Azamgarh Airport से छोटे एयरक्राफ्ट संचालित करने की तैयारी, केंद्र सरकार ने No Objection प्रमाणपत्र जारी किया
आजमगढ़ एयरपोर्ट पर जल्द ही विमान सेवा संचालित की जा सकती है। केंद्र सरकार द्वारा नो ऑब्जेक्शन प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है अब ऐसे में विमान सेवा शुरू किए जाने की चर्चा चल रही है।
Azamgarh Airport से जल्द ही विमान सेवाएं प्रारंभ करने की उम्मीद जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि इस मामले में केंद्र सरकार द्वारा नो ऑब्जेक्शन प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है। अधिकारियों द्वारा संभावना जताई जा रही है कि आजमगढ़ एयरपोर्ट से अभी छोटे एयरक्राफ्ट ही शुरू किए जाएंगे। यह भी बताया जा रहा है कि लखनऊ और वाराणसी के लिए विमान सेवा प्रारंभ की जा सकती है। हालांकि विमानन कंपनियों द्वारा अभी तक कोई रुचि नहीं दिखाई गई है।
104 एकड़ में बनाया गया है एयरपोर्ट
आजमगढ़ के मंदुरी में 108 एकड़ भूमि में एयरपोर्ट का निर्माण करवाया गया है। आजमगढ़ एयरपोर्ट पर पहले से ही हवाई पट्टी का निर्माण किया जा चुका है हालांकि हवाई पट्टी की लेंथ को अभी और बढ़ाया जाना है। हवाई पट्टी की लंबाई बढ़ाए जाने के चलते भूमि अधिग्रहण किया जाना है जिसको लेकर ग्रामीणों द्वारा विरोध प्रदर्शन जारी है। वर्तमान समय में जो हवाई पट्टी बनाई गई है उस पर छोटे एयरक्राफ्ट आसानी से संचालित किए जा सकते हैं। आजमगढ़ एयरपोर्ट का निर्माण उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड के द्वारा करवाया गया और वाराणसी एयरपोर्ट के अधिकारियों की निगरानी में कार्य संपन्न हुआ है।
अधिकारियों द्वारा सौंपी गई थी रिपोर्ट
आजमगढ़ एयरपोर्ट का निर्माण किए जाने के बाद वाराणसी एयरपोर्ट और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण मुख्यालय के अधिकारियों द्वारा इसका निरीक्षण किया गया। आजमगढ़ एयरपोर्ट का निरीक्षण करने के बाद अधिकारियों द्वारा इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को सौंपी गई थी और वहां से विमान सेवा प्रारंभ किए जाने के लिए केंद्र सरकार को भेजी गई थी। बताया जा रहा है कि सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा नो ऑब्जेक्शन प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है। इस बारे में उत्तर प्रदेश के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी एसपी गोयल द्वारा नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट मिलने की जानकारी ट्वीट करके दी गई है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि केंद्र सरकार की तरफ से मुरादाबाद, अलीगढ़, आजमगढ़, चित्रकूट व श्रावस्ती एयरपोर्ट को ऑपरेशनलाइजेशन के लिए नो ऑब्जेक्शन प्रमाण पत्र दिया गया है।
पहले से ही मंदुरी में थी हवाई पट्टी
मालूम हो कि आजमगढ़ के मंदुरी में पहले से ही हवाई पट्टी थी। योगी सरकार द्वारा प्रदेश में हवाई सेवाओं को बढ़ाने के लिए बंद पड़े हवाई पट्टी का पुनः निर्माण कराए जाने को लेकर और एयरपोर्ट के संचालन के लिए योजना बनाई गई। सरकार द्वारा रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में बनाई गई हवाई पट्टियां को विकसित करने की तैयारी की गई। इसी कड़ी में वाराणसी एयरपोर्ट के अधिकारियों की देखरेख में सोनभद्र के म्योरपुर और आजमगढ़ के मंदुरी में एयरपोर्ट का निर्माण कार्य प्रारंभ करवाया गया। वाराणसी एयरपोर्ट के अधिकारियों का कहना है कि आजमगढ़ एयरपोर्ट बनकर तैयार हो गया है और सोनभद्र के म्योरपुर में बन रहा है एयरपोर्ट भी अब अंतिम दौर में है। अधिकारियों द्वारा यह भी बताया गया कि जल्द ही इन दोनों हवाई अड्डों से विमान सेवाएं प्रारंभ की जाएंगी।
वाराणसी एयरपोर्ट के विकास में भूमि बन रही रोड़ा
वर्तमान समय में वाराणसी, चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, सोनभद्र, मिर्जापुर, भदोही आदि जनपदों के साथ ही मध्य प्रदेश और बिहार के कुछ जनपदों के लोग वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से हवाई सफर करते हैं। वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी रनवे की लंबाई कम होने के चलते यहां पर बड़े विमानों की लैंडिंग नहीं हो पाती है। वर्तमान रनवे की लंबाई 2745 मीटर है। अधिकारियों का कहना है कि वाराणसी एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई 4000 मीटर से अधिक की जानी है इसके अलावा कई अन्य सुविधाओं को भी विकसित किया जाना है। रनवे की लंबाई बढ़ाने तथा अन्य सुविधाओं को विकसित करने के लिए भूमि की आवश्यकता है, जिसको लेकर कई बार योजना तैयार की गई। पिछले माह भी वाराणसी एयरपोर्ट पर भूमि अधिग्रहण किए जाने को लेकर चर्चा की गई थी और यह भी बताया गया कि भूमि अधिग्रहण को लेकर अंतिम मुहर लग गई है। अधिकारियों का कहना है कि सरकार की तरफ से हरी झंडी मिलने के बाद भूमि अधिग्रहण का कार्य प्रारंभ हो जाएगा।
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