समझौता किया होता तो आज पुलिस कमिश्नर होती: किरण बेदी
सामाजिक सक्रियता पर वार्ता सत्र में चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि कुछ नौकरशाहों एवं राजनीतिज्ञों ने यह तय करने के लिए साजिश रची कि दिल्ली में कोई महिला पुलिस प्रमुख नहीं बन पाए। किरण बेदी के अतिरिक्त स्वरोजगार महिला संगठन की सामाजिक सुरक्षा निदेशक मिराय चटर्जी, टीच फॉर इंडिया संस्थापक शाहीन मिस्त्री और भारतीय प्रबंधन संस्थान बेंगलूर में प्रोफेसर गीता सेन ने भी वक्ताओं के रूप में भाग लिया।
बर्नार्ड कॉलेज की अध्यक्ष डेबोरा स्पार ने कहा, भारत में महिलाओं की महत्वपूर्ण भागीदारी है। वे अपने समुदायों की नेता हैं, आर्थिक विकास, आंदोलनों, कारपोरेट बोर्ड कक्षों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है और यहां हो रही प्रत्येक घटना पर उनका प्रभाव है। क्षेत्र की आवाजें विषय पर परिचर्चा में नंदिता दास, फराह खान, पत्रकार मल्लिका कपूर और वास्तुकार एवं संरक्षणवादी वृंदा सोमाया जैसी हस्तियों ने भाग लिया। उद्यम के जरिए सशक्त हो रहीं महिलाएं विषय पर परिचर्चा में क्रेडिट सुइसे इंडिया की प्रबंध निदेशक एवं उपाध्यक्ष वेदिका भंडारकर, राजस्थान के सोडा गांव की सरपंच छवि राजावत, फैशन डिजाइनर एवं भाजपा नेता शाइना एनसी तथा कारपोरेट अधिवक्ता जिया मोदी ने हिस्सा लिया। यह वार्षिक गोष्ठी 2009 में बीजिंग में, 2010 में दुबई में और 2011 में जोहान्सबर्ग में आयोजित की गई थी। अगले साल यह गोष्ठी ब्राजील में होगी।