में प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बांध स्थल का निरीक्षण किया और प्रभावित गांवों का दौरा भी किया।
किसी ने नहीं सोचा होगा कि जिस बांध का निर्माण किसानों की अच्छी फसल के लिए किया जा रहा है उसी बांध का पानी उनके खेतों को कई वर्षों के लिए तबाह कर देगा।
18 गांव की फसल नष्ट
धार जिले के धरमपुरी तहसील के गांव कोटीदा में कारम नदी पर बने मिट्टी के बांध में चैनल बनाकर पानी निकासी के बाद 18 गांव की फसल नष्ट हुई है। मंगलवार को जिले के 12 और खरगोन के 6 गांवों में सर्वे टीम जानकारी लेने पहुंची इसके अलावा संपत्ति और गुजरी क्षेत्र में कुंभकार समाज के भक्तों के नुकसान को लेकर भी सर्वे किया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसानों को उचित मुआवजे के लिए मांग की है।
विशेषज्ञों से मार्गदर्शन लेकर बांध में उचित स्थान पर कट लगाया
बता दें कि रविवार शाम करीब 6 बजे बांध से बड़ी मात्रा में पानी निकालने की प्रक्रिया शुरू हुई। करीब 1 घंटे तक अफरातफरी की स्थिति बनी रही। बाद में स्थिति सामान्य हुई। जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने बताया कि तकनीकी विशेषज्ञों से मार्गदर्शन लेकर बांध में उचित स्थान पर कट लगाया था। वह रणनीति सफल हुई। इसमें जनहानि और पशु धन की हानि नहीं हुई है। फसल, ईट भट्टे या शासकीय व अन्य संपत्ति को नुकसान हुआ। उसको लेकर प्रशासनिक अधिकारियों को सर्वे कर उचित कार्यवाही और मुआवजे के लिए कहा है। जल संसाधन विभाग बांध को लेकर लगातार निगरानी रखेगा और उसकी व्यवस्था व प्रबंध करेगा।
जल संसाधन मंत्री ने किया NDRF का सम्मान
बता दे कि जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट को ग्वालियर में जिला स्तरीय समारोह में ध्वजारोहण करना था,लेकिन वहां का कार्यक्रम निरस्त करते हुए उन्होंने बांध स्थल पर झंडा वंदन किया। इस मौके पर एनडीआरएफ सहित अन्य अधिकारियों को सम्मानित किया ऑपरेशन मान में मुख्य रूप से पोकलेन मशीन के चालकों का सम्मान किया गया।