हाईकोर्ट की फटकार के बाद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कई छात्रावास में छापेमारी, बम-बारूद बरामद
प्रयागराज। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पीसीबी हास्टल में हुई छात्र की हत्या पर इलाहाबद हाईकोर्ट ने की कड़ी फटकार के बाद पुलिस हरकत में आई। जिला प्रशासन व विश्वविद्वालय प्रशासन ने हास्टलों से अराजकता हटाने का अभियान शुरू कर दिया है। बुधवार को विश्वविद्वालय के ताराचंद व पीसीबी हॉस्टल में ताबड़तोड़ कई घंटों तक पुलिस ने छापेमारी की। पुलिस की छापेमारी से हॉस्टलों में हड़कंप मच गया। हॉस्टल के कमरों की गहन तलाशी शुरू हुई तो कई कमरों के ताले तोडे गये। एक बाथरूम में पिस्टल मिली तो इस दौरान 2/43 नंबर कमरे में बम मिला। जिसे बम डिस्पोजल स्क्वॉड के जरिये निष्क्रिय किया गया। जबकि कमरा नंबर 4/31 में बम बनाने का सामान बरामद हुआ। छापेमारी में हॉस्टल में अवैध रूप से रहने वाले 15 युवकों को हिरासत में लिया गया है।
ऑपरेशन क्लीन अनवांटेड आउट
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पीसीबी हॉस्टल में रोहित शुक्ला की हत्या के बाद हाईकोर्ट की गहरी नाराजगी जाहिर होते ही हॉस्टलों पर बड़ी कार्रवाई करने की योजना मंगलवार देर रात में पुलिस के आलाधिकारियों ने बनाई और बिल्कुल सुबह जब छात्रावास नींद के आगोश में था तो ‘ऑपरेशन क्लीन अनवांटेड आउट' शुरू कर दिया। ताराचंद और पीसीबी हॉस्टल में अवैध पिस्टल, बम, बारूद और शराब व बियर की खाली बोतलें यह बताने के लिये काफी थी हॉस्टल में पढाई की जगह बाकी सबकुछ चल रहा है।
हाईकोर्ट खुद करेगी मॉनिटरिंग
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का नाम हत्या, बमबाजी, अराजकता, गुडागर्दी जैसे मामलों में टाप पर आने और पढाई का ग्राफ शून्य को ओर जाता देख अब हाईकोर्ट भी पूरी तरह से सख्त हो गया है। हाईकोर्ट ने अपनी गहरी नाराजगी यूनिवर्सिटी प्रशासन व जिला पुलिस प्रशासन के प्रति व्यक्त करते हुये कहा कि कभी पूरी दुनिया में अपनी शैक्षिक गुणवत्ता के लिये यह संस्थान अग्रणी था। दुनिया इस पूरब का आक्सफोर्ड कहती थी, लेकिन आज विश्वविद्वालय का परिसर आपराधिक गतिविधियों का मैदान बन चुका है और विश्वविद्वालय प्रशासन मूक दर्शक बन कर सबकुछ देख रहा है। मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति एसएस शमशेरी की पीठ अब इस मामले में स्वत: संज्ञान के तहत याचिका पर सुनवाई करेगी और संभावना कि वह ठोस कदम भी उठायेगी। हाईकोर्ट ने कानून व्यवस्था पर तंज कसते हुये कहाकि अब वह खुद इस बात पर संज्ञान ले रहे हैं कि इस सब में अधिकारियों की कितनी जिम्मेदारी है। शहर और आसपास के इलाके में कानून-व्यवस्था की अदालत खुद मॉनिटरिंग करेगी।
क्या है मामला
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र नेता रोहित शुक्ला उर्फ बेटे की यूनिवर्सिटी के पीसीबी हास्टल गेट के पास दो दिन पहले गोली मारकर हत्या कर दी गयी। मामले में हत्या के तार दूसरे छात्र नेताओं से ही जुटे हुये हैं। पता चला है कि दोनो पक्ष अवैध रूप से ही हास्टल में रह रहे हैं और उनके कब्जे में हास्टल के कयी कमरे हैं। हालांकि हत्या में कोई शैक्षिक विवाद नहीं है, बल्कि बिजनेस का मामला है। लेकिन छात्र नेता के नाम पर ही गुंडई और ठेके का काम लिया जाता है। विश्विविद्वालय में पूर्व छात्र नेताओं के नाम पर काम हों और वर्चस्व रहे इसके लिये आये दिन बमबाजी और बवाल होते रहते हैं और यह कोई नयी बात नहीं, बल्कि छात्रसंघ चुनाव की बहाली के साथ ही ऐसा होता आया है। फिलहाल मामले में पुलिस की जांच अभी चल रही है और हत्यारोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनकी तलाश की जा रही है। वहीं रोहित की हत्या के बाद विश्वविद्वालय का माहौल पूरी तरह से खराब हो गया है और पूरे इलाके को कडी सुरक्षा व निगरानी में रखा गया है।
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