पुलिस की गाड़ी से प्याज और लहसुन ढोने का वीडियो वायरल, नहीं रुक रहा सरकारी गाड़ियों का दुरुपयोग
प्रदेश मेें महिला उत्पीड़न की घटनाओं को सख्ती से रोकने के निमित्त उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वूमेन पाॅवर लाइन 1090 की स्थापना की गयी है। इस सुविधा के तहत किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ या महिला हिंसा संबंधित शिकायतों पर पुलिस तत्काल मौके पर पहुंचेगी और जरूरी एक्शन लेगी। लेकिन उत्तर प्रदेश के बल्लिया से एक ऐसा वायरल वीडियो सामने आया है जिसमे पुलिस की गाडी 1090 प्याज और लहसुन ढोती दिखाई दे रही है। यह वीडियो इंटरनेट पर तेज़ी से वायरल हो रहा है और सोशल मीडिया के लगभग हर प्लेटफार्म पर जमकर शेयर किया जा रहा है।
पुलिस की गाडी 1090 में लहसुन और प्याज
दरअसल
यह
वीडियो
बलिया
जनपद
के
रतसर
बाजार
की
बताई
आ
रही
है।
बाजार
से
गुजरते
हुए
जब
पुलिस
की
गाडी
1090
लहसुन
और
प्याज
ले
जा
रही
थी,
तब
किसी
ने
इसका
वीडियो
बना
लिया
और
सोशल
मीडिया
पर
वायरल
कर
दिया।
देखते
ही
देखते
यह
वीडियो
आग
की
तरह
फ़ैल
गया
और
लोग
पुलिस
की
खिल्ली
उड़ाते
नजर
आए।
कुछ
लोगो
ने
सोशल
मीडिया
पर
तंज
कस्ते
हुए
लिखा
कि
जो
गाडी
पुलिस
को
अपराधियों
की
धरपकड़
के
लिए
दी
गई
है,
उसमे
यह
लोग
प्याज
लहसुन
लाद
रहे
हैं।
हालाँकि
अभी
तक
यह
तो
ज्ञात
नहीं
है
की
किन
परिस्तिथियों
में
पुलिस
की
गाडी
का
प्रयोग
सब्जियां
ढोने
के
लिए
किया
गया।
पर
जानकारी
अनुसार
किसी
भी
आपातकालीन
स्तिथि
में
इस
तरह
का
प्रयोग
अवश्य
किया
सकता
है,
जैसे
कि
क्षेत्र
अगर
बाढ़
से
ग्रसित
हो
या
किसी
कारण
से
कर्फ्यू
लगा
हो।
अगर
नगर
में
ऐसी
स्तिथि
उत्पन्न
होती
की
कोई
भी
मालवाहक
गाडी
मौके
पर
मौजूद
नहीं
है
और
राशन
ले
जाना
बेहद
ही
अनिवार्य
और
जरूरी
है
तभी
एक
इमरजेंसी
रेस्पॉन्सिव
ऑन
ड्यूटी
गाडी
को
इस
तरह
के
प्रयोग
में
लाया
जा
सकता
है।
पर
फ़िलहाल
बलिया
जनपद
में
प्राप्त
जानकारी
अनुसार
ऐसी
कोई
भी
आपात
स्तिथि
की
संभावना
नहीं
है।
ऐसी छवि के साथ कैसे सभालेंगे लॉ एंड ऑर्डर
पिछले
कुछ
दिनों
पहले
हुए
कानपुर
में
ट्रेक्टर-ट्राली
के
भयानक
एक्सीडेंट
के
बारे
में
तो
लगभग
सभी
ने
सुना
था।
मुख्यमंत्री
योगी
से
लेकर
प्रधानमंत्री
मोदी
ने
भी
उस
दर्दनाक
घटना
पर
शोक
जताया
था।
घटना
में
ट्रैक्टर
ट्रॉली
पलटने
से
कोरथा
गांव
के
26
लोगों
की
मौत
हो
गई
थी।
घटना
के
बाद
