बिहार न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

कई भाइयों की कलाइयां सूनी कर गया रेल हादसा

By मनोज पाठक
Google Oneindia News

खगड़िया| बिहार में सहरसा से पटना जा रही राज्यरानी एक्सप्रेस ने सोमवार को कई लोगों के सपने उजाड़ दिए, तो कई को ऐसी टीस दी है जो जीवन में शायद ही भरी जा सके। बिहार के सहरसा-मानसी रेलखंड के धमारा घाट रेलवे स्टेशन के समीप सोमवार सुबह राज्यरानी एक्सप्रेस से कटकर 37 लोगों की उस समय मौत हो गई, जब वे पटरी पर चल रहे थे। हालांकि रेलवे विभाग अभी 28 लोगों के मरने की बात कह रहा है।

इस घटना के बाद कई गांवों में एक साथ कई चिताएं सजाई गईं, वहीं कई भाइयों की कलाइयां इस रक्षा बंधन पर सूनी हो गई हैं। खगड़िया जिले के धुसमुरी गांव में एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत इस हादसे में हो गई है। इस परिवार में बचे सिर्फ एक युवक राजू यादव का रो-रोकर बुरा हाल है।

Train accident Bihar

स्थानीय मुखिया कुंदन देवी बताती हैं कि गांव के लक्ष्मी यादव, उनकी पत्नी उमा देवी, उनके पोते पिंटू, रामगिरीश सिंह और प्रियंका कुमारी की मौत हो गई है। सभी लोग सोमवार को कात्यायनी स्थान पूजा करने गए थे। राखी के त्योहार के पूर्व बहन क्या, राजू का पूरा परिवार समाप्त हो गया है। वह कहता है कि उसने तो सब कुछ खो दिया। बूढ़े मां-बाप, बहन, उसका बेटा और भांजा सभी को रेलगाड़ी ने लील लिया। उसे क्या पता था कि अपने परिवार के जिन लोगों को वह बड़ी तन्मयता से कात्यायानी धाम पूजा करने के लिए भेज रहा है, वे अब कभी नहीं लौटेंगे।

इसी तरह मद्रास दाढ़ गांव में भी एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई है। इस घटना के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। मानसी प्रखंड के खुटिया पंचायत में भी लोग इस हादसे को लेकर सहम-से गए हैं। कई लोग रेलगाड़ी को कोस रहे हैं तो कई लोग सरकार को दोष दे रहे हैं। यहां के लोग कहते हैं कि अभी भी इन इलाकों में सड़क का नहीं होना दुख की बात है। खुटिया में दुखनी देवी, सौरभ ठाकुर, सुशीला देवी और दुखा यादव की असमय ही मौत हो गई है।

इस हादसे में अपना पैर गंवा चुके नागेश्वर राम की हालत और खराब है। वे कहते हैं कि उनके द्वारा कामधंधा करने के बाद ही उनके परिवार की रोजी-रोटी चलती थी, अब तो पैर ही नहीं रहा। वे कहते हैं कि राखी की बात छोड़िए अब तो मैं खुद को ही सहारा नहीं दे सकता तो अपनी बहन को सुरक्षा क्या दे पाऊंगा। इस घटना के बाद भले ही मृतकों की संख्या में केन्द्र और राज्य सरकार में एक मत न हो, परंतु इतना तय है कि इस भयावह हादसे ने कई घरों के चिराग बुझा दिए हैं। ग्रामीण कहते हैं कि जो होना था सो तो हो गया, परंतु राज्य और केन्द्र सरकार इतना जरूर करें कि अब देश में इस तरह की घटना न हो।

English summary
Rajrani express accident ruined some falmilies and made their festival, Raksha Bandhan sorrowful. See the pathetic story here.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X