जाट आरक्षण: बल प्रयोग के बाद सरकार बैकफुट पर
हालांकि पुलिस झड़प में मारे गए 18 वर्षीय युवक संदीप का शव लेकर जाट आंदोलनकारी हिसार-दिल्ली रेल मार्ग पर पडऩे वाले गांव रामायण के पास बैठें हैं। वहीं पुलिस प्रशासन ने अपने वक्तव्य में कहा था कि संदीप की मौत पुलिस की फायरिंग से नहीं हुई है। हांसी सदर में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। उधर, भिवानी में जाट नेताओं की बैठक हुई जहां गुरूवार को सुबह 10 बजे जाटा आरक्षण समिति की बैठक बुलाई गई है। जाटों की मांग है कि सरकार गिरफ्तार किए गए जाट नेताओं व अन्य लोगों को रिहा करे अन्यथा आंदोलन और भी हिंसक हो सकता है।
फतेहाबाद में बुधवार को गाजूवाला रेलवे ट्रेक पर अपद्रवियों ने रेल मार्ग स्लीपरो में आग लगा दी। वहीं मय्यड़ में प्रदर्शनकारियों ने एक फैक्ट्री में तोडफ़ोड़। अमित कुमार अग्रवाल के अनुसार इलाके में शांति का माहौल है और ग्रामीणों ने सड़के जाम न करने का भरौसा दिया है। इलाके में आरपीएफ तैनात है। जाट आरक्षण समिति सरकारी नौकरियों में ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण की मांग को लेकर संघर्षरत हैं। जाट आरक्षण समिति के एक धड़े के आंदोलन से हटने के बाद खाप पंचायतें भी जाट आरक्षण समिति के संघर्ष से अलग हो गई थी। सरकार ने समिति के साथ हुए समझौते के तहत 6 महीने का वक्त देने की बात कही थी। जिस पर सांगवान धड़ा व खाप तैयार हो गई थी जबकि जाट आरक्षण समिति समझौते के बावजूद ट्रेक से नहीं उठी। जिसके बाद पुलिस बल का प्रयोग हुआ।