इस
बात
पर
काफी
बहस
हुई
थी
कि
ट्रेक्टर-ट्राली
सामान
ढोने
के
लिए
है
न
की
सवारियां
ढोने
के
लिए।
कई
बड़े
नेताओं
के
बयान
भी
आए
थे
की
इस
इस
तरह
से
सवारी
लाने
ले
जाने
पर
प्रतिबन्ध
लगा
देना
चाहिए।
बड़े
किसान
नेताओं
ने
भी
इसपर
समर्थन
दिया
था
वाबजूद
इसके
की
देहाती
क्षेत्र
में
ट्रेक्टर-ट्राली
लोगों
को
लाने
ले
जाने
में
बड़े
पैमाने
पर
इस्तेमाल
की
जाता
है।
अब
सोचने
वाली
बात
यह
है
की
सरकार
जब
ट्रैफिक
के
नियम
और
परिवहन
सम्बंधित
कानूनों
को
लेकर
इतनी
सख्त
है
तब
अगर
ऐसी
तस्वीरें
जनता
के
सामने
आएंगी
तो
किस
प्रकार
और
कहा
जाए
तो
किस
मुँह
से
पुलिस
जनता
को
रोकेगी
और
नियमो
का
पालन
करवाएगी।
क्यंकि
जहाँ
पुलिस
खुद
अपनी
गाड़ियों
को
उलटे
सीधे
कामों
में
ले
रही
है
वजाय
दी
गई
जिम्मेदारी
के,
तो
एक
गांव
का
किसान
जिसके
जीवन
का
एक
अहम्
हिस्सा
रहा
है
ट्रेक्टर-ट्राली
से
सफर
करना,
क्या
प्रतिबंद
या
नियमों
का
पालन
करेगा?
कब रुकेगा सरकारी गाड़ियों का दुरुपयोग
प्रदेश
के
मुखिया
तथा
पुलिस
महानिदेशक
चाहे
प्रदेश
में
कानून
व्यवस्था
कायम
करने
के
लाख
दावें
करे
व
कितने
भी
आदेश
जारी
करें,
लेकिन
जनता
के
टैक्स
से
अपने
निजी
स्वार्थ
पूरा
करना
सरकारी
कर्मचारी
अपना
हक़
समझते
हैं
!
अफसरों
को
मिली
सरकारी
गाडी
भी
इस
लूट
का
हिस्सा
है
!
सरकार
करोड़ों
रुपये
का
ऋण
लेकर
प्रदेश
को
जैसे-तैसे
चला
रही
है।
वहीं,
सर्कार
के
कर्मचारी
ही
सरकारी
खजाने
को
चूना
लगा
रहे
हैं।
सरकारी
काम
के
लिए
मिलने
वाली
सरकारी
गाड़ी
का
दुरुपयोग
हो
रहा
है।
कही
देखा
जाता
है
कि
अधिकारियों
के
साथ
उनके
परिवार
व
बच्चों
के
निजी
काम
भी
सरकारी
गाडी
से
ही
हो
रहे
हैं
और
सरकारी
सुविधाओं
की
ऐश
सरकार
पर
भारी
पड़
रही
है।
दुःख
की
बात
यह
है
की
ये
सारा
तमाशा
खुलेआम
जनता
के
सामने
चलता
आ
रहा
है
और
लोग
ये
नहीं
समझ
पा
रहे
की
ये
भी
भृष्टाचार
का
ही
रूप
है
!
प्रदेश
के
बडे़
व
छोटे
साहबों
के
बच्चों
को
स्कूल
से
लाने
व
ले
जाने
के
लिए
धड़ल्ले
से
सरकारी
गाड़ी
का
दुरुपयोग
किया
जा
रहा
है।
साहबों
की
पत्नियां
व
परिवार
के
लोगों
की
सैर
भी
सरकारी
वेतन
पर
सरकारी
चालक
करवा
रहे
हैं।
इस
दुरुपयोग
को
रोकना
बेहद
ही
जरूरी
है
अथवा
पूरी
कार्यप्रणाली
का
स्तर
धीरे-धीरे
गिरता
जाएगा।
Ballia में सपा विधायक के बेटे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज, वाहन पार्क करने को लेकर पुलिस से हुई थी झड़प