ये है बाहुबली अतीक अहमद की गिरफ्तारी और जेल जाने के पीछे की पूरी कहानी..
अतीक के जेल जाने के पीछे कहानी आठ महीने पहले शुरू होती है। जब इलाहाबाद के नैनी स्थित सैम हिगिन बाटम इंस्टीट्यूट आफ एग्रीकल्चर टेक्नालॉजी एंड साइंसेज (शियाट्स) में सेमेस्टर की परीक्षाएं चल रही थीं।
इलाहाबाद। पुलिस की गिरफ्त में आये पूर्व सांसद अतीक अहमद एक बार फिर अपने पुराने अड्डे यानी नैनी जेल के सर्किल 5 वाले ठिकाने पर पहुँच गये हैं । उनसे मिलने के लिये हजारों की संख्या में जेल के बाहर भीड़ जुटी तो कई थानों की फोर्स के साथ पैरामिलिट्री भी बुला ली गई। अतीक को किसी से भी मिलने नहीं दिया गया। भारी सुरक्षा के बीच स्पेशल सीजीएम कोर्ट से लाने के बाद अतीक को फिर से जेल के उसी कोने में रखा गया है। जहां विधायक राजू पाल हत्याकांड के बाद लंबे समय तक अतीक बंद रहे है।
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8 माह पहले बनी स्क्रिप्ट
अतीक के जेल जाने के पीछे की कहानी फ्लैशबैक में आठ महीने पहले शुरू होती है। जब इलाहाबाद के नैनी स्थित सैम हिगिन बाटम इंस्टीट्यूट आफ एग्रीकल्चर टेक्नालॉजी एंड साइंसेज (शियाट्स) कालेज में पिछले वर्ष यानी 2016 के जून माह में सेमेस्टर परीक्षाएं चल रही थीं। परीक्षा के दौरान सहायक प्रोफेसर तेजस जैकब ने बीटेक छात्र मो. सैफ सिद्दिकी व शाबिक अहमद नकल करते पकड़ा और बैक पेपर देने की कार्रवाई की। प्रोफेसर से नाराज दोनों छात्रों ने साथियों के साथ 22 नवंबर 2016 को शियाट्स परिसर में ही प्रो. तेजस जैकब की पिटाई कर फायरिंग की। तब प्रोफेसर की तहरीर पर नैनी कोतवाली में सैफ व शाकिब के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई थी। शियाट्स प्रशासन ने जांच कर छात्रों को संस्थान से निकाल दिया ।
अतीक को मिला सपा का टिकट
इस घटना के कुछ दिन बाद ही पूर्व सांसद अतीक अहमद को समाजवादी पार्टी ने कानपुर कैंट से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। अतीक के डूबते राजनैतिक कैरियर को फिर से संजीवनी मिल गई और अतीक पुरानी रंगत में लौटने लगे।
14
दिसंबर
बना
ब्लैक
डे
सैफ
व
शाकिब
के
निष्कासन
की
खबर
अब
तक
अतीक
तक
पहुंच
चुकी
थी।
अतीक
ने
कालेज
में
इस
बाबत
बात
की
तो
बीच
में
एक
कैंपस
इंटरव्यू
के
लिये
कालेज
प्रशासन
ने
दोनों
को
आने
की
अनुमति
दे
दी
लेकिन
निष्कासन
जारी
रहा।
अतीक
को
कालेज
का
यह
रवैया
ठीक
नहीं
लगा
और
वह
14
दिसंबर
को
अपने
लव
लश्कर
के
साथ
शियाट्स
पहुंच
गये।
पूर्व
सांसद
अतीक
अहमद
और
उनके
समर्थक
छह-सात
गाडियों
में
असलहों
के
साथ
धड़धड़ाते
हुये
कैंपस
में
पहुंचे
तथा
प्रशासनिक
कार्यालय
में
जबरदस्ती
घुस
गए।
साथियों ने काटा बवाल, जारी हुई फुटेज
अतीक अहमद असलहाधारियों के साथ पहुंचे लेकिन वीसी मौजूद नहीं थे। अतीक ने वीसी दफ्तर का ताला जबरन खुलवाया और दफ्तर में बैठ गये। तब तक समर्थकों का बवाल भी शुरू हो गया। जो सामने आया वो पीटा गया और कहा गया चलो भाई आये हैं। कैंपस में दहशत फैल गई और हर तरफ लोग असलहाधारियों को देख दुबक गये। जनसंपर्क अधिकारी डा. रमाकांत दुबे एवं सुरक्षा अधिकारी आरके सिंह, लोकसेवक सुधेन्दु उपाध्याय, गोविन्द्र प्रजापति, सहायक सुरक्षा अधिकारी विजय शंकर को पीटा गया। जमकर बवाल करने के बाद निष्कासित छात्रों को लेकर अतीक लौट गये।
