26/11: पाक में घूम रहे 26/11 का मास्टरमाइंड और उसके साथी
मुंबई। पांच दिन पहले मुंबई आतंकी हमले में पकड़े गये एक मात्र आंकवादी अजमल आमिर कसाब को फांसी के फंदे पर लटका दिया गया। यह खबर आते ही पूरे देश में दीवाली हुई। कुछ हद तक उन लोगों के दिलों को भी राहत पहुंची, जिन्होंने 26/11 2008 को अपने अपनों को खोया था। लेकिन सही मायने में देखा जाये तो अभी 26/11 का बदला पूरा नहीं हुआ है। आज भी लश्कर का संस्थापक व इस हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद खुला घूम रहा है।
पाकिस्तान सरकार ने कसाब का शव लेने से यह कहकर इंकार कर दिया, कि वो उनके देश का नहीं है, वहीं इसी हाफिज सईद ने दो दिन पहले हजारों लोगों के साथ खड़े होकर कसाब को श्रद्धांजलि दी। कसाब को पाकिस्तान में घयाबाना नमाज़-ए-जनाजा पेश किया गया। कसाब को कहीं और नहीं बल्कि लाहौर के पास मुरीदके में स्थित जमात-उद-दावा के मुख्यालय पर दो दिन के आतंकी शिवर की समाप्ति के दौरान दिया गया।
26/11 हमले में 166 लोगों को मौत की नींद सुलाने वाले 10 आतंकियों में से सिर्फ कसाब को पकड़ा जा सका, बाकी के सभी आतंकी मारे गये। वहीं मास्टर माइंड और उसके 10 और सहायक अभी जिंदा हैं। जब तक ये 10 आतंकी जिंदा हैं, तब तक मुंबई हमले के पीडि़तों को न्याय नहीं मिल सकता।
अफसोस इस बात का कि यह जानते हुए भी कि हाफिज सईद, जकीउर रहमान लखवी मेजर समीर अली समेत कई लोग खुले घूम रहे हैं, भारत सरकार पड़ोसी देश से दोस्ताना संबंध बनाने के लिये बार-बार हाथ बढ़ा रहा है। भारत-पाकिस्तान क्रिकेट सीरीज भी जल्द होने वाली है। जिस दिन कसाब को फांसी हुई है, उस दिन हमारे विदेश मंत्री को पाकिस्तान जाना था। बार-बार पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध बनाने से ज्यादा जरूरी है पीडि़तों को न्याय दिलाना।
26/11 हमले में किसने क्या किया?
हाफिज सईद
लश्कर के संस्थापक हाफिज सईद ने 26/11 हमले की योजना बनायी और किसे क्या करना है यह सब तय किया। सईद ने ही भारत आये 10 आतंकियों को ट्रेनिंग दी थी। भारत ने सईद के खिलाफ कई सबूत पाक को सौंपे, लेकिन पाक की कोर्ट उन सबूतों को मानने को तैयार नहीं। सईद आज भी आज़ाद है। भारत और अमेरिका ने सईद पर 1 करोड़ डॉलर का ईनाम रखा है।
जकी-उर-रहमान लखवी
लश्कर का यह ऑपरेशनल कमांडर है, जिसने 26/11 हमले को कोऑर्डिनेट किया था। जिस समय कसाब समेत 10 आतंकी हमले को अंजाम दे रहे थे, उस वक्त कराची में कंट्रोल रूम में बैठकर लखवी उन्हें दिशा-निर्देश दे रहा था।
साजिद मीर
साजिद मीर भी लश्कर का कमांडर है, जिसने कंट्रोल रूम में बैठ कर उन लोगों को दिशा-निर्देश दिये थे, जो हमले से पहले तैयारी करने गये थे। यही वह व्यक्ति है, जिसने लक्ष्य निर्धारित किये थे।
अब्दुर रहमान हाशिम सैय्यद
यह वो व्यक्ति है, जिसने 26/11 हमलों का अध्ययन किया और उसी की सीरीज़ में कई अन्य हमले करने की तैयारी की। यह अभी आज़ाद है।
मेजर इकबाल
आईएसआई के मेजर इकबाल भी उस समय कंट्रोल रूम में उपस्थित थे। इकबाल ने आतंकियों को ट्रेनिंग देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। पाकिस्तान का कहना है कि आईएसआई में मेजर इकबाल नाम का कोई व्यक्ति है ही नहीं।
अबु जुंदाल
अबु जुंदाल एक मात्र भारतीय है, जो कंट्रोल रूम में उस समय मौजूद था। उसने सभी 10 आतंकियों को हिन्दी सिखायी थी। उन्हें मुंबई में कैसे किससे बात करनी है, यह सिखाया था। यह सउदी अरब में पकड़ा गया था, जो इस समय हिरासत में है।
डेविड कोलमैन हेडली
इस आतंकी का जन्म पाकिस्तान में हुआ और फिर वह अमेरिका में रहने चला गया। वहीं की नागरिकता भी हासिल कर ली। उसके बाद वो भारत आया और होटल ताज, होटल ओबरॉय, नरीमन हाउस और लियोपोल्ड कैफे गया और वहां की स्थिति को टोहने का काम किया। यहां से जाने के बाद उसने प्लान बनाने में आईएसआई और लश्कर की मदद की। हेडली इस समय अमेरिका की जेल में है।
मेजर समीर अली
आईएसआई के एक और अधिकारी का नाम है मेजर समीर अली, जिसने हमलावरों को ट्रेनिंग दी थी। पाकिसतान अभी भी यह मानने से इंकार कर रहा है कि मेजर समीर अली नाम का कोई व्यक्ति है भी।
अबू हमजा
अबू हमजा 26/11 हमलावरों का मुख्य ट्रेनर था। यह वही व्यक्ति है, जिसने आईआईएसई बेंगलूरु में हमला किया था। यह भी उस वक्त कंट्रोल रूम में था।
जरार शाह
लश्कर-ए-तैयबा के चीफ कमांडर कम्युनिकेशन जरार शाह ने लड़ाकों को समुद्री रास्ते से जाते वक्त संपर्क साधने की ट्रेनिंग दी थी। यह बात अभी पक्के तौर पर नहीं कह सकते कि यह पाक जेल में है या आजाद घूम रहा है।
तहव्वुर हुसैन राणा
तहव्वुर हुसैन राणा पाकिस्तानी आतंकी है, जो कनाडा में रहता था। उसने डेविड हेडली की मुंबई जाने में मदद की थी। इसी व्यक्ति ने उसे धन भी मुहैया कराया था।
अजमल कसाब और 10 आतंकी
सच पूछिए तो अजमल कसाब और उसके 10 साथी हाफिज सईद से लेकर राणा तक जैसे लोगों की कठपुतली बने और एके-47 लेकर मुंबई में घुस गये।