एमसीएक्स में स्टेट बैंक की किस्मत चमकी
2012 का पहला आईपीओ (शुरुआती पब्लिक ऑफर) बड़े ही धमाकेदार अंदाज में आ रहा है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एमसीएक्स) का इश्यू बुधवार को खुलेगा और प्राइस-बैंड 860 से 1032 रुपए रखा गया है। लेकिन ग्रे मार्केट में अभी से इसमें ऊपरी मूल्य पर 400 से 500 रुपए का प्रीमियम चल रहा है। इससे आईपीओ के प्रति निवेशकों के रुझान का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। निवेशकों को इस इश्यू से शुरुआत में ही 40 फीसदी रिटर्न मिलने की उम्मीद है। लेकिन कंपनी में आठ साल पहले निवेश करनेवाले तीन सरकारी बैंकों को यह आईपीओ इश्यू मूल्य पर ही 129 गुना रिटर्न दे रहा है।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), बैंक ऑफ बड़ौदा और कॉरपोरेशन बैंक ने करीब आठ साल पहले एमसीएक्स के दस रुपए के शेयर दस रुपए मूल्य पर ही लिये थे। पिछले साल 15 मार्च 2011 को कंपनी ने सभी शेयरधारकों को हर चार पर एक शेयर बोनस के रूप में दे दिए। इस तरह इन बैंकों के लिए एमसीएक्स में निवेश की लागत प्रति शेयर 8 रुपए पड़ी है। अगर आईपीओ में बोलियों के आधार पर इश्यू मूल्य 1320 रुपए तय किया जाता है, जिसकी संभावना ज्यादा है, तो इन बैंकों को 8 रुपए के 1032 रुपए यानी 129 गुना रिटर्न मिल जाएगा। इस रिटर्न की सालाना चक्रवृद्धि दर 83.58 फीसदी निकलती है।
बता दें कि आईपीओ के तहत एमसीएक्स अपने कोई नए शेयर नहीं जारी कर रहा, बल्कि यह एक तरह का ऑफर फॉर सेल है। कंपनी की कुल इक्विटी 50.998 करोड़ रुपए है जो दस रुपए अंकित मूल्य के 5 करोड़ 9 लाख 98 हज़ार 369 शेयरों में विभाजित है। आईपीओ के जरिए इसके 64 लाख 27 हज़ार 378 यानी 12.60 फीसदी शेयर बेचे जा रहे हैं। इसमें एक्सचेंज की मुख्य प्रवर्तक फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज़ अपने 26,43,916 शेयर निकाल रही है। इसके बाद कंपनी में उसकी इक्विटी हिस्सेदारी 31.18 फीसदी से घटकर 26 फीसदी रह जाएगी।
एसबीआई के पास अभी एमसीएक्स के 26,40,031 शेयर हैं। इसमें से वह 21,12,025 शेयर निकाल रहा है। इस तरह आईपीओ के बाद कंपनी में उसकी हिस्सेदारी 5.18 फीसदी से घटकर 1.04 फीसदी रह जाएगी। कॉरपोरेशन बैंक अपने 17,75,000 शेयरों में से 2,46,175 शेयर बेच रहा है। इश्यू के बाद उसकी हिस्सेदारी 3.48 फीसदी से घटकर 3 फीसदी रह जाएगी।
बैंक ऑफ बड़ौदा कंपनी के अपने 5,25,00 शेयरों में 1,05,000 शेयर निकाल रहा है और इश्यू के बाद उसकी हिस्सेदारी 1.03 फीसदी से घटकर 0.82 फीसदी पर आ जाएगी। कंपनी में यूनियन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, एचडीएफसी बैंक, नाबार्ड, आईएफसीआई, एचटी मीडिया, बेनेट कोलमैन एंड कंपनी और एसबीआई के सहायक बैंकों ने भी निवेश कर रखा है। लेकिन वे अभी अपना कोई निवेश निकाल नहीं रहे हैं।
आईपीओ के जरिये फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज, भारतीय स्टेट बैंक (इक्विटी), जीएलजी फाइनेंशियल फंड, एलेक्जेंड्रा मारिशस लिमिटेड, कॉरपोरेशन बैंक, आईसीआईसीआई लोंबार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी और बैंक ऑफ बड़ौदा एमसीएक्स के अपने शेयर बेच रहे हैं। इन सबकी कंपनी में कुल 44.11 फीसदी हिस्सेदारी है और फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज अपनी हिस्सेदारी घटाकर 26 फीसदी करने जा रही है, जिससे कि कमोडिटी एक्सचेंजों में शेयरधारिता के नियमों का पालन हो सके। दूसरे शेयरधारक भी अपनी हिस्सेदारी का कुछ भाग को बेच रहे हैं।
एमसीएक्स में इसके अलावा पासपोर्ट कैपिटल, मेरिल लिंच, यूरोनेक्स्ट, इंटेल कैपिटल, न्यू वेरनॉन प्राइवेट इक्विटी, आईसीआईसीआई वेंचर्स और कोटक प्राइवेट इक्विटी जैसे नामी निवेशकों ने भी धन लगा रखा है और इनमें से कोई भी आईपीओ के जरिए अपने शेयर नहीं निकाल रहा है। असल में, इन सभी को एमसीएक्स के धंधे के बढ़ने के साथ अपने निवेश का मूल्य भी काफी बढ़ जाने की उम्मीद है।
बता दें कि दिसंबर 2011 तक के नौ महीनों में एमसीएक्स में कमोडिटी फ्यूचर्स का कारोबार 119.81 लाख करोड़ रुपए रहा है। इतना विशाल आंकड़ा तब है, जब कमोडिटी फ्यूचर्स के कारोबार में एफआईआई, बैंकों व म्यूचुअल फंडों को भाग लेने की इजाजत नहीं है। नोट करने की बात यह भी है है कि कमोडिटी डेरिवेटिव्स में अभी तक शेयर बाजार की तरह ऑप्शंस का विकल्प नहीं शुरू किया गया है। कमोडिटी फ्यूचर्स में देश में हो रहे मौजूदा कारोबार में एमसीएक्स की हिस्सेदारी 87.3 फीसदी है। इसी के चलते तमाम बड़े निवेशकों का एमसीएक्स पर भरोसा कायम है।