मीडिया के सामने आया शियाट्स
घटना के कुछ देर बाद जिले भर की मीडिया शियाट्स पहुंच गई। कालेज प्रशासन ने सीसीटीवी फुटेज जारी करते हुये अतीक के दहशत की कहानी सुनाई तो हर कोई सकते में आ गया। मामला बाहुबली व सपा प्रत्याशी से जुड़ा होने के कारण सुर्खियों में आ गया और देखते ही देखते हर न्यूज चैनल पर अतीक की गुण्डाराज के साथ क्राइम हिस्ट्री खुल गई।
दर्ज
हुआ
मुकदमा
चंद
कदम
पर
थाना
होने
पर
भी
घंटे
बाद
पहुंची
पुलिस
मुकदमा
लिखने
से
बचती
रही।
लेकिन
मीडिया
में
खबरे
आने
के
बाद
बलवा,
डकैती,
अपहरण
जैसी
संगीन
धाराओ
में
मुकदमा
दर्ज
किया
गया।
जनसंपर्क
अधिकारी
रमाकांत
दुबे
और
आरके
सिंह
की
तहरीर
पर
नैनी
थाने
में
अतीक
अहमद
और
उनके
साठ
साथियों
के
खिलाफ
डकैती
तक
की
धाराओं
में
केस
दर्ज
हुआ
है।
अतीक
पर
धारा
147,
148,
395,
323,
504,
506
और
07
सीएलए
के
तहत
मुकदमा
दर्ज
हुआ
है।
शियाट्स
अधिकारियों
ने
पूरे
घटनाक्रम
की
वीडियो
फुटेज
पुलिस
अधिकारियों
को
सौंपी
क्योंकि
सीसीटीवी
कैमरे
में
पूरी
वारदात
कैद
हुई
थी।
दर्ज
मुकदमे
में
अतीक,
उनके
समर्थकों
के
अलावा
शियाट्स
के
छात्र
सैफ
सिद्दीकी,
दिव्यांश,
मेराज,
नाजिर
और
कुंदन
नाम
के
छात्रों
को
भी
नामजद
किया
गया
था।
अतीक ने किया इंकार
अतीक अहमद का साफ कहना था कि ऐसा कोई घटना क्रम नहीं हुआ। निष्कासित छात्र की मां रोकर उनके पास आयी थी। क्योंकि निष्कासित छात्र आत्महत्या करने जा रहा था। वीसी को मैने निष्कासन रद्द करने की सिफारिश की थी। कुछ घंटे के लिए निष्कासन रद्द किया गया लेकिन बाद में फिर से निष्कासन का फैसला कर दिया। इसीलिए मैं बात करने गया था । मैने व मेरे समर्थकों ने मारपीट नहीं की। छात्रों के बीच विवाद की जानकारी मिली है। उनमे मारपीट हुई होगी। मुझे फंसाने की कोशिश की जा रही है।
अधिकारियों
पर
गिरी
गाज
एसएसपी
शलभ
माथुर
ने
शियाट्स
मामले
में
चौकी
इंचार्ज
वीरेंद्र
प्रताप
सिंह
यादव
के
गंभीरता
न
दिखाने
व
तत्काल
न
पहुंचने
पर
निलंबित
कर
दिया
गया।
जबकि
जांच
में
लापरवाही
बरतने
वाले
विवेचक
एसएसआई
सैय्यद
मोहम्मद
अब्बास
को
भी
निलंबित
कर
दिया।
वहीं
सीओ
करछना
को
स्थानांतरित
कर
दिया।
नजदीकियों पर बढने लगा दबाव
अतीक को राजनैतिक संरक्षण मिला था जिसके कारण पुलिस उन पर हाथ नहीं डाल रही थी। लेकिन नजदीकियों को पुलिस गिरफ्त में लेने का प्रयास कर रही थी। ताबड़तोड़ दबिश में दोनों छात्र गिरफ्तार कर जेल भेज दिये गये। इसी बीच मोबाइल पर अतीक ने जनसंपर्क अधिकारी रमाकांत दुबे को धमकी दी तो मामला फिर बढ गया। पुलिस ने अतीक को नोटिस जारी कर दी।
लाइसेंस
हुआ
रद्द
घटना
के
बाद
पहली
बड़ी
कार्रवाई
यह
हुई
कि
पुलिस
रिपोर्ट
पर
डीएम
ने
अतीक
अहमद
की
पिस्टल
और
रायफल
का
लाइसेंस
निरस्त
कर
दिया।
जबकि
उनके
तीन
करीबियों
में
इमरान
की
दोनाली,
रफत
उल्ला
पुत्र
रहमत
उल्ला
की
रिवाल्वर
और
राजरूपपुर
निवासी
कमलेश
सिंह
की
रायफल
और
दोनाली
बंदूक
का
लाइसेंस
