सिंगरौली से सीधी तक 100 किलोमीटर सड़क के लिए निकाला पैदल मार्च, ये है NH39 का हाल
सिंगरौली, 18 अगस्त। जिला यूं तो प्रदेश की उर्जाधानी के नाम से विख्यात है, खनिज बाहुल्य होने के साथ-साथ यह क्षेत्र प्रदेश को राजस्व देने के मामले में सबसे आगे है, लेकिन इस क्षेत्र की गिनती सबसे पिछड़े जिले में होती है। जिले के कई गांवों में अब तक सड़क सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। सिंगरौली-सीधी NH39 की हालत खस्ताहाल है। इस सड़क पर चलना किसी खतरे से कम नही है। 20 वर्षो के बाद भी सरकार इस सड़क को नही बनवा पाई। स्थानीय लोग सालों से सरकार से सड़क बनाने की मांग करते आ रहे हैं।
युवाओ ने खोला मोर्चा
सड़क के लिए जिले के स्थानीय युवाओं ने मोर्चा खोल दिया है। सड़क की मांग को लेकर जिले के युवाओं व समाजसेवियों ने 16 अगस्त से लेकर 20 अगस्त तक यानी 4 दिनों का सफर पैदल करेंगे और सरकार की बदहाल व्यवस्था की पोल खोलेंगे। 100 किलोमीटर की यह पदयात्रा 4 दिनों में खत्म होगी। जिला मुख्यालय बैढन से युवाओं ने 100 किलोमीटर की पदयात्रा की शुरुआत 16 अगस्त से कर दी है। आज पदयात्रा देवसर में पहुँची है। 20 अगस्त को इस पदयात्रा का सीधी जिले में समापन होगा।
अनोखा तरीका
सरकार की बदहाल व्यवस्था को लेकर युवाओं व समाजसेवियों ने विरोध करने का अनोखा तरीका अपनाया है। इस 100 किलोमीटर की पदयात्रा में सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए है। और बढ़-चढ़कर के समाजसेवी भी शामिल हो रहे हैं।
टेंडर होने के बाद भी आधा अधूरा काम
बताते चलें कि विगत एक दशक पूर्व सड़क का टेंडर गैमन इंडिया लिमिटेड को मिला था, जिसने आधा अधूरा काम छोड़ दिया था कई वर्ष सड़क कार्य नहीं पूरा होने पर सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा दोबारा टेंडर कराया गया जिसमें तिरुपति कंस्ट्रक्शन कंपनी शहडोल बुढार को यह काम मिला था। इसके बाद कई महीने पूर्व सांसद रीती पाठक ने देवसर में इस सड़क का दोबारा भूमि पूजन किया था लेकिन आज तक इस सड़क का कार्य दोबारा शुरू नहीं हो सका। जिसके चलते पूरी सड़क गड्ढे में तब्दील हो गई है। इसी के विरोध में जिले के युवाओं व समाजसेवियों ने सिंगरौली जिले के राजीव चौक माजन चौराहा से पद यात्रा शुरू कर दी है। पदयात्रा चार दिन में 100 किलोमीटर का रास्ता तय करके 20 अगस्त को सीधी जिला मुख्यालय पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह की प्रतिमा के समक्ष समापन होगी।