गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार: जाफरी के वकील ने कहा-रिकॉर्ड हो रहे गायब, SIT ने नहीं की सही जांच
साल 2002 में गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार के दौरान मारे गए कांग्रेस सांसद अहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी, SIT की ओर से उस वक्त गुजरात के सीएम रहे नरेंद्र मोदी को क्लिन चिट देने के खिलाफ केस लड़ रही हैं।
अहमदाबाद। 2002 के दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार में मारे गए पूर्व कांग्रेस सांसद अहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी के वकील ने गुजरात हाईकोर्ट के समक्ष अपने निवेदन का समापन गुरुवार को किया।
बता दें कि गुजरात हाईकोर्ट उस याचिका की सुनवाई कर रहा है जिसमें तात्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य लोगों को स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम की ओर से दी गई क्लीन चिट को चुनौती दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट की ओर नियुक्त की गई SIT अब इस याचिका के खिलाफ बहस करेगी और अपनी क्लोजर रिपोर्ट का बचाव करेगी, जिसमें नरेंद्र मोदी समेत 60 लोगों को क्लीन चिट दी गई थी। मोदी के अलावा जिन 60 अन्य लोगों को क्लिन चिट दी गई थी, उसमें कुछ पुलिस अधिकारी और नेता शामिल हैं।
जाफरी ने आरोप लगाया है कि अन्य आरोपियों समेत नरेंद्र मोदी, दंगों की व्यापकता के लिए जिम्मेदार हैं जो एक बड़ी साजिश का हिस्सा था।
जाफरी के वकील ने कहा...
जाफरी की ओर से अदालत में प्रस्तुत हुए वरिष्ठ वकील मिहिर देसाई ने अदालत में बहस के दौरान कहा कि SIT ने केस की जांच ढ़ंग से नहीं की और इससे जुड़े सबूतों के महत्वपूर्ण हिस्सों को छोड़ दिया, जिन्हें जांच में शामिल किया जाना था।
उन्होंने अदालत में कहा कि पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट, पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार, पूर्व आईपीएस राहुल शर्मा, भाजपा नेता हरेन पांड्या (मृत) और उनके पिता विट्ठलभाई के बयानों को SIT की ओर से आवश्यक नहीं समझा गया।
देसाई ने अदालत में कहा कि मैजिस्ट्रेटिक कोर्ट जहां SIT की क्लोजर रिपोर्ट दाखिल किया गया है, उसे स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। बता दें कि जाफरी इस मसले को लेकर साल 2014 में ही अदालत में आ गई थी, जब क्लोजर रिपोर्ट से जुड़ी उनकी याचिका को मैजिस्ट्रेटिक कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
संजीव भट्ट का बयान कोर्ट के सामने किया उद्धृत
देसाई ने आरोप लगाया कि SIT ने केस की जांच सही ढ़ंग से नहीं किया और जांच टीम के समक्ष संजीव भट्ट का बयान रखा।
अपनी सेवाओं से बर्खास्त किए जा चुके संजीव भट्ट ने सुप्रीम कोर्ट में यह दावा करते हुए एक एफिडेविट दायर की है कि साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन संहार के बाद नरेंद्र मोदी के आवास पर हुई एक बैठक के दौरान मोदी ने अधिकारियों को कहा था कि 'हिन्दुओं को अपना गुस्सा निकालने दें।'
हालांकि SIT भट्ट के इस दावे पर यकीन नहीं करती। देसाई ने कहा कि इस मामले में आगे की जांच में उन सभी पक्षों पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है जिस पर SIT ने महत्व नहीं दिया। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार के रिकॉर्ड्स से दंगों से जुड़े कई महत्वपूर्ण रिकॉर्ड गायब हो रहे हैं।
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