भी
निरस्त
कर
दिया
गया।कट
गया
टिकट
कानपुर
की
रैली
में
बाहुबल
दिखाकर
लौटने
पर
अचानक
से
अखिलेश
ने
अतीक
का
टिकट
काट
दिया
और
यह
तय
हो
गया
कि
अब
अतीक
का
बचना
मुश्किल
होगा।
काफी
प्रयास
हुआ
लेकिन
अतीक
को
कहीं
से
और
किसी
दल
ने
टिकट
नहीं
दिया।
लेकिन
बाहुबली
को
गिरफ्तार
करने
की
हिम्मत
किसी
की
नहीं
हुई।
उच्च
न्यायालय
पहुंचा
मामला
शियाट्स
के
प्रॉक्टर
राम
किशन
सिंह
ने
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
में
सुरक्षा
के
लिये
याचिका
दायर
की
तो
सुनवाई
मुख्य
न्यायाधीश
डीवी
भोसले
तथा
न्यायमूर्ति
यशवंत
वर्मा
की
खंडपीठ
करने
लगी।
इसकी
भनक
लगते
ही
अतीक
ने
स्पेशल
सीजेएम
कोर्ट
में
समर्पण
की
अर्जी
दे
दी।
लेकिन
हाईकोर्ट
ने
एसपी
यमुनापार
को
कड़ी
फटकार
लगाते
हुये
क्रिमिनल
हिस्ट्री
तलब
की
और
अतीक
को
सिरेंडर
करने
य
इससे
संबंधित
मामला
सीधे
हाईकोर्ट
की
देखरेख
में
होने
का
आदेश
दिया।
डरे
प्रॉक्टर
ने
वापस
मांग
याचिका
मामले
को
तूल
लेते
देख
प्रॉक्टर
राम
किशन
सिंह
अपनी
याचिका
ही
वापस
मांगी
लेकिन
हाईकोर्ट
ने
याचिका
वापसी
की
मांग
को
अस्वीकार
कर
इस
अर्जी
को
जनहित
याचिका
में
बदल
दिया।
और
गिरफ्तार
हुए
अतीक
हाईकोर्ट
की
सख्ती
के
बाद
बाहुबली
अतीक
अहमद
को
पुलिस
ने
गिरफ्तार
किया
।
लेकिन
इसे
नाटकीय
ढंग
से
सरेंडर
का
नाम
दिया
गया
है
।
अतीक
के
चुनावी
कार्यालय
पर
एसपी
यमुनापार
अशोक
कुमार
यादव
के
साथ
भारी
फोर्स
ने
छापेमारी
कर
अतीक
की
गिरफ्तार
किया।
हालांकि
आज
बयान
यह
जारी
हुआ
कि
नैनी
थाने
में
बयान
दर्ज
कराने
आये
थे
अतीक,
वहां
से
गिरफ्तारी
हुई
।
अतीक
की
खास
बातें
अतीक
अपने
राजनैतिक
कैरियर
में
पांच
बार
विधायक
और
एक
बार
सांसद
रह
चुके
हैं।
जिसमें
दो
बार
वह
निर्दलीय
विधायक
भी
बने।
दो
बार
सपा
के
टिकट
पर
विधायक
बने
और
एक
बार
अपना
दल
के
सहारे
विधानसभा
पहुंचे
थे।
लेकिन
बसपा
विधायक
राजू
पाल
की
हत्या
के
बाद
अतीक
सीधे
तौर
पर
नामजद
हुए
और
उनकी
राजनैतिक
ताकत
कमजोर
होने
लगी।
विधायक
राजू
पाल
की
पत्नी
ने
पति
की
जगह
चुनाव
लड़ा
और
अतीक
के
गढ
और
तिलिस्म
को
पूरी
तरह
बिखेर
दिया
हालांकि
इस
बाहुबली
नेता
का
क्राइम
की
दुनिया
से
बहुत
नजदीकी
लगाव
रहा
है।
अंगूर
के
गुच्छों
की
तरह
इनपर
मुकदमे
दर्ज
है।
एक समय पुलिस की गिरफ्तारी के डर से बाहुबली सांसद अतीक फरार थे। उनके घर, कार्यालय सहित पांच स्थानों की सम्पत्ति न्यायालय के आदेश पर कुर्क की जा चुकी थी। अतीक अहमद की गिरफ्तारी पर पुलिस ने बीस हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। इनामी सांसद की गिरफ्तारी के लिए पूरे देश में अलर्ट जारी किया गया था। सांसद अतीक की गिरफ्तारी के लिए परिपत्र जारी किये गये थे। लेकिन मायावती के डर से अतीक अहमद ने दिल्ली में समर्पण किया था। बड़े से बड़े ठेके और वर्चस्व में अतीक के आगे आज भी कोई खड़े होने की हिम्मत नहीं करता है । करवरिया बंधुओ ने जरूर अपना वर्चस्व इलाहाबाद में स्थापित किया लेकिन पूर्व बसपा सांसद कपिल मुनि समेत, विधायक रहे उदय भान व सूरज भान मौजूदा समय में जेल में ही हैं। अतीक अहमद भी अब फिर से नैनी जेल में बंद किये गये है ।