देश के राष्ट्रपति सजग तो पीएम क्यों हैं बेखबर
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विजेन्द्रसिंह सिसोदिया ने कहा कि राष्ट्रपति ने जहां राष्ट्र के संबोधन में भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे को छुआ है जन जन की नब्ज पर हाथ रखा है, वहीं प्रधानमंत्री ने देश की जनता को निराश किया है। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने राष्ट्र की समग्रता का प्रतिनिधित्व करने में भी कोताही की है। उपलब्धियों की दृष्टि से जहां प्रधानमंत्री ने पं. नेहरू, इंदिरा, राजीव का सादर उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने लौह पुरूष वल्लभाई पटेल और जय जवान जय किसान के उदघोषक लाल बहादुर शास्त्री का नाम लेने से परहेज कर संकीर्णता का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित राज्य भी भारतीय गणतंत्र के उसी तरह भाग है, जिस तरह गैर कांग्रेस शासित राज्य है। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस शासित राज्यों की उपलब्धियों का महिमा मंडित किया। प्रधानमंत्री भूल गए कि देश की विकास दर यदि 5 प्रतिशत भी है, तो इसका श्रेय गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और पंजाब को है जहां विकास दर राष्ट्रीय औसत से दोगुना से अधिक है, लेकिन इन राज्यों का भाषण में नाम तक नहीं लिया।
उन्होंने कहा कि देश की जनता जिस महंगाई, भ्रष्टाचार से त्रस्त है पूरे भाषण में प्रधानमंत्री ने उसका जिक्र तक नहीं किया जबकि इसको लेकर कोई स्पष्ट नीति दिखायी नहीं दी। इसी तरह सीमा पर बढ़ते खतरों से निपटने के लिए जिन तेजाबी तेवरों की अपेक्षा थी, उसको लेकर भी प्रधानमंत्री ने देश की जनता को निराश किया है। उनके कार्यकाल के समापन भाषण में जो धार दिखाई देना थी उसकी कमी ने जन जन को आहत किया है। उनकी स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से दिया गया भाषण कांग्रेस प्रवक्ता का भाषण बनकर रह गया है।