MP News : नदी पर पुल नहीं होने से गर्भवती महिला को खाट पर लिटा कर पार की उफनती नदी, इसका जिम्मेदार कौन ?
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमे गर्भवती महिला को खाट पर लिटा कर ग्रामीण कमर तक पानी में उफनती नदी पार कराते नजर आ रहे है ।
भोपाल,11 अगस्त। देश एक ओर आजादी का अमृत महोत्सव मनाने की तैयारी में है और सरकारी खजाने का उपयोग तिरंगा यात्राओं में किया जा रहा है,लेकिन बैतूल का एक गांव आज भी आजादी के 75 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में है। इस गांव का विकास आज भी नहीं हो पाया है। बैतूल के विकासखंड शाहपुर के ग्राम पंचायत पावरझंडा के अन्तर्गत ग्राम जामुनढाना की जहां की नदी में पुल न होने से लोगों का आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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डिलेवरी के लिए ले जाना था अस्पताल
मध्य प्रदेश के बैतूल के इस गांव में लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं को मोहताज है। नदी पर पुल न होने से इस गांव के लोगों को तब परेशानी आती है जब बारिश के दौरान गांव को जोड़ने वाले रास्ते के बीच से गई सुखी नदी पर बाढ़ आ जाती है और इलाज के लिए मरीजों को खाट पर लिटा कर नदी पार करानी पड़ती है। ऐसा ही एक मार्मिक वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमे गर्भवती महिला को खाट पर लिटा कर ग्रामीण कमर तक पानी में उफनती नदी पार कराते नजर आ रहे है।
दरअसल बुधवार को रूपेश टेकाम की गर्भवती पत्नी नेवान्ति को दर्द शुरू हुआ, तो डिलेवरी के लिए अस्पताल ले जाना था। नदी उफान पर थी, तो ग्रामीणों ने जान जोखिम में डालकर गर्भवती महिला को खटिया में लिटाकर नदी पार करवाई। इसके बाद महिला को भौरा के सरकारी अस्पताल ले गए। बुधवार की रात महिला की सुरक्षित डिलेवरी हो गई और बच्ची पैदा हुई है। यहां और भी महिलाएं गर्भवती है जिन्हें इसी तरह से लाया जाएगा।
इस गांव में कई सालों से यह समस्या
इस गांव में कई सालों से यह समस्या होने के बाद भी अब तक प्रशासन की ओर से कोई पहल नहीं हो सकी है। पुल निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीण पहले भी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन समस्या अब भी जस की तस है। शासन और प्रशासन ग्रामीणों की समस्या की अनदेखी कर रहा है पुर्व में भी इस समस्या से प्रशासन को अवगत किया जा चुका है।
आजादी के 75 साल बाद भी अगर इस गांव में विकास नहीं हुआ, तो ये किसकी जिम्मेदारी
आजादी के बाद आज तक इस गांव का आजतक विकास नहीं हुआ है । लोगों की मजबूरी यह है कि पुल ना होने के कारण आज भी गर्भवती महिलाओं को बारिश के समय खाट पर लिटा कर नदी पार करनी पड़ती है। लोग अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं। इनकी यह समस्या एक दिन की बारिश में इन्हें सामना करना पड़ता है।
महिला की सुरक्षित डिलीवरी, डॉ ने दी जानकारी
डॉ गजेंद्र यादव का कहना है कि महिला का महिला की सुरक्षित डिलीवरी हो गई है बच्ची पैदा हुई है नदी पर पुल नहीं होने के कारण ग्रामीणों ने खाट पर गर्भवती महिला को लेकर आए थे। अगर थोड़ी सी भी देरी होती तो डिलीवरी होने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता। शासन और प्रशासन को चाहिए कि ऐसे इलाकों में फुल नहीं होने पर कोई अन्य व्यवस्था की जाए। जिससे इस प्रकार की मामलों में मरीज को परेशानी का सामना ना करना पड़े।
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