अहमदाबाद में 14 साल की दुष्कर्म पीड़िता को हुआ कोरोना, हाईकोर्ट ने दी गर्भपात की मंजूरी
अहमदाबाद। यहां दुष्कर्म से गर्भवती हुई एक नाबालिग लड़की भी कोरोना वायरस की चपेट में आ गई। 14 साल की इस पीड़िता को 23 हफ्ते का गर्भ था, यह मामला हाईकोर्ट ले जाया गया। उसके परिजनों ने हाईकोर्ट से गर्भपात की अनुमति मांगी थी। कोर्ट में मामले के चलते यह तथ्य सामने आया कि उस लड़की को कोरोना हो गया है। उसके स्वास्थ्य की जांच करने पर रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई, तब हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि पीड़िता का गर्भपात करा दिया जाए।
पुलिस के मुताबिक, किशोरी से उसके ही एक रिश्तेदार ने यौन शोषण किया था। जब वह प्रेग्नेंट हो गई, तो इस कांड का खुलासा हुआ। जिसके बाद परिजनेां ने इसानपुर पुलिस थाने में 23 अप्रैल को एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस मामले की जांच करने लगी। वहीं, परिवार ने हाईकोर्ट में बेटी के गर्भपात कराने की अनुमति मांगी। उनकी ओर से पिछले हफ्ते याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई थी। गर्भवती किशोरी के कोरोना से संक्रमित होने की वजह से डॉक्टरों की भी टेंशन बढ़ गई।
डॉक्टरों ने कहा कि, यह बहुत दुर्लभ मामला है कि रेप के बाद गर्भवती हुई नाबालिग लड़की कोरोना वायरस की चपेट में आ गई है। उसकी जान पर बन आई है। उसका विशेष ख्याल रखा जा रहा है। एक चिकित्सक ने कहा- ''मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (MTP) ऐक्ट के तहत 20 हफ्ते के ऊपर के गर्भ को टर्मिनेट करने के लिए हाईकोर्ट का आदेश जरूरी है। हाईकोर्ट अधिकारियों को आदेश दे, उसके बाद ही हम गर्भपात कराते हैं। अब हाईकोर्ट से अनुमति मिल गई है।'