शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल ने दिया सरकार से इस्तीफा!
वरीयता सूची में राकांपा प्रमुख का नाम तीसरे नंबर पर किए जाने से नाराज कृषि मंत्री पवार और भारी उद्योग मंत्री प्रफुल्ल पटेल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाली बैठक में शामिल नहीं हुए। ऐसा आठ साल बाद हुआ है, जब पवार समेत उनकी पार्टी ने कांग्रेस की बैठक का बहिष्कार किया हो।
राकांपा प्रवक्ता डीपी त्रिपाठी ने बताया कि हम शामिल (बैठक में) नहीं हुए। उन्होंने हालांकि कोई कारण नहीं बताया और कहा कि कोई टिप्पणी नहीं। मंत्रिमंडल की बैठक प्रधानमंत्री आवास पर शाम छह बजे थी और पवार, पटेल तथा त्रिपाठी के साथ यहां अपने आवास पर थे। सरकार में वरीयता क्रम में दूसरा स्थान रखने वाले प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के चलते सरकार से त्याग पत्र दे दिया था।
विवाद तब शुरू हुआ जब मंत्रिमंडल की पिछली बैठक में यह संकेत देते हुए प्रधानमंत्री के बगल वाली कुर्सी रक्षामंत्री एके एंटनी को दे दी गई कि अब वरीयता सूची में दूसरे नंबर पर उनका नाम है। पवार को एंटनी के बगल वाली कुर्सी मिली थी। इस कुर्सी पर वह तब भी बैठा करते थे जब मुखर्जी सरकार में थे। इससे संभवत: पवार नाराज हो गए। राकांपा ने गत शनिवार को उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर हुई संप्रग की बैठक से भी खुद को दूर रखा था।
जब त्रिपाठी से पूछा गया कि क्या वरिष्ठता क्रम में तब्दीली मुद्दा है, उन्होंने कहा कि पवार ने कभी भी कोई दर्जा नहीं मांगा और (बैठक का बहिष्कार करने के) मुद्दे कहीं ज्यादा बड़े हैं। जब उनसे राकांपा के भावी कदम के बारे में पूछा गया तब उन्होंने बस इतना कहा कि हम पार्टी के अंदर चर्चा करेंगे। राकांपा सूत्रों ने कहा कि जिस तरह कांग्रेस गठबंधन चला रही है, उससे पार्टी नाराज है।
कांग्रेस पर गठबंधन चलाने के दौरान टकराव का रास्ता अपनाने का आरोप लगाते हुए पार्टी सूत्र ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अशिष्टता एवं तंगदिली का परिचय दे रही है। कुछ व्यवस्थाएं थी। उसने उसे बिगाड़ा है। इशारा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और तत्कालीन वित्त मंत्री मुखर्जी के बाद पवार के तीसरे नंबर पर आने की ओर था।
पार्टी महसूस करती है कि राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए मुखर्जी के सरकार छोड़ने के बाद पवार मंत्रिमंडल में स्वत: ही दूसरे स्थान पर आ गए। पार्टी के अंदर काफी नाखुशी होने का संकेत देते हुए एक पार्टी नेता ने कहा कि हम सहयोगी है न कि कांग्रेस पार्टी के नौकर, चमचा या पांवपोश।