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सूनामी की बरसी पर थम गया जापान

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तोक्यो। जापान में रविवार आम जनजीवन एक बार फिर ठहर सा गया। क्योंकि देश में भूकंप और उसके बाद आई सुनामी के कहर की पहली बरसी थी। इस प्राकृतिक आपदा के कारण जापान में करीब 19,000 लोग मारे गए थे और लाखों लोगों का जीवन ही बदल गया। देश में स्थानीय समयानुसार दोपहर दो बज कर 46 मिनट पर ट्रेनें रूक गई, लोग जहां भी होंगे वहीं कुछ पलों के लिए मौन खड़े हो गये और बस सेवाएं थम गई।

यह वही समय है जब पिछले साल 9.0 तीव्रता का भूकंप आया था और फिर सुनामी आई जिससे भयावह तबाही मची थी। तोक्यों में एक राष्ट्रीय आयोजन होगा जिसमें प्रधानमंत्री और जापान नरेश देश में युद्ध के बाद के इस सर्वाधिक भीषण हादसे में जान गंवाने वालों के लिए प्रार्थना करेंगे। सुनामी की वजह से देश के तटीय भागों में बसे छोटे ग्रामीण शहर तहस नहस हो गए थे।

ये शहर फिर से बस गए हैं लेकिन अपनों को खोने की पीड़ा कम नहीं हुई। इन शहरों में अपनों की ही याद में समारोह होंगे। इशिनोमाकी शहर में सुनामी की भेंट चढ़े लोगों की याद में उनके परिजन आज कब्रिस्तान जा कर फूल अर्पित करेंगे। फुकुशिमा और समीपवर्ती कोरियामा शहर में हजारों लोगों के एकत्र हो कर परमाणु विरोधी प्रदर्शन करने की उम्मीद है। ये लोग फुकुशिमा दाइची संयंत्र के संकट के संदर्भ में परमाणु गतिविधियां समाप्त करने की मांग कर रहे हैं।

बीते साल 11 मार्च को आयी इस आपदा में 1986 के बाद विश्व के सबसे भयानक परमाणु संकट का सामना करना पड़ा था। जापान के पूर्वोत्तर इलाके आइवेत, मियागी और फुकुशिमा में सुनामी ने सबसे ज्यादा तबाही मचायी थी। इन इलाकों में भी स्मृति सभाएं आयोजित की गयीं। इसके अलावा तोक्यो और देश के अन्य हिस्सों में भी दोपहर दो बजकर 46 मिनट पर मौन रखा गया।

गौरतलब है कि पिछले साल इसी दिन दोपहर दो बजकर 46 मिनट पर ही 9.0 की तीव्रता वाला भूकंप आया था जिससे पूरा देश हिल गया था और फुकुशिमा दायची परमाणु संयंत्र में विकिरण संकट पैदा हो गया था।

जापान के सम्राट अकिहीतो और प्रधानमंत्री योशिहिको नोडा ने तोक्यो के नेशनल थिएटर में आयोजित मुख्य स्मृति सभा की अगुवाई की। यहां क्रिसेनथेमम्स से सजा एक खंभा खड़ा किया गया था जिस पर लिली के फूल लगाए गए थे। इसे पीडि़तों की आत्मा मानकर श्रद्वांजलि दी गयी। काले लिबास में करीब 1,200 लोगों ने सभा में शिरकत की और आपदा में जान गंवाने वालों के लिए कुछ देर तक मौन धारण किया।

पिछले साल आए विनाशकारी भूकंप की वजह से फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में कई विस्फोट हुए थे। विकिरण से बचाव के लिए हजारों लोगों को उस इलाके से बाहर निकालना पड़ा था। भूकंप के तुरंत बाद पूर्वोत्तर तट से पैदा हुई सुनामी कई इमारतों, कारों और जहाजों को अपने साथ ले गयी। इससे कई तटीय शहर तबाह हो गए। दोहरी प्राकृतिक आपदा की मार से 15,800 लोग मारे गए थे जबकि 3,000 से ज्यादा लोगों का पता नहीं चल पाया।

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English summary
Japan fell silent Sunday to honour the 19,000 people killed a year ago in a catastrophic earthquake and tsunami that triggered the world’s worst nuclear crisis in a generation.
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